उपभोक्ता अदालत में किसी मामले को निपटाने में समय की अवधि विभिन्न कारकों पर निर्भर करती है, जैसे कि मामले की जटिलता, अदालत के व्यस्तता का स्तर, और पक्षकारों की सहमति। आमतौर पर, उपभोक्ता अदालतों में मामलों की सुनवाई और निपटारा अपेक्षाकृत तेज़ होता है। हालांकि, साधारण मामलों में, जैसे कि खराब सामान या सेवा के मामले, निपटारे की प्रक्रिया कुछ महीनों के भीतर पूरी हो सकती है। जटिल मामलों या जहां पक्षकारों के बीच विवाद अधिक हो, वहां मामले को निपटाने में अधिक समय लग सकता है।
उपभोक्ता अदालतें जल्दी से निर्णय देने के लिए डिज़ाइन की गई हैं, लेकिन कभी-कभी लंबित मामलों की संख्या और प्रक्रियात्मक जटिलताओं के कारण निपटारे में देरी हो सकती है। इस प्रकार, सामान्यतः उपभोक्ता अदालतों में मामलों का निपटारा कुछ महीनों से लेकर एक वर्ष तक हो सकता है, हालांकि यह स्थिति और विशिष्ट मामले के आधार पर बदल सकता है।