Source: https://www.dnaindia.com/hindi/india/ne ... ir-4143843जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला ने EVM में हेराफेरी के आरोपों से पूरी तरह इनकार किया है. कांग्रेस से इस मुद्दे पर विरोध बंद करने की अपील की है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि EVM को हार के लिए बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए. कांग्रेस को चुनाव परिणाम स्वीकार कर लेना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जब कांग्रेस चुनाव जीतती है तो EVM को सही मानती है, लेकिन जब हार होती है. तो इसे दोषी ठहराया जाता है.
उमर अब्दुल्ला कही ये बात
उमर अब्दुल्ला ने यह बयान एक इंटरव्यू में दिया था, जिसमें उन्होंने चुनावों के परिणामों को मान्यता देने का महत्व बताया. उन्होंने कहा कि यह नहीं हो सकता कि जब चुनावों में जीत हो, तो EVM को कोई समस्या नहीं होती. जब हार हो तो वही मशीन सवालों के घेरे में आ जाती है. इस बयान के बाद कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने सवाल उठाया कि सीएम बनने के बाद उमर अब्दुल्ला के रुख में यह बदलाव क्यों आया है? उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी, NCP और शिवसेना-UBT जैसे दलों ने भी EVM पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस चुनाव आयोग के सामने ही यह मुद्दा उठाती है न कि किसी अन्य मंच पर.
मशीनों में हेराफेरी के लगाए आरोप
EVM पर यह विवाद हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद तेज हुआ है, जहां हारने वाले दलों ने मशीनों में हेराफेरी के आरोप लगाए. हालांकि, BJP ने इस तरह के आरोपों को हमेशा नकारा है. कहा है कि जब चुनाव कांग्रेस के पक्ष में होते हैं, तो उन्हें कोई समस्या नहीं होती, लेकिन जब परिणाम विपरीत आते हैं, तो EVM पर सवाल उठाए जाते हैं.
'सीएम बनते ही रवैया क्यों बदल गया?', EVM के बचाव में आए उमर अब्दुल्ला से नराज हुई कांग्रेस
Forum rules
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972
2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972
2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
-
- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
- Posts: 1779
- Joined: Sat Jul 13, 2024 10:35 am
- Contact:
'सीएम बनते ही रवैया क्यों बदल गया?', EVM के बचाव में आए उमर अब्दुल्ला से नराज हुई कांग्रेस
Tags:
-
- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
- Posts: 1824
- Joined: Tue Jul 16, 2024 8:47 pm
Re: 'सीएम बनते ही रवैया क्यों बदल गया?', EVM के बचाव में आए उमर अब्दुल्ला से नराज हुई कांग्रेस
सुप्रीम कोर्ट ने 26 नवंबर 2024 को एक PIL को खारिज कर दिया, जिसमें इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनों (EVMs) के स्थान पर बैलेट पेपर को फिर से लागू करने की मांग की गई थी। कोर्ट ने टिप्पणी की कि मशीनों पर दोष केवल तभी लगाया जाता है जब कोई चुनाव हारता है।
"जो होता है, वह यह है कि अगर आप चुनाव जीतते हैं, तो EVMs में कोई छेड़छाड़ नहीं होती। जब आप चुनाव हारते हैं, तो EVMs में छेड़छाड़ की जाती है। जब चंद्रबाबू नायडू हार गए, तो उन्होंने कहा कि EVMs में छेड़छाड़ हो सकती है। अब, इस बार, जगन मोहन रेड्डी हार गए, तो उन्होंने कहा कि EVMs में छेड़छाड़ हो सकती है," न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा, जो दो न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे थे, जबकि उन्होंने ईवेंजिलिस्ट K A Paul द्वारा दायर PIL को खारिज किया।
