Source: https://www.indiatv.in/india/national/k ... 20-1069015कोलकाता में महिला डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले में अब तक हंगामा जारी है। इस पूरे मामले में कोलकाता पुलिस और पश्चिम बंगाल सरकार दोनों ही सवालों के घेरे में हैं। घटना को लेकर बैकफुट पर आई ममता बनर्जी सरकार ने हाल ही में रात्रेर साथी अभियान शुरू किया है। इस अभियान के तहत मेडिकल कॉलेज समेत विभिन्न स्थानों पर महिला वर्कर्स की सुरक्षा के लिए कुल 17 गाइडलाइंस जारी की गई हैं। हालाकि, सरकार द्वारा जारी इन गाइडलाइंस को भी अब सवालों के घेरे में खड़ा किया जा रहा है।
क्या है रात्रेर साथी फ्लैगशिप कार्यक्रम?
नाईट शिफ्ट में काम करने वाली महिलाओं की सुरक्षा के लिए पश्चिम बंगाल सरकार ने रात्रेर साथी फ्लैगशिप कार्यक्रम शुरू किया है। सरकार ने नोटिस में बताया है कि इस कार्यक्रम का उद्देश्य सरकारी अस्पतालों और मेडिकल कॉलेजों, छात्रावासों और अन्य स्थानों पर जुड़े रात की नाइट शिफ्ट में महिलाओं के लिए सुरक्षित कामकाजी परिस्थितियां प्रदान करना है।
क्या हैं गाइडलाइंस?
1. महिलाओं के लिए शौचालय सहित अलग से विश्राम कक्ष होने चाहिए।
2. रात्रेर साथी या महिला स्वयंसेवक रात में ड्यूटी पर रहेंगी।
3. सीसीटीवी निगरानी द्वारा पूर्ण कवरेज के साथ महिलाओं के लिए सुरक्षित क्षेत्रों की पहचान और निर्माण किया जाएगा।
4. अलार्म उपकरणों के साथ एक विशेष मोबाइल फोन ऐप विकसित किया जाएगा जिसे सभी कामकाजी महिलाओं को अनिवार्य रूप से डाउनलोड करना होगा और जो स्थानीय पुलिस स्टेशनों/पुलिस नियंत्रण कक्ष से जुड़ा होगा।
5. किसी भी घबराने वाली/आपातकालीन स्थिति के दौरान हेल्पलाइन नंबर 100/112 का व्यापक रूप से उपयोग किया जाना चाहिए।
6. मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों, सुपरस्पेशलिटी अस्पतालों, जिला अस्पतालों में सुरक्षा जांच और ब्रीथलाइज़र टेस्ट किया जाएगा।
7. सभी संगठनों से कार्यस्थलों पर महिलाओं पर यौन उत्पीड़न पर विशाखा समिति का गठन करने को कहा जाएगा, यदि अभी ऐसा नहीं किया जाता है तो।
8. महिला सुरक्षा से संबंधित मुद्दों पर सभी सरकारी प्रतिष्ठानों को कार्यक्रम चलाने के लिए कहा जाएगा। साथ ही निजी संगठनों से भी ऐसा करने का आग्रह किया जाएगा। यह कार्यक्रम सभी जिलों में चलाया जाएगा।
9. जोड़ियों में काम करना। संगठनों को कार्यक्रम तैयार करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा ताकि महिलाएं जोड़े या टीमों में काम करें और रात के दौरान एक-दूसरे की गतिविधियों को जान सकें।
10. निजी संस्थानों को भी रात्रेर साथी प्रोटोकॉल स्थापित करने के लिए प्रोत्साहित किया जाएगा।
इसके अतिरिक्त, निम्नलिखित कदम उठाने की भी बात कही गई है-:
(i) सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों, महिला छात्रावासों और ऐसे अन्य स्थानों पर रात में पुलिस गश्ती की जाएगी।
(ii) अस्पतालों आदि में सभी मंजिलों पर पर्याप्त पेयजल सुविधा होगी।
(iii) मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सभी डिपार्टमेंट, कर्मचारियों, सुरक्षा गार्ड आदि द्वारा पहचान पत्र प्रदर्शित होने चाहिए।
(iv) समग्र सुरक्षा पर्यवेक्षण के लिए सभी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों और जिला अस्पतालों में पुलिस द्वारा सुरक्षा अधिकारी तैनात किया जाएगा।
(v) महिला डॉक्टरों सहित महिलाओं के काम के घंटे एक समय में 12 घंटे से अधिक नहीं होने चाहिए।
(vi) जहां भी संभव हो, जहां तक संभव हो महिलाओं की रात्रि ड्यूटी से बचने को कहा गया है।
(vii) सरकारी मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों, जिला मेडिकल कॉलेजों और अस्पतालों में सुरक्षा में पुरुष और महिला गार्ड की संख्या मिश्रित होनी चाहिए।
क्यों हो रहा है विरोध?
महिलाओं को रात में ड्यूटी न लगाने के नियम को लेकर सबसे ज्यादा विरोध देखने को मिला है। कई लोग कह रहे हैं कि महिला रेजिडेंट्स और डॉक्टरों की रात्रि ड्यूटी हटाना समाधान नहीं है, पर्याप्त सुरक्षा प्रदान करना समाधान है। लोगों का कहना है कि रात की ड्यूटी न होने से अवसरों की कमी के कारण महिला डॉक्टर कम सीख सकेंगी। वहीं, ये भी कहा जा रहा है कि महिलाओं के काम के घंटों को सीमित करना और रात की ड्यूटी से बचना केवल महिलाओं के लिए अवसरों को कम करता है।
महिला सुरक्षा के लिए ममता सरकार की गाइडलाइंस पर क्यों उठे सवाल? लोग बोले- ऐसे तो अवसर कम होंगे
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हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
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2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
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- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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महिला सुरक्षा के लिए ममता सरकार की गाइडलाइंस पर क्यों उठे सवाल? लोग बोले- ऐसे तो अवसर कम होंगे
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- यारा एक हजारा , देख मैं आरा!!!
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Re: महिला सुरक्षा के लिए ममता सरकार की गाइडलाइंस पर क्यों उठे सवाल? लोग बोले- ऐसे तो अवसर कम होंगे
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी का अभी हाल में दिया गया वक्तव्य काफी परियों के गले की पास बनी हुई है और आम जनता भी इसका पुरजोर विरोध कर रही है।
विगत कुछ दिनों में पश्चिम बंगाल में बदले माहौल को लेकर महिलाओं में खासी नाराजगी है और अचानक से होने वाले इतने बड़े परिवर्तन और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लिए जा रहे निर्णायक फसलों का सभी तरह से विरोध हो रहा है।
महिलाओं को रात्रि कल के ड्यूटी से वंचित करना इसका कोई समाधान नहीं है बल्कि उसके बदले उन्हें एक निजी सुरक्षा देना एक बेहतर माहौल बनाना और लोगों को जागरूक करना सबसे अहम कदम होगा।
विगत कुछ दिनों में पश्चिम बंगाल में बदले माहौल को लेकर महिलाओं में खासी नाराजगी है और अचानक से होने वाले इतने बड़े परिवर्तन और महिलाओं की सुरक्षा को लेकर लिए जा रहे निर्णायक फसलों का सभी तरह से विरोध हो रहा है।
महिलाओं को रात्रि कल के ड्यूटी से वंचित करना इसका कोई समाधान नहीं है बल्कि उसके बदले उन्हें एक निजी सुरक्षा देना एक बेहतर माहौल बनाना और लोगों को जागरूक करना सबसे अहम कदम होगा।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"