अकेले होने का एहसास.

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Stayalive
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अकेले होने का एहसास.

Post by Stayalive »

अकेलापन की एहसास में, दिल छुपी बेचैनी समझता है। कुछ भी हो, तन्हाई से लड़ना पड़ता है, अपनी तकदीर से वो बातें करता है।

आसपास छाई हुई सन्नाटे की धुंध में, खुद को अकेला महसूस करता है। अपने अंदर की उम्मीदों के साए में, जीने की ताक़त ढूंढता है।

जानता है, ये अकेलापन उसका हिस्सा है, फिर भी तन्हाई की गहराई में खो जाता है। हर दर्द, हर ग़म को अपने साथ महसूस करता है, और अकेलापन की आद में उबरता है।

अपनी आँखों में अकेलापन की छाया देखता है, और तन्हाई की रातों में सोता है। फिर भी, इस अकेलापन के बावजूद, खुद को उम्मीदों की राह में पाता है।
johny888
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Re: अकेले होने का एहसास.

Post by johny888 »

अकेलेपन का एहसास अक्सर हमें भीतर से खाली और कमजोर महसूस कराता है, लेकिन इसे भी मिटाया जा सकता है बस जरुरत है कुछ करने की जैसे की आपको वो सब चीज़ो में वयस्थ रहे जो आपको खुसी देती हो फिर वो जो भी हो जैसे पड़ना, लिखना, गाने सुन्ना, घूमना, कुछ भी। और यहाँ भी मन न लगे तो अपने घर से बहार निकले और किसी दूसरी जगह जाये मेरा मतलब कहीं दूसरे शहर या कोई भी डेस्टिनेशन।
Bhaskar.Rajni
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Re: अकेले होने का एहसास.

Post by Bhaskar.Rajni »

गहन चिंतन मनन के लिए एकांत में रहना जरूरी है तभी हम मनन करके किसी अच्छे निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं या कोई उत्कृष्ट सृजन कर सकते हैं। लेकिन हमेशा के लिए अकेलापन बहुत ही खतरनाक है जो कि हमें अवसाद की और लेकर जा सकता है लेकिन फिर भी कई लोग ऐसे हैं जो एकांत में ही आनंद महसूस करते हैं उन्हें अकेला रहना अच्छा लगता है ज्यादातर ऐसा दार्शनिक लोग करते हैं।
Sonal singh
अबकी बार, 500 पार?
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Re: अकेले होने का एहसास.

Post by Sonal singh »

Bhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 11:41 pm गहन चिंतन मनन के लिए एकांत में रहना जरूरी है तभी हम मनन करके किसी अच्छे निष्कर्ष पर पहुंच सकते हैं या कोई उत्कृष्ट सृजन कर सकते हैं। लेकिन हमेशा के लिए अकेलापन बहुत ही खतरनाक है जो कि हमें अवसाद की और लेकर जा सकता है लेकिन फिर भी कई लोग ऐसे हैं जो एकांत में ही आनंद महसूस करते हैं उन्हें अकेला रहना अच्छा लगता है ज्यादातर ऐसा दार्शनिक लोग करते हैं।
अकेले रहने का एहसास कभी-कभी मनुष्य को विचलित भी कर देता है.। कभी-कभी चिंतन की ओर ले जाता है। अकेला होना भी परिस्थिति पर निर्भर करता है। कभी चिंतन की ओर ले जाता है तो किसी को डिप्रेशन की ओर ले जाता है। अकेले होने का एहसास कभी-कभी नेगेटिव विचारों को भी बढ़ावा देता है। कभी अध्यात्म से जोड़ता है। मनुष्य की अकेले रहने की बहुत सी वजह होती हैं जो परिस्थितियों पर निर्भर करती हैं। अकेले में मनुष्य अपने आप को कहां ले जाता है। अकेलेपन का एहसास एक मायाजाल जैसा है। कभी उलझ कर रह जाता है तो कभी एक अच्छे मुकाम पर पहुंचा देता है.।
Gaurav27i
ब्रह्मचर्य से गृहस्थ की ओर की तैयारी...!!
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Re: अकेले होने का एहसास.

Post by Gaurav27i »

आजकल की भागवत बड़ी जिंदगी में अकेले रहना भी एक कला है जहां पर आपका कोई भी टेक्नोलॉजी कभी भी पीछा नहीं छोड़ती ऐसे में अपने लिए एकांत में समय निकालना बहुत महत्वपूर्ण अकेले रहने की आदत इस इंसान को हो सकती है जिसका अपने दिमाग में वह विचारों पर पूरा कंट्रोल हो मैं आशा करता हूं कि कभी भी किसी को जीवन में दुख के समय अकेले ना रहना पड़े अपनी मर्जी से चाहे तो वह किसी चिंतन करने के लिए अकेला र ल
Bhaskar.Rajni
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Re: अकेले होने का एहसास.

Post by Bhaskar.Rajni »

अकेले हैं तो क्या गम है?
चाहे तो हमारे बस में क्या नहीं
बस एक जरा साथ हो तेरा
अकेली है तो क्या गम है?

अकेले होने का एहसास नहीं होता
जब तुम पास होते हो कोई दर्द पास नहीं होता
एक तेरा होना ही बहुत है मेरे लिए
तेरे होने से किसी गम का एहसास नहीं होता।
Kunwar ripudaman
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Re: अकेले होने का एहसास.

Post by Kunwar ripudaman »

अकेले रहकर दुखी होने और रोने से बेहतर है कि इस जीवन में कोई उद्देश्य बनाया जाए और उसे हासिल किया जाए
Kunwar ripudaman
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Re: अकेले होने का एहसास.

Post by Kunwar ripudaman »

Gaurav27i wrote: Wed Nov 20, 2024 3:28 pm आजकल की भागवत बड़ी जिंदगी में अकेले रहना भी एक कला है जहां पर आपका कोई भी टेक्नोलॉजी कभी भी पीछा नहीं छोड़ती ऐसे में अपने लिए एकांत में समय निकालना बहुत महत्वपूर्ण अकेले रहने की आदत इस इंसान को हो सकती है जिसका अपने दिमाग में वह विचारों पर पूरा कंट्रोल हो मैं आशा करता हूं कि कभी भी किसी को जीवन में दुख के समय अकेले ना रहना पड़े अपनी मर्जी से चाहे तो वह किसी चिंतन करने के लिए अकेला र ल
आप तभी अकेले हैं जब आप वहां मौजूद नहीं हैं।”
Kunwar ripudaman
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Re: अकेले होने का एहसास.

Post by Kunwar ripudaman »

आप तभी अकेले हैं जब आप वहां मौजूद नहीं हैं।” ~फिल मैकग्रा
Harendra Singh
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Re: अकेले होने का एहसास.

Post by Harendra Singh »

अकेले होने का एहसास कभी-कभी इंसान को या बिल्कुल नीचे गिरा देता है या कुछ मुकाम हासिल कर देता है। पर आज के समय में अकेले होना सबसे खुशहाल जिंदगी है अकेला रहता है खुश रहता है पर कभी-कभी उसे भी एहसास होने लगता है कि कोई उसके पास हो। अकेले रहना कोई इंसान की कमजोरी नहीं होती है। अकेले रहकर इंसान बहुत कुछ सोच सकता है। तुम अपनी पुरानी यादों को याद करता है अपने अच्छे मोमेंट्स को याद करता है बुरे मोमेंट्स को याद करता है कभी-कभी अकेले होना कुछ हसीन फलों को याद करा जाता है कभी आंसू दे जाता है तो कभी मुस्कुराहट दे जाता है
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