Source: https://www.indiatv.in/world/asia/sheik ... 17-1068428ढाका: बांग्लादेश में आरक्षण सुधार को लेकर छात्रों के आंदोलन के दौरान एक कॉलेज छात्र की मौत को लेकर शनिवार को देश की अपदस्थ प्रधानमंत्री शेख हसीना के खिलाफ हत्या का एक और मामला दर्ज किया गया। हसीना के खिलाफ छात्र आंदोलन के दौरान हुई हिंसा को लेकर कई मामले दर्ज हो चुके हैं।
बीडीन्यूज24 डॉट कॉम की रिपोर्ट के मुताबिक यह मामला हसीना, पूर्व शिक्षा मंत्री मोहिबुल हसन चौधरी नौफेल और 32 अन्य लोगों के खिलाफ चंदगांव में दर्ज किया गया है, जिनमें अवामी लीग के कई नेता भी शामिल हैं। रिपोर्ट के मुताबिक, इस मामले में 40 से 50 अज्ञात लोगों को भी आरोपी बनाया गया है।
हसीना के खिलाफ ये सातवां मामला
बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों के बीच हसीना को पद से हटाए जाने के बाद उनके खिलाफ यह सातवां मामला दर्ज किया गया है। हसीना (76) पांच अगस्त को उस वक्त देश छोड़कर भारत चली गईं थीं, जब सरकारी नौकरियों में आरक्षण प्रणाली के खिलाफ छात्रों के बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन के बाद उन्हें इस्तीफा देने के लिए मजबूर होना पड़ा था।
रिपोर्ट में थाना प्रमुख जाहेदुल कबीर के हवाले से बताया गया है कि मृतक छात्र तनवीर सिद्दीकी के चाचा मोहम्मद परवेज ने शनिवार सुबह चांदगांव पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई। (इनपुट: भाषा)
शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ीं, हत्या का एक और मामला दर्ज
शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ीं, हत्या का एक और मामला दर्ज
Re: शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ीं, हत्या का एक और मामला दर्ज
हत्या के मामले के दर्ज होने के बाद अंतरराष्ट्रीय समुदाय और मानवाधिकार संगठन शेख हसीना सरकार से और ज्यादा जवाबदेही की मांग कर सकते हैं। बांग्लादेश की आंतरिक राजनीति और कानूनी स्थिति को लेकर दुनिया भर में और अधिक दबाव बढ़ सकता है।
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Re: शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ीं, हत्या का एक और मामला दर्ज
आरक्षण किसी भी रूप में किसी भी देश को खोखला कर देता है और भारत इसकी एक अच्छी मिसाल है। लेकिन शेख हसीना का यहां मामला कुछ और है जहां वह अपनी राजनीति की रोटियां भी सीखने में लगी हुई है और आरक्षण की मांग करना कोई गलत नहीं है लेकिन इसके लिए किसी की मृत्यु होना निश्चित तौर पर उसे देश के प्रमुख के ऊपर प्रश्न चिन्ह का चिन्ह लगती है। क्योंकि कोई भी घट या पुलिसकर्मी को बिना किसी ऊपरी आदेश के कुछ भी करने का आदेश नहीं होता है अगर उसे आदेश है की पेंशन कार्यों को सुरक्षित रखा जाए उसे पर एक करोड़ तक नहीं आती है ऐसे में शेख हसीना का मामला संदिग्ध बना हुआ है जिन पर तमाम आरोप पर रख चुके हैं।
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Re: शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ीं, हत्या का एक और मामला दर्ज
बिल्कुल सही कहा आपने आरक्षण देश की जड़ों को खोखला कर देता है और भारत में ऐसा ही हुआ है। यह कुछ ऐसा ही है कि घोड़े की टांग को बंद दिया जाए और गधे के साथ दौड़ने के लिए कहा जाए तो इसमें कोई संदेह नहीं की गधा ही जीतेगा ऐसा ही कुछ हुआ है। आरक्षण के नाम पर वोट मांगे जाते हैं और चुनाव जीते जाते हैं देश की खैर किसे ही पड़ी है!manish.bryan wrote: ↑Wed Nov 13, 2024 10:04 pm आरक्षण किसी भी रूप में किसी भी देश को खोखला कर देता है और भारत इसकी एक अच्छी मिसाल है। लेकिन शेख हसीना का यहां मामला कुछ और है जहां वह अपनी राजनीति की रोटियां भी सीखने में लगी हुई है और आरक्षण की मांग करना कोई गलत नहीं है लेकिन इसके लिए किसी की मृत्यु होना निश्चित तौर पर उसे देश के प्रमुख के ऊपर प्रश्न चिन्ह का चिन्ह लगती है। क्योंकि कोई भी घट या पुलिसकर्मी को बिना किसी ऊपरी आदेश के कुछ भी करने का आदेश नहीं होता है अगर उसे आदेश है की पेंशन कार्यों को सुरक्षित रखा जाए उसे पर एक करोड़ तक नहीं आती है ऐसे में शेख हसीना का मामला संदिग्ध बना हुआ है जिन पर तमाम आरोप पर रख चुके हैं।
Re: शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ीं, हत्या का एक और मामला दर्ज
शेख हसीना बांग्लादेश की राष्ट्रपति नहीं बल्कि भारत के पड़ोसी मुल्की एवं शख्सियत भी हैं बांग्लादेश में अभी हाल ही में हुए दर्शन हर के बाद और शेख हसीना के बांग्लादेश छोड़ने के बाद उन पर हत्या जैसे कई आरोप होगा फैसला होना भी बाकी है ऐसे में उन पर एक और हत्या का मामला सामने आना यह दर्शाता है कि बांग्लादेश की स्थिति इस समय सही नहीं है और शेख हसीना को अगर अपना देश और अपना राजनीतिक कैरियर बचाना है तो उन्हें और सजकता से कदम उठाने होंगे
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Re: शेख हसीना की मुश्किलें बढ़ीं, हत्या का एक और मामला दर्ज
शेख हसीना बांग्लादेश की बहुत अच्छी प्रधानमंत्री हुआ करती थी लेकिन वहां की पब्लिक ने उनकी कोई रिस्पांसिबिलिटी जो निभा रही थी उसकी कोई इज्जत नहीं की और अचानक से गलत व्यवहार करके उनको बांग्लादेश से भागना पड़ा उनकी परेशानियों का दिन पर दिन उनकी परेशानियां बढ़ती ही चली जा रही है अब यह समझना होगा कि वह अपने देश वापस आप आएंगे कि नहीं यह भी एक आने वाला वक्त ही तय करेगा.।