Source: https://www.indiatv.in/entertainment/bo ... 31-1063985हिन्दी सिनेमा के दिग्गज सिंगर मोहम्मद रफी अपनी करिश्माई आवाज के लिए जाने जाते रहे हैं। उनके गीत आज भी लोगों का दिल जीत लेते हैं। हर महफिल में मोहम्मद रफी के गाने फिट बैठते हैं और लोगों के दिलों में उतर जाते हैं। वक्त और सरहद की दीवारों को लांघ कर ये गाने आज दुनियाभर में पॉपुलर हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक हर वर्ग के लोग उनके गानों के फैन हैं। आज मौहम्मद रफी की डेथ एनिवर्सरी है। इस मौके पर उन्हें याद करते हुए उनके सदाबहार 5 सबसे खास गानों कि लिस्ट हम आपके लिए लाए हैं, जिन्हें सुनने के बाद आप भी कई भावनाओं का अहसास करेंगे।
बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब
मोहम्मद रफी का एक गाना इतना स्पेशल है कि कोई भी शादी इसके बिना पूरी नहीं होती है। जैसे ही बारात दरवाजे लगती है तो बैंड वाले इस गाने को जरूर बजाते हैं। इस गाने पर आज भी लोग खूब डांस करते हैं और ये एक अलग उत्साह का भाव पैदा करता है। 1966 में रिलीज हुई फिल्म 'सूरज' के लिए मोहम्मद रफी ने एक गाने को आवाज दी थी, जिसके बोल हैं – बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है। 56 साल बाद भी इस गाने का मैजिक वैसा ही है जैसा उस दौर में था।
बाबुल की दुआएं लेती जा
अब शादी का जिक्र आया ही है तो विदाई गीत की भी बात लाजमी है। 'बाबुल की दुआएं लेती जा' भी मोहम्मद रफी ने ही गाया है। इस गाने की रिकॉर्डिंग करते-करते वो खुद रोने लगे थे। ये गाना आज भी लोगों की आंखें नम कर देता है और लोग चाहकर भी अपने आंसू रोक नहीं पाते। राम माहेश्वरी की फिल्म 'नील कमल' के लिए ये गाना तैयार किया गया था। बेटी की विदाई गीत के तौर पर ये गाना पॉपुलर हुआ।
हमको तुमसे हो गया प्यार
एक गीत सबसे खास है और इसके खास होने की खास वजह भी है। 'अमर अकबर एंथनी' के लिए मोहमम्मदी रफी ने दो और दिग्गजों मुकेश कुमार और किशोर कुमार के साथ मिलकर एक गाने को आवाज दी थी। इस गाने का नाम 'हमको तुमसे हो गया प्यार' है। इसमें पहली और आखिरी बार तीनों की जादुई आवाज एक साथ सुनने को मिली थी।
महफिल में चार चांद लगाते हैं मोहम्मद रफी के ये 5 गाने, एक को सबसे ज्यादा खास बनाता है दो और दिग्गजों का साथ
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हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972
2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
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1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
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2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
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5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
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महफिल में चार चांद लगाते हैं मोहम्मद रफी के ये 5 गाने, एक को सबसे ज्यादा खास बनाता है दो और दिग्गजों का साथ
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Re: महफिल में चार चांद लगाते हैं मोहम्मद रफी के ये 5 गाने, एक को सबसे ज्यादा खास बनाता है दो और दिग्गजों का साथ
