भारत के पाँच कवि कौन हैं?
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भारत के पाँच कवि कौन हैं?
भारत के काव्य साहित्य में कई प्रमुख कवि हुए हैं जिन्होंने अपने अद्वितीय लेखन के माध्यम से भारतीय साहित्य को समृद्ध किया। यहाँ पाँच प्रमुख कवियों के नाम दिए गए हैं:
1. कबीर: कबीर दास एक प्रमुख भक्ति कवि थे जिन्होंने अपनी कविताओं और साखियों के माध्यम से प्रेम, भक्ति, और सामाजिक सुधार का संदेश दिया। उनकी कविताएँ धार्मिक और सामाजिक पाखंड के खिलाफ थीं और प्रेम और मानवता की बात करती थीं।
2. तुलसीदास: तुलसीदास ने "रामचरितमानस" की रचना की, जो भगवान राम की कथा का एक प्रसिद्ध महाकाव्य है। उनके कविताओं में भक्ति, धर्म, और आदर्श जीवन के मूल्य को दर्शाया गया है।
3. सूरदास: सूरदास ने भगवान कृष्ण की बाललीला और भक्ति पर आधारित कविताएँ लिखीं। उनकी रचनाएँ भक्ति साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और उनकी कविताएँ कृष्ण भक्ति की गहराई को दर्शाती हैं।
4. मीराबाई: मीराबाई एक प्रमुख भक्ति कवि और संत थीं जिन्होंने भगवान कृष्ण के प्रति अपनी असीम भक्ति और प्रेम को अपनी कविताओं और भजनों में व्यक्त किया। उनकी रचनाएँ प्रेम और भक्ति की भावना से भरी हुई हैं।
5. जयशंकर प्रसाद: जयशंकर प्रसाद ने हिंदी साहित्य को अपनी कविताओं, नाटकों और कहानियों के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी प्रमुख रचनाओं में "कामायनी" और "आकाशदीप" शामिल हैं, जो प्रेम, मानवता और समाज के विभिन्न पहलुओं को छूती हैं।
ये कवि भारतीय साहित्य के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और उनकी रचनाओं ने भारतीय काव्य परंपरा को गहराई और समृद्धि प्रदान की है।
1. कबीर: कबीर दास एक प्रमुख भक्ति कवि थे जिन्होंने अपनी कविताओं और साखियों के माध्यम से प्रेम, भक्ति, और सामाजिक सुधार का संदेश दिया। उनकी कविताएँ धार्मिक और सामाजिक पाखंड के खिलाफ थीं और प्रेम और मानवता की बात करती थीं।
2. तुलसीदास: तुलसीदास ने "रामचरितमानस" की रचना की, जो भगवान राम की कथा का एक प्रसिद्ध महाकाव्य है। उनके कविताओं में भक्ति, धर्म, और आदर्श जीवन के मूल्य को दर्शाया गया है।
3. सूरदास: सूरदास ने भगवान कृष्ण की बाललीला और भक्ति पर आधारित कविताएँ लिखीं। उनकी रचनाएँ भक्ति साहित्य में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं और उनकी कविताएँ कृष्ण भक्ति की गहराई को दर्शाती हैं।
4. मीराबाई: मीराबाई एक प्रमुख भक्ति कवि और संत थीं जिन्होंने भगवान कृष्ण के प्रति अपनी असीम भक्ति और प्रेम को अपनी कविताओं और भजनों में व्यक्त किया। उनकी रचनाएँ प्रेम और भक्ति की भावना से भरी हुई हैं।
5. जयशंकर प्रसाद: जयशंकर प्रसाद ने हिंदी साहित्य को अपनी कविताओं, नाटकों और कहानियों के माध्यम से महत्वपूर्ण योगदान दिया। उनकी प्रमुख रचनाओं में "कामायनी" और "आकाशदीप" शामिल हैं, जो प्रेम, मानवता और समाज के विभिन्न पहलुओं को छूती हैं।
ये कवि भारतीय साहित्य के महत्वपूर्ण स्तंभ हैं और उनकी रचनाओं ने भारतीय काव्य परंपरा को गहराई और समृद्धि प्रदान की है।
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Re: भारत के पाँच कवि कौन हैं?
