उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम (CP Act) के तहत, एक आदेश के खिलाफ अपील की जा सकती है, और यदि उस अपील के आदेश के खिलाफ भी असंतोष होता है, तो एक और अपील की संभावना होती है। पहले स्तर पर, यदि जिला फोरम या राज्य आयोग ने कोई आदेश जारी किया है, तो उस आदेश के खिलाफ अपील राज्य आयोग या राष्ट्रीय आयोग में की जा सकती है।
यदि राज्य आयोग द्वारा अपील पर निर्णय के बाद भी उपभोक्ता असंतुष्ट है, तो वे राष्ट्रीय उपभोक्ता विवाद निवारण आयोग में अपील कर सकते हैं।
इस प्रकार, एक आदेश के खिलाफ एक बार अपील की जा सकती है, और अगर उस अपील के आदेश पर भी आपत्ति होती है, तो उसके खिलाफ राष्ट्रीय आयोग में दूसरी अपील की जा सकती है। हालांकि, दूसरी अपील केवल राष्ट्रीय आयोग में की जा सकती है और इसकी प्रक्रिया और मानदंड पहले अपील के आदेश की समीक्षा करने के लिए होते हैं।
इसके अतिरिक्त, उच्च न्यायालय में समीक्षा याचिका दायर की जा सकती है यदि कोई कानूनी त्रुटि या विधिक मुद्दा होता है, लेकिन यह प्रक्रिया उपभोक्ता अदालत की प्रणाली के अलावा होती है।
इस तरह, CP Act के तहत एक आदेश के खिलाफ विभिन्न अपील की प्रक्रियाएं होती हैं, लेकिन उनका क्रम और अनुमोदन विशेष कानूनी मानदंडों पर निर्भर करता है।