मोहमद रफ़ी हिंदी सिनेमा के दिगज सिंगर है। उनके गाने आज भी लोगों के दिलो पर राज कर रहे है। उनका गाना बहारो फूल बरसाओ मेरा मेहबूब गाने ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।1966 में रिलीज हुई फिल्म 'सूरज' के लिए मोहम्मद रफी ने एक गाने को आवाज दी थी, जिसके बोल हैं बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है। काफी सारे सिंगर उनको अपना इंस्प्रेसन मानते है।
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Re: महफिल में चार चांद लगाते हैं मोहम्मद रफी के ये 5 गाने, एक को सबसे ज्यादा खास बनाता है दो और दिग्गजों का साथ
बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूबritka.sharma wrote: Sat Oct 05, 2024 6:57 pm मोहमद रफ़ी हिंदी सिनेमा के दिगज सिंगर है। उनके गाने आज भी लोगों के दिलो पर राज कर रहे है। उनका गाना बहारो फूल बरसाओ मेरा मेहबूब गाने ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।1966 में रिलीज हुई फिल्म 'सूरज' के लिए मोहम्मद रफी ने एक गाने को आवाज दी थी, जिसके बोल हैं बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है। काफी सारे सिंगर उनको अपना इंस्प्रेसन मानते है।
मोहम्मद रफी का एक गाना इतना स्पेशल है कि कोई भी शादी इसके बिना पूरी नहीं होती है। जैसे ही बारात दरवाजे लगती है तो बैंड वाले इस गाने को जरूर बजाते हैं। इस गाने पर आज भी लोग खूब डांस करते हैं और ये एक अलग उत्साह का भाव पैदा करता है
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Re: महफिल में चार चांद लगाते हैं मोहम्मद रफी के ये 5 गाने, एक को सबसे ज्यादा खास बनाता है दो और दिग्गजों का साथ
उनके गीत आज भी लोगों का दिल जीत लेते हैं। हर महफिल में मोहम्मद रफी के गाने फिट बैठते हैं और लोगों के दिलों में उतर जाते हैं। वक्त और सरहद की दीवारों को लांघ कर ये गाने आज दुनियाभर में पॉपुलर हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक हर वर्ग के लोग उनके गानों के फैन हैं।ritka.sharma wrote: Sat Oct 05, 2024 6:57 pm मोहमद रफ़ी हिंदी सिनेमा के दिगज सिंगर है। उनके गाने आज भी लोगों के दिलो पर राज कर रहे है। उनका गाना बहारो फूल बरसाओ मेरा मेहबूब गाने ने अपनी एक अलग पहचान बनाई है।1966 में रिलीज हुई फिल्म 'सूरज' के लिए मोहम्मद रफी ने एक गाने को आवाज दी थी, जिसके बोल हैं बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है। काफी सारे सिंगर उनको अपना इंस्प्रेसन मानते है।
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Re: महफिल में चार चांद लगाते हैं मोहम्मद रफी के ये 5 गाने, एक को सबसे ज्यादा खास बनाता है दो और दिग्गजों का साथ
मोहम्मद रफी का अमिट प्रभावLinkBlogs wrote: Wed Jul 31, 2024 3:30 pmSource: https://www.indiatv.in/entertainment/bo ... 31-1063985हिन्दी सिनेमा के दिग्गज सिंगर मोहम्मद रफी अपनी करिश्माई आवाज के लिए जाने जाते रहे हैं। उनके गीत आज भी लोगों का दिल जीत लेते हैं। हर महफिल में मोहम्मद रफी के गाने फिट बैठते हैं और लोगों के दिलों में उतर जाते हैं। वक्त और सरहद की दीवारों को लांघ कर ये गाने आज दुनियाभर में पॉपुलर हैं। बच्चों से लेकर बड़ों तक हर वर्ग के लोग उनके गानों के फैन हैं। आज मौहम्मद रफी की डेथ एनिवर्सरी है। इस मौके पर उन्हें याद करते हुए उनके सदाबहार 5 सबसे खास गानों कि लिस्ट हम आपके लिए लाए हैं, जिन्हें सुनने के बाद आप भी कई भावनाओं का अहसास करेंगे।
बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब
मोहम्मद रफी का एक गाना इतना स्पेशल है कि कोई भी शादी इसके बिना पूरी नहीं होती है। जैसे ही बारात दरवाजे लगती है तो बैंड वाले इस गाने को जरूर बजाते हैं। इस गाने पर आज भी लोग खूब डांस करते हैं और ये एक अलग उत्साह का भाव पैदा करता है। 1966 में रिलीज हुई फिल्म 'सूरज' के लिए मोहम्मद रफी ने एक गाने को आवाज दी थी, जिसके बोल हैं – बहारों फूल बरसाओ मेरा महबूब आया है। 56 साल बाद भी इस गाने का मैजिक वैसा ही है जैसा उस दौर में था।
बाबुल की दुआएं लेती जा
अब शादी का जिक्र आया ही है तो विदाई गीत की भी बात लाजमी है। 'बाबुल की दुआएं लेती जा' भी मोहम्मद रफी ने ही गाया है। इस गाने की रिकॉर्डिंग करते-करते वो खुद रोने लगे थे। ये गाना आज भी लोगों की आंखें नम कर देता है और लोग चाहकर भी अपने आंसू रोक नहीं पाते। राम माहेश्वरी की फिल्म 'नील कमल' के लिए ये गाना तैयार किया गया था। बेटी की विदाई गीत के तौर पर ये गाना पॉपुलर हुआ।
हमको तुमसे हो गया प्यार
एक गीत सबसे खास है और इसके खास होने की खास वजह भी है। 'अमर अकबर एंथनी' के लिए मोहमम्मदी रफी ने दो और दिग्गजों मुकेश कुमार और किशोर कुमार के साथ मिलकर एक गाने को आवाज दी थी। इस गाने का नाम 'हमको तुमसे हो गया प्यार' है। इसमें पहली और आखिरी बार तीनों की जादुई आवाज एक साथ सुनने को मिली थी।
"मोहम्मद रफी का संगीत संसार में ऐसा अद्वितीय स्थान है कि उनके गाने आज भी दिलों को छू जाते हैं। उनकी आवाज में एक खास जादू था जो किसी भी मौके को खास बना देता था। खासकर 'बहारों फूल बरसाओ' और 'बाबुल की दुआएं लेती जा' जैसे गाने तो शादियों और विदाई के फेरे में बेजोड़ रूप से फिट बैठते हैं। यही नहीं, 'हमको तुमसे हो गया प्यार' में रफी का साथ किशोर कुमार और मुकेश के साथ मिलकर जो जादू रचा है, वह हर संगीतप्रेमी के दिल में हमेशा के लिए बस गया है। मोहम्मद रफी का संगीत न केवल फिल्मों में बल्कि हमारे दिलों में भी जीवित रहेगा।"
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Re: महफिल में चार चांद लगाते हैं मोहम्मद रफी के ये 5 गाने, एक को सबसे ज्यादा खास बनाता है दो और दिग्गजों का साथ
सदाबहार मोहम्मद रफी
"मोहम्मद रफी का संगीत और उनकी आवाज वाकई में समय की सीमाओं को पार कर गया है। 'बहारों फूल बरसाओ' जैसे गाने शादियों के मौसम में जीवन की उमंगों को जगाते हैं, वहीं 'बाबुल की दुआएं लेती जा' जैसे गाने शांति और भावनाओं की गहराई को दिखाते हैं। रफी की आवाज में एक अजीब सी ताकत थी जो हर भाव को सजीव बना देती थी। 'हमको तुमसे हो गया प्यार' में तीन दिग्गजों की आवाज का संगम एक अद्भुत अनुभव है और रफी की आवाज उसमें सबसे अलग चमकती है। यह सच है कि मोहम्मद रफी ने गीतों को न केवल गाया, बल्कि उन्हें अमर बना दिया।"
"मोहम्मद रफी का संगीत और उनकी आवाज वाकई में समय की सीमाओं को पार कर गया है। 'बहारों फूल बरसाओ' जैसे गाने शादियों के मौसम में जीवन की उमंगों को जगाते हैं, वहीं 'बाबुल की दुआएं लेती जा' जैसे गाने शांति और भावनाओं की गहराई को दिखाते हैं। रफी की आवाज में एक अजीब सी ताकत थी जो हर भाव को सजीव बना देती थी। 'हमको तुमसे हो गया प्यार' में तीन दिग्गजों की आवाज का संगम एक अद्भुत अनुभव है और रफी की आवाज उसमें सबसे अलग चमकती है। यह सच है कि मोहम्मद रफी ने गीतों को न केवल गाया, बल्कि उन्हें अमर बना दिया।"