बैलेट पेपर की वापसी की मांग को "अविचारपूर्ण" बताते हुए न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि इससे चुनावी सुधारों को उलट दिया जाएगा। "EVMs के महत्वपूर्ण फायदे हैं," उन्होंने कहा। "EVMs ने बूथ कैप्चरिंग को प्रभावी रूप से समाप्त कर दिया है, क्योंकि ये वोट डालने की दर को प्रति मिनट 4 वोट तक सीमित कर देते हैं, जिससे समय बढ़ता है और इस प्रकार जाली वोट डालने को रोका जाता है। EVMs ने अवैध वोटों को समाप्त किया है... कागज के उपयोग को कम किया है... गणना की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया है और गलतियों को न्यूनतम किया है।"
अब कांग्रेस महाराष्ट्र चुनाव के बाद इस मुद्दे को उठा रही है।
"जो होता है, वह यह है कि अगर आप चुनाव जीतते हैं, तो EVMs में कोई छेड़छाड़ नहीं होती। जब आप चुनाव हारते हैं, तो EVMs में छेड़छाड़ की जाती है। जब चंद्रबाबू नायडू हार गए, तो उन्होंने कहा कि EVMs में छेड़छाड़ हो सकती है। अब, इस बार, जगन मोहन रेड्डी हार गए, तो उन्होंने कहा कि EVMs में छेड़छाड़ हो सकती है," न्यायमूर्ति विक्रम नाथ ने कहा, जो दो न्यायाधीशों की पीठ की अध्यक्षता कर रहे थे, जबकि उन्होंने ईवेंजिलिस्ट K A Paul द्वारा दायर PIL को खारिज किया।
बैलेट पेपर की वापसी की मांग को "अविचारपूर्ण" बताते हुए न्यायमूर्ति खन्ना ने कहा कि इससे चुनावी सुधारों को उलट दिया जाएगा। "EVMs के महत्वपूर्ण फायदे हैं," उन्होंने कहा। "EVMs ने बूथ कैप्चरिंग को प्रभावी रूप से समाप्त कर दिया है, क्योंकि ये वोट डालने की दर को प्रति मिनट 4 वोट तक सीमित कर देते हैं, जिससे समय बढ़ता है और इस प्रकार जाली वोट डालने को रोका जाता है। EVMs ने अवैध वोटों को समाप्त किया है... कागज के उपयोग को कम किया है... गणना की प्रक्रिया को तेजी से पूरा किया है और गलतियों को न्यूनतम किया है।"
अब कांग्रेस महाराष्ट्र चुनाव के बाद इस मुद्दे को उठा रही है।
-
- 400 पार !! ये बाबा!!! ...मतलब की ऐसे ...!!!!
- Posts: 436
- Joined: Tue Dec 10, 2024 6:54 am
Re: 'सीएम बनते ही रवैया क्यों बदल गया?', EVM के बचाव में आए उमर अब्दुल्ला से नराज हुई कांग्रेस
LinkBlogs wrote: Mon Dec 16, 2024 4:04 pmSource: https://www.dnaindia.com/hindi/india/ne ... ir-4143843जम्मू-कश्मीर के CM उमर अब्दुल्ला ने EVM में हेराफेरी के आरोपों से पूरी तरह इनकार किया है. कांग्रेस से इस मुद्दे पर विरोध बंद करने की अपील की है. उमर अब्दुल्ला ने कहा कि EVM को हार के लिए बलि का बकरा नहीं बनाया जाना चाहिए. कांग्रेस को चुनाव परिणाम स्वीकार कर लेना चाहिए. उन्होंने यह भी कहा कि जब कांग्रेस चुनाव जीतती है तो EVM को सही मानती है, लेकिन जब हार होती है. तो इसे दोषी ठहराया जाता है.
उमर अब्दुल्ला कही ये बात
उमर अब्दुल्ला ने यह बयान एक इंटरव्यू में दिया था, जिसमें उन्होंने चुनावों के परिणामों को मान्यता देने का महत्व बताया. उन्होंने कहा कि यह नहीं हो सकता कि जब चुनावों में जीत हो, तो EVM को कोई समस्या नहीं होती. जब हार हो तो वही मशीन सवालों के घेरे में आ जाती है. इस बयान के बाद कांग्रेस ने तीखी प्रतिक्रिया दी है. कांग्रेस नेता मणिकम टैगोर ने सवाल उठाया कि सीएम बनने के बाद उमर अब्दुल्ला के रुख में यह बदलाव क्यों आया है? उन्होंने यह भी कहा कि समाजवादी पार्टी, NCP और शिवसेना-UBT जैसे दलों ने भी EVM पर सवाल उठाए हैं. कांग्रेस चुनाव आयोग के सामने ही यह मुद्दा उठाती है न कि किसी अन्य मंच पर.
मशीनों में हेराफेरी के लगाए आरोप
EVM पर यह विवाद हरियाणा और महाराष्ट्र विधानसभा चुनावों के बाद तेज हुआ है, जहां हारने वाले दलों ने मशीनों में हेराफेरी के आरोप लगाए. हालांकि, BJP ने इस तरह के आरोपों को हमेशा नकारा है. कहा है कि जब चुनाव कांग्रेस के पक्ष में होते हैं, तो उन्हें कोई समस्या नहीं होती, लेकिन जब परिणाम विपरीत आते हैं, तो EVM पर सवाल उठाए जाते हैं.