बाल विवाह और सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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Sunilupadhyay250
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बाल विवाह और सुप्रीम कोर्ट का फैसला

Post by Sunilupadhyay250 »

आज बाल विवाह पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया और फैसले में बाल विवाह कानून में संशोधन किया, और लड़के और लड़कियों को इसकी शिक्षा शुरू से ही देने को कहा गया और बताने को कहा गया कि यह अपराध है, उन्होंने चाइल्ड मैरिज प्रोविजन ऑफिसर बनने की|...धन्यवाद
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Re: बाल विवाह और सुप्रीम कोर्ट का फैसला

Post by LinkBlogs »

"बाल विवाह एक अपराध है, जिसके लिए कठोर कारावास — जो दो साल तक बढ़ सकता है — या एक लाख रुपये तक का जुर्माना, या दोनों सज़ा का प्रावधान है, उन सभी के लिए जो बाल विवाह को करवाते हैं, संचालित करते हैं, निर्देश देते हैं या उसमें सहयोग करते हैं। इस अधिनियम के तहत अपराध संज्ञेय और गैर-जमानती होते हैं। विवाह को कुछ विशेष मामलों को छोड़कर शून्य माना जा सकता है। 2006 का पीसीएमए (Prohibition of Child Marriage Act) बाल विवाह निरोध अधिनियम, 1929 की जगह लाया गया। इससे पहले, हमारे पास 1891 का आयु सहमति अधिनियम था।"
johny888
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Re: बाल विवाह और सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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बाल विवाह भारत में एक गंभीर सामाजिक समस्या है। यह बच्चों के अधिकारों का हनन है और उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास को बाधित करता है। सुप्रीम कोर्ट ने बाल विवाह के पीड़ितों को संरक्षण प्रदान करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। इनमें पीड़ितों को काउंसलिंग और पुनर्वास की सुविधाएं प्रदान करने और उन्हें समाज में पुनर्स्थापित करने के प्रयास शामिल हैं।
Suman sharma
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Re: बाल विवाह और सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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Sunilupadhyay250 wrote: Sat Oct 26, 2024 4:44 pm आज बाल विवाह पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया और फैसले में बाल विवाह कानून में संशोधन किया, और लड़के और लड़कियों को इसकी शिक्षा शुरू से ही देने को कहा गया और बताने को कहा गया कि यह अपराध है, उन्होंने चाइल्ड मैरिज प्रोविजन ऑफिसर बनने की|...धन्यवाद
बाल विवाह के कारण स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और जीवन के अवसरों से वंचित होना समानता, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक सिद्धांतों का अपमान है.
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Re: बाल विवाह और सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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Sunilupadhyay250 wrote: Sat Oct 26, 2024 4:44 pm आज बाल विवाह पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया और फैसले में बाल विवाह कानून में संशोधन किया, और लड़के और लड़कियों को इसकी शिक्षा शुरू से ही देने को कहा गया और बताने को कहा गया कि यह अपराध है, उन्होंने चाइल्ड मैरिज प्रोविजन ऑफिसर बनने की|...धन्यवाद
बाल विवाह के कारण स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और जीवन के अवसरों से वंचित होना समानता, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक सिद्धांतों का अपमान है
.बाल विवाह के कारण स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और जीवन के अवसरों से वंचित होना समानता, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक सिद्धांतों का अपमान है.
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Re: बाल विवाह और सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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Sunilupadhyay250 wrote: Sat Oct 26, 2024 4:44 pm आज बाल विवाह पर सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला दिया और फैसले में बाल विवाह कानून में संशोधन किया, और लड़के और लड़कियों को इसकी शिक्षा शुरू से ही देने को कहा गया और बताने को कहा गया कि यह अपराध है, उन्होंने चाइल्ड मैरिज प्रोविजन ऑफिसर बनने की|...धन्यवाद
बाल विवाह के कारण स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और जीवन के अवसरों से वंचित होना समानता, स्वतंत्रता और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता के संवैधानिक सिद्धांतों का अपमान है.
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Re: बाल विवाह और सुप्रीम कोर्ट का फैसला

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johny888 wrote: Sun Oct 27, 2024 4:36 pm बाल विवाह भारत में एक गंभीर सामाजिक समस्या है। यह बच्चों के अधिकारों का हनन है और उनके शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक विकास को बाधित करता है। सुप्रीम कोर्ट ने बाल विवाह के पीड़ितों को संरक्षण प्रदान करने के लिए भी कई महत्वपूर्ण निर्देश जारी किए हैं। इनमें पीड़ितों को काउंसलिंग और पुनर्वास की सुविधाएं प्रदान करने और उन्हें समाज में पुनर्स्थापित करने के प्रयास शामिल हैं।
भारत के मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली तीन न्यायाधीशों की पीठ ने कहा कि बाल विवाह विरोधी कानून बाल विवाह के बारे में अस्पष्ट है। न्यायालय ने संसद से बाल विवाह को गैरकानूनी घोषित करने और जिस बच्चे की शादी तय हो गई है उसे किशोर न्याय अधिनियम के तहत “देखभाल और संरक्षण की जरूरत वाले नाबालिग” के रूप में घोषित करने का आग्रह किया।
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