Source: https://www.naidunia.com/madhya-pradesh ... me-8373763इंदौर-दाहोद नई रेल लाइन परियोजना को शुरू हुए करीब 11 साल हो चुके हैं, लेकिन 205 किमी लंबी रेल लाइन के प्रोजेक्ट में पिछले दो वर्षों में ही तेजी आई है। इस पूरी परियोजना में सबसे बड़ी अड़चन पीथमपुर स्थित 2.9 किमी लंबी सुरंग का प्रारंभिक कार्य पूरा हो चुका है।
अब फिनिशिंग का कार्य शुरू किया गया है। हर दिन सिर्फ छह मीटर हिस्से में ही फिनिशिंग की जा रही है। इस कारण इस परियोजना में देरी हो रही है। जल्द ही रेलवे यहां पांच मशीनें लगाकर हर दिन 48 मीटर फिनिशिंग का काम शुरू करेगा, ताकि मार्च माह तक यह काम पूरा किया जाकर ट्रैक बिछाने काम शुरू हो सके।
टनम में फिनिशिंग का काम जारी
जून माह में सुरंग के दोनों हिस्सों को आपस में मिला दिया गया था। इसके बाद टनल से पानी निकालने का काम शुरू कर दिया गया था। करीब दो माह पहले टनल के आंतरिक हिस्से में सीमेंट लेयर तैयार की गई। इसके बाद पिछले सप्ताह ही फिनिशिंग का काम शुरू किया गया है।
पानी का रिसाव रोकने का काम
इसमें पानी का रिसाव रोकने के लिए जेंट्री मशीन के माध्यम से वाटरप्रूफ जियो टैक्सटाइल और मेमरीन लगाई जा रही है। इसके बाद भी पानी का रिसाव हो तो ड्रेन लाइन भी बनाई गई है। शुरुआत में एक छह मीटर की जेंट्री मशीन के माध्यम से हर दिन छह मीटर हिस्से में फिनिशिंग का काम किया जा रहा है।
इस गति से काम होता है तो वर्षभर में ही टनल का काम पूरा नहीं होगा। इसलिए छह मीटर की एक अन्य जेंट्री मशीन और 12 मीटर की तीन जेंट्री मशीन जल्द शुरू की जाएगी, ताकि यह काम मार्च तक पूरा हो सके।
दुर्घटना होने पर रेस्क्यू के लिए बनेगी लिफ्ट
सुरंग के सेंटर पाइंट को फिलहाल खुला ही रखा गया है। फिनिशिंग और ट्रैक का काम पूरा होने पर इसे कवर कर दिया जाएगा। इसी जगह पर एक लिफ्ट भी लगाई जाएगी। जिसका उपयोग आपातकाल स्थिति में कर्मचारियों को नीचे भेजने और यात्रियों को बाहर निकालने के लिए होगा। बता दें कि इस बार बजट में प्रोजेक्ट के लिए 600 करोड़ रुपये मिले हैं।
पूरी परियोजना को 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य
इस परियोजना का एक बड़ा हिस्सा आदिवासी अंचल को रेल सेवाओं से जोड़ेगा। परियोजना में पीथमपुर, सागौर, गुणावद, नौगांव, झाबुआ, पिटोल में नए रेलवे स्टेशन भवन, प्लेटफार्म आदि का निर्माण शुरू कर दिया है।
इसे 2027 तक पूरा करने का लक्ष्य है। साल 2008 में प्रोजेक्ट का शुभारंग हुआ था और काम साल 2013 में शुरू हुआ था। वर्तमान में 205 किमी लंबे इस प्रोजेक्ट में अलग-अलग हिस्सों में काम चल रहा है।
इंदौर-दाहोद नई रेल लाइन प्रोजेक्ट (205 किमी) को इंदौर-टिही (29 किमी), टिही-गुणावद (28 किमी), गुणावद-नौगांव (14 किमी), धार-अमझेरा (20 किमी), अमझेरा-सरदारपुर (20 किमी), सरदारपुर-झाबुआ (60 किमी) सेक्शन में बांटकर काम किया जा रहा है।
Indore Dahod Rail Line: इंदौर-दाहोद रेल लाइन को समय पर पूरा करने पांच मशीनें करेंगी काम
-
- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
- Posts: 1611
- Joined: Sat Jul 13, 2024 10:35 am
- Contact:
Indore Dahod Rail Line: इंदौर-दाहोद रेल लाइन को समय पर पूरा करने पांच मशीनें करेंगी काम
Re: Indore Dahod Rail Line: इंदौर-दाहोद रेल लाइन को समय पर पूरा करने पांच मशीनें करेंगी काम
जून इस वर्ष, सुरंग के दोनों छोरों को सफलतापूर्वक जोड़ा गया, जिसके बाद पानी को हटाया गया। लगभग दो महीने पहले, सुरंग के अंदरूनी हिस्से पर सीमेंट की परत लगाई गई, और फिनिशिंग का काम पिछले सप्ताह शुरू हुआ। पानी रिसाव को रोकने के लिए, वॉटर-रेसिस्टेंट जियो-टेक्सटाइल्स और मेम्ब्रेन को एक गैन्ट्री सिस्टम (मशीन) का उपयोग करके स्थापित किया जा रहा है। इसके अतिरिक्त, एहतियात के तौर पर ड्रेन लाइनें बनाई गई हैं।
"शुरुआत में, काम को छह मीटर गैन्ट्री (मशीन) का उपयोग करके प्रतिदिन छह मीटर की गति से किया जा रहा था। इस गति से सुरंग का निर्माण पूरा करने में पूरा वर्ष लग जाता। प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, रेलवे अधिकारियों ने एक अतिरिक्त छह मीटर गैन्ट्री और तीन 12 मीटर गैन्ट्री का उपयोग करने का निर्णय लिया है," Ratlam railway PRO Khemraj Meena ने कहा।
"शुरुआत में, काम को छह मीटर गैन्ट्री (मशीन) का उपयोग करके प्रतिदिन छह मीटर की गति से किया जा रहा था। इस गति से सुरंग का निर्माण पूरा करने में पूरा वर्ष लग जाता। प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए, रेलवे अधिकारियों ने एक अतिरिक्त छह मीटर गैन्ट्री और तीन 12 मीटर गैन्ट्री का उपयोग करने का निर्णय लिया है," Ratlam railway PRO Khemraj Meena ने कहा।