How I Learn English Learning!!!!!!!!!!!!!!

मौज, मस्ती, चिल मारो (मर्यादित)
Sonal singh
अबकी बार, 500 पार?
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Re: How I Learn English Learning!!!!!!!!!!!!!!

Post by Sonal singh »

Bhaskar.Rajni wrote: Tue Dec 03, 2024 9:49 pm
Warrior wrote: Tue Dec 03, 2024 6:23 pm UNICEF में प्रकाशित डेटा के अनुसार...

दुनिया के निम्न- और मध्य-आय वाले देशों में लगभग 37 प्रतिशत छात्र अपनी सबसे अच्छी समझ में आने वाली भाषा में नहीं पढ़ाए जा रहे हैं। भारत में यह अनुमान लगभग 35 प्रतिशत है, जिसमें बहुत से बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ रहे हैं।

भारत एक बहुभाषी देश है और बच्चों को अन्य भाषाएँ (क्षेत्रीय या राज्य भाषाएँ) और इंग्लिश सीखनी चाहिए। शिक्षा का अधिकार अधिनियम और भारतीय संविधान – अनुच्छेद 350A यह निर्धारित करता है कि "शिक्षा का माध्यम, यथा संभव, बच्चे की मातृभाषा में होना चाहिए।"

लेकिन माता-पिता, शैक्षिक संस्थानों द्वारा इंग्लिश में पढ़ाई के नाम पर बढ़ाई गई फीस के जाल में अंधाधुंध फंस रहे हैं।
महात्मा गांधी ने भी मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिया था वह कहते थे कि अपनी मातृभाषा में बच्चा जल्दी सीख लेता है। लेकिन भारत में बच्चों पर इंग्लिश सीखने का दबाव है जहां तक की इंग्लिश बोलने का भी दबाव है स्कूलों में तो इंग्लिश ना बोलने पर फाइन भी लगा लगा दिया जाता है मतलब कितनी बिडंबना है कि अपनी ही मातृभाषा बोलने पर फाइन लगता हो।
हम तो इंग्लिश के इतने दीवाने हैं कि समझ में आए जाना है क्या बोल कर चले जाते हैं हमें खुद ही नहीं पता 😂😂 पर इंग्लिश आनी चाहिए इंग्लिश का रोला अलग है। वही बात है विदेश चले जाओ तो हिंदी को सलाम है। विदेशी लोग भारत आ जाएं तो हिंदी को सलाम है। अलग-अलग भाषा अलग-अलग लोग सब अपना अपना काम चला रहे हैं। 😛😛। सब टूटी-फूटी भाषा बोल रहे हैं। 😂😂😂

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Rakhi saraswat
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Re: How I Learn English Learning!!!!!!!!!!!!!!

Post by Rakhi saraswat »

इंग्लिश एक भाषा है जिसे हर कोई सीखना चाहता है अलग-अलग तरीके से जो समझ में आए तो ठीक ना समझना है आज के छोटे-छोटे बच्चों को भी इंग्लिश बहुत अच्छे से दिखाए जाते हैं क्योंकि इस लैंग्वेज को इतना जरूरी कर दिया है कि अपनी इसकी वजह से अपने राष्ट्रभाषाय क्यों लोग बोलते जा रहे हैं मैं मेरा मन था तो यही है इसको एक लैंग्वेज की तरह ही सीखें अपने की जरूरत नहीं है अपनी ही भाषा मस्त है अपने के लिए
Bhaskar.Rajni
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Re: How I Learn English Learning!!!!!!!!!!!!!!

Post by Bhaskar.Rajni »

