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Modern Kids Leave Letter
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- यारा एक हजारा , देख मैं आरा!!!
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Re: Modern Kids Leave Letter
आजकल के बच्चों का कोई ठिकाना नहीं है और ऐसा इस फार्म पर यानी किसी सोशल मीडिया चैनल पर ऐसे लीव लेटर दिखने आम हो गए हैं क्योंकि ऐसा किया भी जा रहे हैं क्योंकि बच्चे उदंड हो गए हैं और शिक्षकों पर शिक्षा विभाग और सरकार ने काफी नियामक तय कर दी है तो शिक्षक भी किसी बच्चे से कुछ भी कहने से पहले 10 बार सोचता है।
यह पोस्ट काफी हास्यप्रद है और प्रथम दृष्टि यह काफी रुचिकर भी लग रहा है।
यह पोस्ट काफी हास्यप्रद है और प्रथम दृष्टि यह काफी रुचिकर भी लग रहा है।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
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- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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Re: Modern Kids Leave Letter
manish.bryan wrote: Fri Oct 18, 2024 10:09 pm आजकल के बच्चों का कोई ठिकाना नहीं है और ऐसा इस फार्म पर यानी किसी सोशल मीडिया चैनल पर ऐसे लीव लेटर दिखने आम हो गए हैं क्योंकि ऐसा किया भी जा रहे हैं क्योंकि बच्चे उदंड हो गए हैं और शिक्षकों पर शिक्षा विभाग और सरकार ने काफी नियामक तय कर दी है तो शिक्षक भी किसी बच्चे से कुछ भी कहने से पहले 10 बार सोचता है।
यह पोस्ट काफी हास्यप्रद है और प्रथम दृष्टि यह काफी रुचिकर भी लग रहा है।
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बिल्कुल सही कहा आपने पुराने जमाने में मां-बाप जाकर टीचर से कह देते थे कि इसको मारो पीटो बस कैसे भी करो इसे पढ़ा दो लेकिन आजकल के बच्चे टीचर को कुछ समझते ही नहीं मां-बाप भी टीचर से लड़ने चले जाते हैं कि आपने मेरे बच्चे को हाथ कैसे लगाया। हीरे को तरसते के लिए बहुत कुछ ठोक पीट करनी पड़ती है तब वह हीरा बनता है।
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Re: Modern Kids Leave Letter
आजकल के युग में शिक्षक की हालत बहुत बुरी हो गई है जहां पुरातन काल में शिक्षक को सबसे ऊंचा दर्जा दिया जाता था वहीं आज उसकी हालत दयनीय है एक तो प्राइवेट स्कूलों में वहां बहुत कम वेतन पर नौकरी करने को मजबूर है दूसरी तरफ उसके ऊपर बच्चों की पढ़ाई का दबाव, मां-बाप का दबाव ,प्रिंसिपल का दबाव इस पर बच्चे यदि कोई शरारत करें तो वह उसे कुछ कह भी नहीं सकता। तुरंत उसके खिलाफ शिकायत हो जाती है कई बार तो बच्चे टीचर को धमकियां तक दे देते हैं कि स्कूल के बाहर मिलना ऐसे में वह बच्चों को कैसे ईमानदारी के साथ पढ़ा सकता है???