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Sanju Samson की बल्लेबाजी T20 में।
Re: Sanju Samson की बल्लेबाजी T20 में।
Sanju Samson ने 2013 में Indian Premier League (IPL) में डेब्यू किया, और एक दशक से अधिक समय से खेल रहे हैं।
लेकिन उन्होंने केवल 16 ODIs, 37 T20Is और कोई TEST भारत के लिए नहीं खेला। उन्हें खेलने से रोका गया क्योंकि Indian lime light stars Dhoni, Dhawan, Kohli, Rohit आदि टीम में थे।
यहां तक कि Suryakumar Yadav ने भी 2012 IPL season में डेब्यू किया, लेकिन अब तक उन्होंने 1 Test, 37 ODIs, और 78 T20Is खेले हैं।
मुझे लगता है कि अब BCCI ने रेड बॉल और व्हाइट बॉल क्रिकेट के लिए अलग टीम बना दी है।
लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें एक Test team बनानी चाहिए (जिसमें TEST और ODI players का परफेक्ट मिक्स हो), एक अलग ODI team और एक अलग T20 team बनानी चाहिए।
अभी, Indian Test team में ज्यादातर ODI players हैं, लेकिन उसमें कुछ TEST players होने चाहिए।
लेकिन उन्होंने केवल 16 ODIs, 37 T20Is और कोई TEST भारत के लिए नहीं खेला। उन्हें खेलने से रोका गया क्योंकि Indian lime light stars Dhoni, Dhawan, Kohli, Rohit आदि टीम में थे।
यहां तक कि Suryakumar Yadav ने भी 2012 IPL season में डेब्यू किया, लेकिन अब तक उन्होंने 1 Test, 37 ODIs, और 78 T20Is खेले हैं।
मुझे लगता है कि अब BCCI ने रेड बॉल और व्हाइट बॉल क्रिकेट के लिए अलग टीम बना दी है।
लेकिन मुझे लगता है कि उन्हें एक Test team बनानी चाहिए (जिसमें TEST और ODI players का परफेक्ट मिक्स हो), एक अलग ODI team और एक अलग T20 team बनानी चाहिए।
अभी, Indian Test team में ज्यादातर ODI players हैं, लेकिन उसमें कुछ TEST players होने चाहिए।
Re: Sanju Samson की बल्लेबाजी T20 में।
कहना तो नहीं चाहिए पर सच तो ये है की पॉलिटिक्स हर स्पोर्ट्स में होती है और अगर इंडियन क्रिकेट की बात करे तो यहाँ टीम सेलेक्ट करते समय हर कप्तान अपने फेवरेट को सेलेक्ट करता है क्युकी उसको उसके हिसाब से टीम चाहिए रहती है. इसिलए कप्तान पर भी काफी निर्भर करता है कौन खेलेगा कौन नहीं
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Re: Sanju Samson की बल्लेबाजी T20 में।
संजू सैमसंग निश्चित तौर पर एक बहुत ही बेहतरीन इंडियन क्रिकेटर है लेकिन जिस दौर में उनका इंडियन क्रिकेट टीम में सिलेक्शन हुआ उसे समय निश्चित तौर पर इंडियन क्रिकेट टीम बहुत से बेहतरीन खिलाड़ियों से सजी हुई थी निश्चित तौर पर वह दौर रोहित शर्मा विराट कोहली शिखर धवन केएल राहुल हार्दिक पांड्या जैसे बेहतरीन खिलाड़ियों के साथ सजी थी और इसमें सभी खिलाड़ी एक से बढ़कर एक प्रदर्शन कर रहे थे और भारतीय क्रिकेट टीम को एक बेहतरीन ऑलराउंडर की जरूरत थी जिसे हार्दिक पांड्या ने बखूबी निभाया और भारतीय क्रिकेट टीम में जहां तक राजनीति की बात है तो राजनीति बहुत पहले से