Sarita wrote: Wed Dec 04, 2024 3:36 pm अगर आपको सही में इंग्लिश सीखनी है तो आप सबसे पहले ग्रामर से स्टार्ट करें विदाउट ग्रामर आप इंग्लिश तो नहीं सीख पाएंगे ग्रामर इस मोस्ट इंर्पोटेंट फॉर इंग्लिश और अप भी है इंग्लिश सीखने के लिए जैसे कि डुओलिंगो एक्स्ट्रा और आप रोज रोज रीडिंग करें इंग्लिश न्यूजपेपर को पढ़े बुक्स पढ़ो धीरे-धीरे करके अपने आप इंग्लिश आ जाएगी
हां हमने भी यही सीखा था की ग्रामर पर पकड़ बना लो और इंग्लिश आ जाएगी खूब ग्रामर की प्रैक्टिस की और इंग्लिश पर होल्ड बना लिया। लेकिन आजकल जो कोचिंग दी जाती है विशेष कर बोलने की कोचिंग उसमें तो एक्सपर्ट यही कहते हैं कि आपको ग्रामर की कोई जरूरत नहीं है आप प्रेक्टिस से सीख सकते हैं और प्रैक्टिस के वह नए-नए तरीके देते हैं।
एक बात और भी तो है जैसे हम अपनी मातृभाषा सीखते हैं बिना किसी ग्रामर के ही तो सीखते हैं और हमें कितनी अच्छी तरह से आती है ऐसे ही इंग्लिश भी है बिना ग्रामर के भी सीखी जा सकती है।
Bhaskar.Rajni
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Re: How I Learn English Learning!!!!!!!!!!!!!!

Post by Bhaskar.Rajni »

Sonal singh wrote: Wed Dec 04, 2024 4:51 pm
Bhaskar.Rajni wrote: Tue Dec 03, 2024 9:49 pm
Warrior wrote: Tue Dec 03, 2024 6:23 pm UNICEF में प्रकाशित डेटा के अनुसार...

दुनिया के निम्न- और मध्य-आय वाले देशों में लगभग 37 प्रतिशत छात्र अपनी सबसे अच्छी समझ में आने वाली भाषा में नहीं पढ़ाए जा रहे हैं। भारत में यह अनुमान लगभग 35 प्रतिशत है, जिसमें बहुत से बच्चे इंग्लिश मीडियम स्कूलों में पढ़ रहे हैं।

भारत एक बहुभाषी देश है और बच्चों को अन्य भाषाएँ (क्षेत्रीय या राज्य भाषाएँ) और इंग्लिश सीखनी चाहिए। शिक्षा का अधिकार अधिनियम और भारतीय संविधान – अनुच्छेद 350A यह निर्धारित करता है कि "शिक्षा का माध्यम, यथा संभव, बच्चे की मातृभाषा में होना चाहिए।"

लेकिन माता-पिता, शैक्षिक संस्थानों द्वारा इंग्लिश में पढ़ाई के नाम पर बढ़ाई गई फीस के जाल में अंधाधुंध फंस रहे हैं।
महात्मा गांधी ने भी मातृभाषा में शिक्षा पर जोर दिया था वह कहते थे कि अपनी मातृभाषा में बच्चा जल्दी सीख लेता है। लेकिन भारत में बच्चों पर इंग्लिश सीखने का दबाव है जहां तक की इंग्लिश बोलने का भी दबाव है स्कूलों में तो इंग्लिश ना बोलने पर फाइन भी लगा लगा दिया जाता है मतलब कितनी बिडंबना है कि अपनी ही मातृभाषा बोलने पर फाइन लगता हो।
इंग्लिश इंग्लिश करते-करते तो इंग्लिश पर मूवी बन गई इंग्लिश विंग्लिश। श्रीदेवी ने बहुत जबरदस्त अभिनय किया है इसमें लास्ट में जाकर वह भी इंग्लिश सीखी जाती हैं। हमारी तो भैया मातृभाषा है इंग्लिश विंग्लिश हमें ना आती। हमको तो हिंदी आती है और हमको इंग्लिश का कोई भूत नहीं है आ जाए तो ठीक ना आए तो ठीक 😂😂😂😂😂😛😛😛😛
यह सही है इसे कहते हैं कॉन्फिडेंस आती है तो ठीक..... नहीं आती है तो ठीक....
इसे ही कहते हैं सच्चा आत्मविश्वास। मैं आपके इस आत्मविश्वास की हृदय तल से सराहना करती हूं अपनी मातृभाषा के प्रति ऐसा ही प्रेम होना चाहिए और इतना ही गौरव होना चाहिए क्या है इंग्लिश ? एक विदेशी भाषा ही तो है विदेशी सीखें हम क्यों सीखें? हमारी हिंदी सबसे बढ़िया है। वंदे मातरम् !
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