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Re: महफिल में चार चांद लगाते हैं मोहम्मद रफी के ये 5 गाने, एक को सबसे ज्यादा खास बनाता है दो और दिग्गजों का साथ
रफी साहब का जादू
"मोहम्मद रफी की आवाज के बिना भारतीय संगीत अधूरा सा लगता है। उनके गाने सच्चे दिल से गाए गए थे और वही भावनाएं आज भी हमारे दिलों में उसी रूप में बसी हुई हैं। 'बहारों फूल बरसाओ' ने न केवल शादियों में मस्ती और उत्साह की लहर दौड़ाई, बल्कि 'बाबुल की दुआएं लेती जा' ने विदाई के क्षणों को इतना भावुक बना दिया कि आज भी लोग इसे सुनकर अपनी आंखों के आंसू रोक नहीं पाते। साथ ही, 'हमको तुमसे हो गया प्यार' जैसी रचनाएं जहां रफी के साथ मुकेश और किशोर कुमार की आवाज मिलकर एक नया संगीत जादू रचती हैं, वहीं यह तीनों दिग्गजों के संगम को देखने का दुर्लभ मौका देती हैं। रफी साहब की आवाज हमेशा के लिए अमर रहेगी।"
"मोहम्मद रफी की आवाज के बिना भारतीय संगीत अधूरा सा लगता है। उनके गाने सच्चे दिल से गाए गए थे और वही भावनाएं आज भी हमारे दिलों में उसी रूप में बसी हुई हैं। 'बहारों फूल बरसाओ' ने न केवल शादियों में मस्ती और उत्साह की लहर दौड़ाई, बल्कि 'बाबुल की दुआएं लेती जा' ने विदाई के क्षणों को इतना भावुक बना दिया कि आज भी लोग इसे सुनकर अपनी आंखों के आंसू रोक नहीं पाते। साथ ही, 'हमको तुमसे हो गया प्यार' जैसी रचनाएं जहां रफी के साथ मुकेश और किशोर कुमार की आवाज मिलकर एक नया संगीत जादू रचती हैं, वहीं यह तीनों दिग्गजों के संगम को देखने का दुर्लभ मौका देती हैं। रफी साहब की आवाज हमेशा के लिए अमर रहेगी।"
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Re: महफिल में चार चांद लगाते हैं मोहम्मद रफी के ये 5 गाने, एक को सबसे ज्यादा खास बनाता है दो और दिग्गजों का साथ
रफी साहब का जादू
"मोहम्मद रफी की आवाज के बिना भारतीय संगीत अधूरा सा लगता है। उनके गाने सच्चे दिल से गाए गए थे और वही भावनाएं आज भी हमारे दिलों में उसी रूप में बसी हुई हैं। 'बहारों फूल बरसाओ' ने न केवल शादियों में मस्ती और उत्साह की लहर दौड़ाई, बल्कि 'बाबुल की दुआएं लेती जा' ने विदाई के क्षणों को इतना भावुक बना दिया कि आज भी लोग इसे सुनकर अपनी आंखों के आंसू रोक नहीं पाते। साथ ही, 'हमको तुमसे हो गया प्यार' जैसी रचनाएं जहां रफी के साथ मुकेश और किशोर कुमार की आवाज मिलकर एक नया संगीत जादू रचती हैं, वहीं यह तीनों दिग्गजों के संगम को देखने का दुर्लभ मौका देती हैं। रफी साहब की आवाज हमेशा के लिए अमर रहेगी।"
"मोहम्मद रफी की आवाज के बिना भारतीय संगीत अधूरा सा लगता है। उनके गाने सच्चे दिल से गाए गए थे और वही भावनाएं आज भी हमारे दिलों में उसी रूप में बसी हुई हैं। 'बहारों फूल बरसाओ' ने न केवल शादियों में मस्ती और उत्साह की लहर दौड़ाई, बल्कि 'बाबुल की दुआएं लेती जा' ने विदाई के क्षणों को इतना भावुक बना दिया कि आज भी लोग इसे सुनकर अपनी आंखों के आंसू रोक नहीं पाते। साथ ही, 'हमको तुमसे हो गया प्यार' जैसी रचनाएं जहां रफी के साथ मुकेश और किशोर कुमार की आवाज मिलकर एक नया संगीत जादू रचती हैं, वहीं यह तीनों दिग्गजों के संगम को देखने का दुर्लभ मौका देती हैं। रफी साहब की आवाज हमेशा के लिए अमर रहेगी।"