होता रहा है और इस राजनीति के बहुत सारे युवा खिलाड़ी शिकार भी हो चुके हैं उसी में एक संजू सैमसंग भी निश्चित तौर पर हैं जब तक बीसी सी के अध्यक्ष पद पर राजनीति से जुड़े लोगो का कब्जा रहेगा तब तक बहुत से बेहतरीन खिलाड़ी राजनीति का शिकार होते रहेंगेjohny888 wrote: ↑Mon Nov 18, 2024 10:01 am कहना तो नहीं चाहिए पर सच तो ये है की पॉलिटिक्स हर स्पोर्ट्स में होती है और अगर इंडियन क्रिकेट की बात करे तो यहाँ टीम सेलेक्ट करते समय हर कप्तान अपने फेवरेट को सेलेक्ट करता है क्युकी उसको उसके हिसाब से टीम चाहिए रहती है. इसिलए कप्तान पर भी काफी निर्भर करता है कौन खेलेगा कौन नहीं
Re: Sanju Samson की बल्लेबाजी T20 में।
कप्तान को केवल दिए गए स्क्वाड से अपने साथी खिलाड़ियों को चुनने का अवसर मिलेगा।
लेकिन संजू को तो स्क्वाड में होने का भी अवसर नहीं मिला क्योंकि गिल आज आनंदित हैं। इसी तरह रुतुराज गायकवाड़ को चयनकर्ताओं द्वारा लगातार नजरअंदाज किया जाता है और उनकी जगह तिलक वर्मा को मौका दिया गया... मुझे नहीं समझ आता क्यों...
तिलक वर्मा और रुतुराज गायकवाड़ के टी20 के आंकड़े (औसत और स्ट्राइक रेट के हिसाब से) समान हैं, लेकिन एक अहम तथ्य यह है कि गायकवाड़ ने 134 मैच खेले हैं और वर्मा ने 89।
यह साफ़ तौर पर दिखाता है कि चयनकर्ता आजकल उम्र को प्राथमिकता दे रहे हैं। लेकिन कुछ साल पहले वे सीनियर खिलाड़ियों को बनाए रखने को प्राथमिकता देते थे। इस वजह से युवा प्रतिभाओं का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा, जैसे कि संजू, गायकवाड़ और यहां तक कि अंबाती रायडू (जो टीम में नहीं आ पा रहे हैं क्योंकि टीम में बहुत सारे सीनियर खिलाड़ी हैं)।
लेकिन संजू को तो स्क्वाड में होने का भी अवसर नहीं मिला क्योंकि गिल आज आनंदित हैं। इसी तरह रुतुराज गायकवाड़ को चयनकर्ताओं द्वारा लगातार नजरअंदाज किया जाता है और उनकी जगह तिलक वर्मा को मौका दिया गया... मुझे नहीं समझ आता क्यों...
तिलक वर्मा और रुतुराज गायकवाड़ के टी20 के आंकड़े (औसत और स्ट्राइक रेट के हिसाब से) समान हैं, लेकिन एक अहम तथ्य यह है कि गायकवाड़ ने 134 मैच खेले हैं और वर्मा ने 89।
यह साफ़ तौर पर दिखाता है कि चयनकर्ता आजकल उम्र को प्राथमिकता दे रहे हैं। लेकिन कुछ साल पहले वे सीनियर खिलाड़ियों को बनाए रखने को प्राथमिकता देते थे। इस वजह से युवा प्रतिभाओं का सही इस्तेमाल नहीं हो पा रहा, जैसे कि संजू, गायकवाड़ और यहां तक कि अंबाती रायडू (जो टीम में नहीं आ पा रहे हैं क्योंकि टीम में बहुत सारे सीनियर खिलाड़ी हैं)।
johny888 wrote: ↑Mon Nov 18, 2024 10:01 am कहना तो नहीं चाहिए पर सच तो ये है की पॉलिटिक्स हर स्पोर्ट्स में होती है और अगर इंडियन क्रिकेट की बात करे तो यहाँ टीम सेलेक्ट करते समय हर कप्तान अपने फेवरेट को सेलेक्ट करता है क्युकी उसको उसके हिसाब से टीम चाहिए रहती है. इसिलए कप्तान पर भी काफी निर्भर करता है कौन खेलेगा कौन नहीं