बेंगलुरु के सोशल मीडिया पर एक सनसनीखेज वीडियो की भरमार है, जिसमें दावा किया गया है कि एक 188 वर्षीय व्यक्ति को गुफा में पाया गया है। "कंसर्न्ड सिटिजन" नामक एक यूजर द्वारा पोस्ट किए गए इस वीडियो ने लोगों में उत्सुकता पैदा कर दी है और विभिन्न प्लेटफॉर्म पर चर्चाओं की झड़ी लगा दी है।
यहां वीडियो देखें:
हालाँकि, सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं, तथ्य जांचकर्ताओं और मीडिया रिपोर्टों ने इस आग को शीघ्र ही बुझा दिया।
"गलत सूचना! यह बुजुर्ग व्यक्ति एक हिंदू संत हैं जिनका नाम 'सियाराम बाबा' है और जो भारत के मध्य प्रदेश में रहते हैं। रिपोर्टों के अनुसार उनकी उम्र लगभग 110 वर्ष है,"
सियाराम बाबा नर्मदा नदी के किनारे भट्यन आश्रम में रहते हैं और अपनी पौराणिक कथाओं के लिए प्रसिद्ध हैं, जिसमें एक दशक तक एक पैर पर खड़े होकर तपस्या करना भी शामिल है। 109 साल की उम्र में भी, वे कथित तौर पर बिना चश्मे के रामायण पढ़ सकते हैं और स्वतंत्र रूप से रह रहे हैं। बहुत कम बोलने की आदत के बावजूद, भक्त उनका आशीर्वाद लेने के लिए उमड़ पड़ते हैं।
वायरल वीडियो में दावा किया गया कि 188 वर्षीय व्यक्ति को बेंगलुरु की गुफा से बचाया गया
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- यारा एक हजारा , देख मैं आरा!!!
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Re: वायरल वीडियो में दावा किया गया कि 188 वर्षीय व्यक्ति को बेंगलुरु की गुफा से बचाया गया
आजकल बच्चों के द्वारा अपने मां-बाप का जिस तरह से तिरस्कार हो रहा है उसे देखते हुए यह कोई नई बात नहीं लग रही है जब किसी बुजुर्ग को ऐसी स्थिति में पाया गया हो हालांकि इसकी वास्तविकता से कितना लेना देना है या सच्चाई सामने आने के बाद ही पता चलेगी।
कंसर्न सिटीजन नाम की संस्था किया प्रचार प्रसार का एक अच्छा माध्यम भी हो सकता है जिसमें एक वृद्ध की बुरी अवस्था का वह पूरी तरह से मार्केटिंग करते हुए दिख रहे हैं। आजकल के जमाने में किसी की भावनाओं से ज्यादा उसकी भावनाओं को मार्केट में कितना खरीद स्वरूप किया जा सकता है हर आदमी इसी नियामक को तय करने में लगा हुआ है। लेकिन इस संस्था को इससे काफी पापुलैरिटी अब तक मिल चुकी है और वास्तविक सच्चाई आने वाले समय में हम सभी को पता चलेगी।
कंसर्न सिटीजन नाम की संस्था किया प्रचार प्रसार का एक अच्छा माध्यम भी हो सकता है जिसमें एक वृद्ध की बुरी अवस्था का वह पूरी तरह से मार्केटिंग करते हुए दिख रहे हैं। आजकल के जमाने में किसी की भावनाओं से ज्यादा उसकी भावनाओं को मार्केट में कितना खरीद स्वरूप किया जा सकता है हर आदमी इसी नियामक को तय करने में लगा हुआ है। लेकिन इस संस्था को इससे काफी पापुलैरिटी अब तक मिल चुकी है और वास्तविक सच्चाई आने वाले समय में हम सभी को पता चलेगी।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
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- सात सो!!!! पोस्टिंग के साथ !!! लाहौल विला कुव्वत!!!
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Re: वायरल वीडियो में दावा किया गया कि 188 वर्षीय व्यक्ति को बेंगलुरु की गुफा से बचाया गया
ये सब एक अपवाह है असल में हमारे जीवन की औसत आयु 70-80 साल होती है तो फिर किसी व्यक्ति का 188 साल तक जीवित रहना कैसे पॉसिबल हो सकता है। असल में ये सब सोशल मीडिया पर इसीलिए किया जाता है जिससे पोस्टर्स का कंटेंट वायरल हो सके इसीलिए अजीबोगरीब और चौंकाने वाले दावे लोगों का ध्यान खींचते हैं और उन्हें शेयर करने के लिए प्रेरित करते हैं।
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- 400 पार !! ये बाबा!!! ...मतलब की ऐसे ...!!!!
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Re: वायरल वीडियो में दावा किया गया कि 188 वर्षीय व्यक्ति को बेंगलुरु की गुफा से बचाया गया
वीडियो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X (जिसे पहले ट्विटर कहा जाता था) पर ‘Concerned Citizen’ नामक अकाउंट से शेयर किया गया. इस पोस्ट ने तुरंत वायरल होते हुए करीब 30 मिलियन (3 करोड़) से अधिक बार देखा गया. पोस्ट में दावा किया गया कि यह भारतीय व्यक्ति अभी-अभी गुफा से मिला है और उनकी उम्र 188 साल है. इस दावे को ‘अविश्वसनीय’ करार दिया गया.johny888 wrote: Fri Oct 25, 2024 5:06 pm ये सब एक अपवाह है असल में हमारे जीवन की औसत आयु 70-80 साल होती है तो फिर किसी व्यक्ति का 188 साल तक जीवित रहना कैसे पॉसिबल हो सकता है। असल में ये सब सोशल मीडिया पर इसीलिए किया जाता है जिससे पोस्टर्स का कंटेंट वायरल हो सके इसीलिए अजीबोगरीब और चौंकाने वाले दावे लोगों का ध्यान खींचते हैं और उन्हें शेयर करने के लिए प्रेरित करते हैं।
Re: वायरल वीडियो में दावा किया गया कि 188 वर्षीय व्यक्ति को बेंगलुरु की गुफा से बचाया गया
नहीं बेंगलुरु की गुफा से 188 साल के व्यक्ति को बचाए जाने का दावा करने वाला वीडियो झूठा है व्यक्ति मध्य प्रदेश के खरगोन जिले के रहने वाले हिंदू संत सियाराम बाबा हैं पोस्ट के साथ एक डिस्क्लेमर भी जारी किया था वेरिफिकेशन दाता ने भी इस वीडियो को बरामद बताया था नवभारत टाइम्स के फैक्ट चेक में भी इस दावे को झूठा साबित किया गया था वायरल होने वाली खबरें हो सकती है इसलिए तथ्यों की सही तरीके से जांच करना बहुत जरूरी है