मई 2025 में, अमेरिका के राष्ट्रपति Donald Trump के प्रशासन ने Harvard University को नए संघीय अनुसंधान अनुदानों से वंचित करने की घोषणा की। इस निर्णय का मुख्य कारण विश्वविद्यालय द्वारा प्रशासन की मांगों को अस्वीकार करना है, जिसमें कैंपस में antisemitism से निपटने, admissions और hiring नीतियों में बदलाव, और viewpoint diversity सुनिश्चित करने जैसे मुद्दे शामिल हैं।
Education Secretary Linda McMahon ने Harvard President Alan Garber को एक पत्र में विश्वविद्यालय पर संघीय कानूनों के उल्लंघन और antisemitism को बढ़ावा देने का आरोप लगाया। इससे पहले, प्रशासन ने Harvard के $2.3 बिलियन के संघीय अनुदानों को फ्रीज कर दिया था और विश्वविद्यालय की tax-exempt status को भी पुनः मूल्यांकन करने की चेतावनी दी थी।
Harvard ने इन कार्रवाइयों को असंवैधानिक बताते हुए Massachusetts की एक संघीय अदालत में मुकदमा दायर किया है, जिसमें First Amendment और Civil Rights Act के उल्लंघन का हवाला दिया गया है। विश्वविद्यालय ने यह भी चेतावनी दी है कि इन नीतियों से अनुसंधान और नवाचार पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता है।
यह विवाद उच्च शिक्षा में सरकारी हस्तक्षेप और शैक्षणिक स्वतंत्रता के बीच संतुलन पर एक महत्वपूर्ण बहस को जन्म देता है, जो आने वाले समय में अन्य विश्वविद्यालयों के लिए भी नजीर बन सकता है।
Trump प्रशासन ने Harvard University के नए संघीय अनुदानों पर लगाई रोक
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Re: Trump प्रशासन ने Harvard University के नए संघीय अनुदानों पर लगाई रोक
क्या अब शिक्षा संस्थान भी राजनीतिक दबाव का सामना कर रहे हैं? Harvard जैसे बड़े विश्वविद्यालय को इस तरह से अनुसंधान फंड से वंचित करना चिंताजनक है। क्या किसी असहमति के कारण सरकार को किसी विश्वविद्यालय की मदद रोकने का अधिकार होना चाहिए? इससे शैक्षणिक स्वतंत्रता पर सवाल उठता है। अगर इस तरह के कदम बढ़ते रहे, तो क्या हम शिक्षा का असली उद्देश्य खो नहीं देंगे?