युजर नाम -: प्रवीण दानोदिया
पोस्ट नबर -: 04
शीर्षक -: प्रिय पत्नी
दुनिया को छोड़ो मेरे लिए आज भी काची कचणार हो।
पनघट से आती सुंदर हुर, मुमल सी साची, पाणीहार हो।।
मै तो कृष्ण कोनी लेकिंन थे राधिका रा राणीहार हो।
पत्नियां बहुत देखी पण थे सती सावत्री स्तनार हो ।।
अगर खुदा ना मिलाता तो पका मै बन जात ...
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- Mon Mar 10, 2025 10:29 pm
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- Topic: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
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- Mon Mar 10, 2025 10:08 pm
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
युजर नाम -: प्रवीण दानोदिया
पोस्ट नबर -: 03
शीर्षक -: मेरी सरकार
हिमालय से निकली पवित्र गंगा की धार हो तुम।
मेरे जीवन का अब तक का प्रिय सार हो तुम।।
बात ना हो तो मचने वाली खलबली तरकार हो तुम।
मेरी हर गलती माफ़ी मेरी अलबेली सरकार हो तुम।।
कैसे कहु कुछ नही दिया आप मेरे लिए खान हो।
परिचय कभी भी कराऊ ...
पोस्ट नबर -: 03
शीर्षक -: मेरी सरकार
हिमालय से निकली पवित्र गंगा की धार हो तुम।
मेरे जीवन का अब तक का प्रिय सार हो तुम।।
बात ना हो तो मचने वाली खलबली तरकार हो तुम।
मेरी हर गलती माफ़ी मेरी अलबेली सरकार हो तुम।।
कैसे कहु कुछ नही दिया आप मेरे लिए खान हो।
परिचय कभी भी कराऊ ...
- Mon Mar 10, 2025 10:00 pm
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
युजर नाम -: प्रवीण दानोदिया
पोस्ट नबर -: 02
शीर्षक -: प्रेम
थासु प्रीत सात जन्मा री,
यो जन्म सुधार साजन ।
प्रेम री खाई घणी गह री,
तैर डुबकी लगा र साजन।।
दोन्या रै प्रेम री नाजुक डोरी,
काठी राख घुळा र साजन।।
जीवन री जेवड़ी घणी दोरी,
थोड़ी थोड़ी बंटा'र साजन।।
घुळ मिल रैवा उम्र कटी सोरी
लग जावै नाँव प ...
पोस्ट नबर -: 02
शीर्षक -: प्रेम
थासु प्रीत सात जन्मा री,
यो जन्म सुधार साजन ।
प्रेम री खाई घणी गह री,
तैर डुबकी लगा र साजन।।
दोन्या रै प्रेम री नाजुक डोरी,
काठी राख घुळा र साजन।।
जीवन री जेवड़ी घणी दोरी,
थोड़ी थोड़ी बंटा'र साजन।।
घुळ मिल रैवा उम्र कटी सोरी
लग जावै नाँव प ...
- Mon Mar 10, 2025 9:55 pm
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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
युजर नाम -: प्रवीण दानोदिया
पोस्ट -: 01
शीर्षक -: जो बच सकता है बचा लो
जो बच सकता है उसे बचा लो ...
दौड़ती जिंदगी में अरमान बचा लो।
गहरी नींद के कुछ ख्वाब बचा लो।।
जो बच सकता है उसे बचा लो
अपनी किस्मत की लकीर लिखा लो।
अपने नसीब की कुछ आस बचा लो।।
जो बच सकता है उसे बचा लो....
जाती सरकार स कुछ उम ...
पोस्ट -: 01
शीर्षक -: जो बच सकता है बचा लो
जो बच सकता है उसे बचा लो ...
दौड़ती जिंदगी में अरमान बचा लो।
गहरी नींद के कुछ ख्वाब बचा लो।।
जो बच सकता है उसे बचा लो
अपनी किस्मत की लकीर लिखा लो।
अपने नसीब की कुछ आस बचा लो।।
जो बच सकता है उसे बचा लो....
जाती सरकार स कुछ उम ...