क्या है UPSC में लेटरल एंट्री जिसपर खड़ा हो गया है बवाल?

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Realrider
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क्या है UPSC में लेटरल एंट्री जिसपर खड़ा हो गया है बवाल?

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यूपीएससी ने लेटरल एंट्री के जरिए सीनियर लेवल के अधिकारियों के 45 पदों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी किया था जिसके बाद से विवाद खड़ा हो गया है और ये व्यवस्था सवालों के घेरे में है. विपक्ष की ओर से केंद्र सरकार पर निशाना साधा जा रहा है. अखिलेश यादव, राहुल गांधी समेत देशभर के विपक्षी नेता इस सिस्टम के विरोध में खड़े हो गए हैं. इसको लेकर सोमवार को केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि लेटरल एंट्री का ये कॉन्सेप्ट सबसे पहले यूपेए सरकार ने तरफ से विकसित किया गया था.

बता दें कि यूपीएससी ने शनिवार (17 अगस्त) को 45 पदों के लिए नोटिफिकेशन जारी की थी. इन पदों में 10 पद संयुक्त सचिव और 35 उप सचिव के पद हैं. इस विज्ञापन में बताया गया था कि इन पदों को लेटरल एंट्री के माध्यम से भरा जाना है. इस फैसले के बाद विपक्षी दलों ने इसकी तीखी आलोचना की थी और दावा किया कि इससे अन्य पिछड़ा वर्ग (OBC), अनुसूचित जाति (SC) और अनुसूचित जनजाति (ST) के आरक्षण के अधिकार कमजोर होंगे.



लेटरल एंट्री सिस्टम को लेकर केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने सभी एसोसिएशनों के प्रतिनिधियों से ये कहा है कि केंद्र सरकार इस स्थिति से पूरी तरह से वाकिफ है और विपक्ष की सभी मांगों को लेकर संवेदनशील भी है. इसके आगे उन्होंमे कहा कि देश 26 राज्य पहले ही अपने-अपने राज्य में स्वास्थ्य कर्मियों की सुरक्षा के लिए कानून पारित कर चुके हैं. मंत्रालय अब स्वास्थ्य पेशेवरों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समिति गठित करने का आश्वासन दिया है. इसमें राज्य सरकारों सहित सभी हितधारकों के प्रतिनिधियों को समिति के साथ अपने सुझाव साझा करने के लिए आमंत्रित किया जाएगा.
Source: https://www.india.com/hindi-news/india- ... y-7178420/

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