Mujhe Sunday Chahiye
Re: Mujhe Sunday Chahiye
मुझे संडे संडे कि संडे वाले दिन हम लोग बहुत एंजॉय करते हैं सब लोग घर में होते हैं अच्छे-अच्छे खाना खाते हैं खाना बनाते हैं और अभी तक बस चलना हम लोग बिग बॉस में देखते हैं बहुत मजे करते हैं और संडे चाहिए इसका दूसरा रीजन है क्योंकि यस्टरडे होता है भाई उसे दिन तक काम नहीं करना पड़ता और समझ जाना चाहती हूं और सबको संडे बहुत पसंद आता है मुझे भी संडे बहुत पसंद है
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Re: Mujhe Sunday Chahiye
सही बात है अगर रोज संडे होगा तो सब आलसी हो जाएंगे। बाकी सब का संडे बन जाएगा लेकिन उन ग्रहणियों से पूछो जिनके अगर रोज संडे होगा तो उन पर क्या बीतेगी लॉकडाउन का समय भूल गए संडे चाहिए कि-किसी को चाहिए संडे। पूरे घर का काम साफ सफाई और फिर सबकी मनपसंद का खाना और फिर उसके बाद चटपने यह बना दो वह बना दो यह सब ग्रहणीय करती रहें उनको तो नहीं चाहिए संडे अगर रोज संडे होगा तो आदमी खाएगा क्या और कमेगा क्या।Suman sharma wrote: Thu Dec 12, 2024 4:41 amअरे रोज संडे होने से बोरियत नहीं हो जाएगी और सब एक जैसा दिखने लगेगा और संडे को भी स्कूल जाना पड़ेगा यह तो बड़ा अजीब सा लगेगा अब बच्चे बोलेंगे क्या संडे को भी स्कूल जाएंBhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 11:28 pmयदि हफ्ते में साथ संडे हो जाए तो विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा हो जाए सबसे बड़ी बात उन्हें थर्सडे, ट्यूसडे ,सैटरडे इन सब की स्पेलिंग बहुत मुश्किल होती है यह नहीं याद करनी पड़ेगी सिर्फ संडे के स्पेलिंग और संडे में भी दो स्पेलिंग को जोड़कर बनती है सन + डे तो सबसे ज्यादा मजे विद्यार्थियों के आ जाएंगे और स्कूलों में तो वैसे भी संडे की छुट्टी ही रहती है तो सातों दिन छुट्टी। मजे ही मजेmanish.bryan wrote: Tue Oct 22, 2024 7:50 am मुझे लगता है हफ्ते में कर दिवस को चार दिन का कर दिया जाए तो 3 दिन अवकाश के प्राप्त हो सकते हैं जब हम घर पर आराम फरमा सकते हैं या कुछ स्वयं यानी जी काम करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
आजकल अधिकतर कंपनियां हाइब्रिड मोड में काम कर रही हैं तो ऐसे में ऑफिस में 3 दिन ही जाना होता है। और बाकी दिन अपने तथाकथित मजदूर को 2 दिन का वर्क फ्रॉम होम मिल जाता है साथ में वीकेंड की भी दो दिन छुट्टी मिल जाती है।
ऑफिस की ड्यूटी तो वैसे 9 से 6 की ही होती है लेकिन इसकी तैयारी सुबह 7:00 से करनी पड़ती है और घर पहुंचते पहुंचते चीज व्यवस्थित होते हुए 8:00 जाता है तो अन्य किसी कार्य के लिए समय नहीं बचता है दिन भर का थका मारा इंसान कुछ नया करने का ऐसे में सोच भी नहीं सकता है क्योंकि वह शारीरिक को मानसिक रूप से कुछ सृजन करने की योग्य नहीं बचता है।
सिर्फ सैलरी लेने जाना 1 तारीख को यह वाकई बहुत हास्य पद है क्योंकि महीने के बाकी 29 दिन तो संडे पड़ रहे हैं तो ऐसे कंपनी में काम आएगी नहीं तो देगी कैसे।
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Re: Mujhe Sunday Chahiye
हर रोज संडे की इच्छा तो केवल विद्यार्थी जाता सकते हैं क्योंकि उनके तो मजे आ जाएंगे औ हर हफ्ते में 7 दिन संडे होगा कामगे क्या खाएंगे क्या हवा पानी बेचारी ग्रहणियों से पूछो तो दिन भर किचन में ही लगी रहेगी लोगों घर पर रहेंगे तो डिमांड ही खत्म नहीं होगी पकवान बना मिठाइयां बना चटपटे पकवान बना बेचारी उनका तो कोई संडे नहीं होता कोई संडे नहीं मिलेगा 7 दिन का बेचारी ग्रहणियों से पूछो संडे का मतलब।