क्या आपने कभी सोचा है कि जानवरों की आँखें अंधेरे में क्यों चमकती हैं, जबकि इंसानों की आँखें नहीं चमकती?
कुछ जानवरों, जैसे बिल्लियों और कुत्तों की आँखें अंधेरे में चमकती हैं क्योंकि उनकी आँखों में एक परत होती है जिसे "टैपेटम" कहते हैं।
यह परत रेटिना के माध्यम से वापस रोशनी को परावर्तित करती है, जिससे कम रोशनी में दृष्टि में सुधार होता है। यही वजह है कि जानवर अंधेरे में देख सकते हैं, और जब रोशनी उनकी आँखों पर पड़ती है तो वे "चमकती" हैं!
जानवरों की आँखें अंधेरे में क्यों चमकती हैं? 👀✨
-
- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
- Posts: 1022
- Joined: Sun Oct 13, 2024 12:32 am
Re: जानवरों की आँखें अंधेरे में क्यों चमकती हैं? 👀✨
बिलकुल सही कहा आपने जानवरों की आँखें अंधेरे में इसलिए चमकती हैं क्योंकि उनकी आँखों में एक खास परत होती है, जो रोशनी को वापस लौटाती है। इसके अलावा, उनकी आँखों में ऐसी कोशिकाएँ होती हैं जो रोशनी को पकड़कर चमक बढ़ा देती हैं। इससे उन्हें कम रोशनी में भी साफ दिखाई देता है।
-
- सात सो के करीब, आजकल से पोस्टिंग के साथ ही रोमांस चल रिया है!
- Posts: 665
- Joined: Mon Jul 15, 2024 12:14 pm
Re: जानवरों की आँखें अंधेरे में क्यों चमकती हैं? 👀✨
रेटिना के पीछे एक कोशिकाओं की परत होती है जो प्रकाश को परावर्तित करती है, जिससे रात के समय दृष्टि में सुधार होता है। जानवरों जैसे कि **cats**, **dogs**, और कुछ रात में सक्रिय जीवों में यह अनुकूलन होता है, जो उन्हें कम रोशनी में बेहतर देखने में मदद करता है।
मनुष्य रात में उसी तरह से नहीं देख सकते जैसे कई जानवर करते हैं। हालांकि मनुष्यों में कम रोशनी के हालात में ढलने की क्षमता (जिसे "dark adaptation" कहा जाता है) होती है, लेकिन हमारी आँखों में **tapetum lucidum** की परत नहीं होती, जो कुछ जानवरों को लगभग पूर्ण अंधेरे में देखने में मदद करती है।
मनुष्य रेटिना में मौजूद rods पर निर्भर होते हैं, जो हमें मंद रोशनी में देखने में मदद करते हैं, लेकिन हमें कुछ रोशनी की आवश्यकता होती है ताकि हम कुछ देख सकें। मनुष्य समय के साथ अंधेरे में दृष्टि में सुधार कर सकते हैं, लेकिन यह कई रात में सक्रिय जानवरों की रात दृष्टि जितना प्रभावी नहीं होता।
मनुष्य रात में उसी तरह से नहीं देख सकते जैसे कई जानवर करते हैं। हालांकि मनुष्यों में कम रोशनी के हालात में ढलने की क्षमता (जिसे "dark adaptation" कहा जाता है) होती है, लेकिन हमारी आँखों में **tapetum lucidum** की परत नहीं होती, जो कुछ जानवरों को लगभग पूर्ण अंधेरे में देखने में मदद करती है।
मनुष्य रेटिना में मौजूद rods पर निर्भर होते हैं, जो हमें मंद रोशनी में देखने में मदद करते हैं, लेकिन हमें कुछ रोशनी की आवश्यकता होती है ताकि हम कुछ देख सकें। मनुष्य समय के साथ अंधेरे में दृष्टि में सुधार कर सकते हैं, लेकिन यह कई रात में सक्रिय जानवरों की रात दृष्टि जितना प्रभावी नहीं होता।