Abhilasha Raikwar
शीर्षक रूह के एहसास
खिल उठती हैं नादानिया मेरी, दायरे में आके तुम्हारे,
बचपना जाग उठता है मेरा , पाके साथ तुम्हारा,
सुबह से शाम,शाम से रात, कुछ यूं इन हिस्सो मे,
24 घंटो के किस्सो में, घटती जा रही हैं जिंदगी,
और जो बढ़ रहा है बेइंतहा, वो प्यार है मेरा, तुम्हारे लिए,
मीलो की दूर ...
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- Mon Feb 17, 2025 2:58 pm
- Forum: हिन्दी प्रतियोगिता : हिन्दी में - पदो, लिखो और कमाओ!
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