Suman sharma wrote: Thu Dec 12, 2024 4:41 amअरे रोज संडे होने से बोरियत नहीं हो जाएगी और सब एक जैसा दिखने लगेगा और संडे को भी स्कूल जाना पड़ेगा यह तो बड़ा अजीब सा लगेगा अब बच्चे बोलेंगे क्या संडे को भी स्कूल जाएंBhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 11:28 pmयदि हफ्ते में साथ संडे हो जाए तो विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा हो जाए सबसे बड़ी बात उन्हें थर्सडे, ट्यूसडे ,सैटरडे इन सब की स्पेलिंग बहुत मुश्किल होती है यह नहीं याद करनी पड़ेगी सिर्फ संडे के स्पेलिंग और संडे में भी दो स्पेलिंग को जोड़कर बनती है सन + डे तो सबसे ज्यादा मजे विद्यार्थियों के आ जाएंगे और स्कूलों में तो वैसे भी संडे की छुट्टी ही रहती है तो सातों दिन छुट्टी। मजे ही मजेmanish.bryan wrote: Tue Oct 22, 2024 7:50 am मुझे लगता है हफ्ते में कर दिवस को चार दिन का कर दिया जाए तो 3 दिन अवकाश के प्राप्त हो सकते हैं जब हम घर पर आराम फरमा सकते हैं या कुछ स्वयं यानी जी काम करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
आजकल अधिकतर कंपनियां हाइब्रिड मोड में काम कर रही हैं तो ऐसे में ऑफिस में 3 दिन ही जाना होता है। और बाकी दिन अपने तथाकथित मजदूर को 2 दिन का वर्क फ्रॉम होम मिल जाता है साथ में वीकेंड की भी दो दिन छुट्टी मिल जाती है।
ऑफिस की ड्यूटी तो वैसे 9 से 6 की ही होती है लेकिन इसकी तैयारी सुबह 7:00 से करनी पड़ती है और घर पहुंचते पहुंचते चीज व्यवस्थित होते हुए 8:00 जाता है तो अन्य किसी कार्य के लिए समय नहीं बचता है दिन भर का थका मारा इंसान कुछ नया करने का ऐसे में सोच भी नहीं सकता है क्योंकि वह शारीरिक को मानसिक रूप से कुछ सृजन करने की योग्य नहीं बचता है।
सिर्फ सैलरी लेने जाना 1 तारीख को यह वाकई बहुत हास्य पद है क्योंकि महीने के बाकी 29 दिन तो संडे पड़ रहे हैं तो ऐसे कंपनी में काम आएगी नहीं तो देगी कैसे।
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सारे दिनों के नाम संडे रख लो काम वही करने पड़ेंगे जो करने हैं आराम नहीं मिलेगा बिल्कुल भी सही कहा आपने बोर नहीं होंगे महा बोर हो जाएंगे लॉकडाउन में इतने संडे लेकर चैन नहीं मिला जो फिर से चाहिएSuman sharma wrote: Thu Dec 12, 2024 4:41 amअरे रोज संडे होने से बोरियत नहीं हो जाएगी और सब एक जैसा दिखने लगेगा और संडे को भी स्कूल जाना पड़ेगा यह तो बड़ा अजीब सा लगेगा अब बच्चे बोलेंगे क्या संडे को भी स्कूल जाएंBhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 11:28 pmयदि हफ्ते में साथ संडे हो जाए तो विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा हो जाए सबसे बड़ी बात उन्हें थर्सडे, ट्यूसडे ,सैटरडे इन सब की स्पेलिंग बहुत मुश्किल होती है यह नहीं याद करनी पड़ेगी सिर्फ संडे के स्पेलिंग और संडे में भी दो स्पेलिंग को जोड़कर बनती है सन + डे तो सबसे ज्यादा मजे विद्यार्थियों के आ जाएंगे और स्कूलों में तो वैसे भी संडे की छुट्टी ही रहती है तो सातों दिन छुट्टी। मजे ही मजेmanish.bryan wrote: Tue Oct 22, 2024 7:50 am मुझे लगता है हफ्ते में कर दिवस को चार दिन का कर दिया जाए तो 3 दिन अवकाश के प्राप्त हो सकते हैं जब हम घर पर आराम फरमा सकते हैं या कुछ स्वयं यानी जी काम करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
आजकल अधिकतर कंपनियां हाइब्रिड मोड में काम कर रही हैं तो ऐसे में ऑफिस में 3 दिन ही जाना होता है। और बाकी दिन अपने तथाकथित मजदूर को 2 दिन का वर्क फ्रॉम होम मिल जाता है साथ में वीकेंड की भी दो दिन छुट्टी मिल जाती है।
ऑफिस की ड्यूटी तो वैसे 9 से 6 की ही होती है लेकिन इसकी तैयारी सुबह 7:00 से करनी पड़ती है और घर पहुंचते पहुंचते चीज व्यवस्थित होते हुए 8:00 जाता है तो अन्य किसी कार्य के लिए समय नहीं बचता है दिन भर का थका मारा इंसान कुछ नया करने का ऐसे में सोच भी नहीं सकता है क्योंकि वह शारीरिक को मानसिक रूप से कुछ सृजन करने की योग्य नहीं बचता है।
सिर्फ सैलरी लेने जाना 1 तारीख को यह वाकई बहुत हास्य पद है क्योंकि महीने के बाकी 29 दिन तो संडे पड़ रहे हैं तो ऐसे कंपनी में काम आएगी नहीं तो देगी कैसे।
संडे जब मिले थे संडे लॉकडाउन में तब तो घर से बाहर निकल निकल कर भाग रहे थे तो पुलिस डंडे मार मार कर घर के अंदर ले लेकर आ रही थी तब कहां थे भाई