यहाँ कुछ और नाम है जो काफी लोकप्रिय थे
सुमित्रानंदन पंत
सुमित्रानंदन पंत को आधुनिक हिंदी कविता का पितामह कहा जाता है। उनकी कविता में प्रकृति का वर्णन बहुत ही खूबसूरती से किया गया है। उनकी रचनाओं में प्रेम, जीवन और मृत्यु जैसे विषयों पर गहरा चिंतन मिलता है।
जयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसाद एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनकी कविता में राष्ट्रीयता, प्रेम और सामाजिक समस्याओं पर गहरा चिंतन मिलता है।
सुमित्रानंदन पंत
सुमित्रानंदन पंत को आधुनिक हिंदी कविता का पितामह कहा जाता है। उनकी कविता में प्रकृति का वर्णन बहुत ही खूबसूरती से किया गया है। उनकी रचनाओं में प्रेम, जीवन और मृत्यु जैसे विषयों पर गहरा चिंतन मिलता है।
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जयशंकर प्रसाद एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनकी कविता में राष्ट्रीयता, प्रेम और सामाजिक समस्याओं पर गहरा चिंतन मिलता है।
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Re: भारत के पाँच कवि कौन हैं?
Sumitranandan Pant (20 मई 1900 - 28 दिसंबर 1977) उत्तराखंड के अल्मोड़ा जिले के कौसानी में जन्मे, आधुनिक हिंदी साहित्य के प्रमुख साहित्यकारों में से एक थे जिन्होंने हिंदी कविता के छायावादी स्वरूप की स्थापना की। उनका बचपन का नाम गुसाईं दत्त था।
वे हिंदी भाषा के 20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध कवियों में से एक थे और अपनी कविताओं में रोमांटिकता के लिए जाने जाते थे जो प्रकृति, लोगों और आंतरिक सौंदर्य से प्रेरित थीं।
वे हिंदी भाषा के 20वीं सदी के सबसे प्रसिद्ध कवियों में से एक थे और अपनी कविताओं में रोमांटिकता के लिए जाने जाते थे जो प्रकृति, लोगों और आंतरिक सौंदर्य से प्रेरित थीं।
johny888 wrote: Sat Oct 26, 2024 3:02 pm यहाँ कुछ और नाम है जो काफी लोकप्रिय थे
सुमित्रानंदन पंत
सुमित्रानंदन पंत को आधुनिक हिंदी कविता का पितामह कहा जाता है। उनकी कविता में प्रकृति का वर्णन बहुत ही खूबसूरती से किया गया है। उनकी रचनाओं में प्रेम, जीवन और मृत्यु जैसे विषयों पर गहरा चिंतन मिलता है।
जयशंकर प्रसाद
जयशंकर प्रसाद एक बहुमुखी प्रतिभा के धनी थे। उनकी कविता में राष्ट्रीयता, प्रेम और सामाजिक समस्याओं पर गहरा चिंतन मिलता है।
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Re: भारत के पाँच कवि कौन हैं?
भारत के कवि कौन हैं?
उस लिस्ट में तो हम भी आते हैं यह बात अलग है कि अभी दुनिया ने हमें पहचाना नहीं है लेकिन हमने भी असंख्य कविताएं लिखी हैं और लोगों को लिख लिख कर दी है और लोगों ने उसे अपने नाम से भेज कर या बोलकर कई पुरस्कार भी जीते हैं। हम अपने आप को कवि मानते हैं अब देखिए भारत सरकार कब हमें इस लिस्ट में शामिल करती है।
उस लिस्ट में तो हम भी आते हैं यह बात अलग है कि अभी दुनिया ने हमें पहचाना नहीं है लेकिन हमने भी असंख्य कविताएं लिखी हैं और लोगों को लिख लिख कर दी है और लोगों ने उसे अपने नाम से भेज कर या बोलकर कई पुरस्कार भी जीते हैं। हम अपने आप को कवि मानते हैं अब देखिए भारत सरकार कब हमें इस लिस्ट में शामिल करती है।
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Re: भारत के पाँच कवि कौन हैं?
सही कहा दीदी आपने अति उत्तम। इस बात पर भारत सरकार को आपको सम्मान देना चाहिए सच बात है आपसे अच्छा राइटर कोई हो ही नहीं सकता आप इतना खूबसूरत भी लिखती हैं बोलती भी अच्छा है आपके विचार भी इतने अच्छे हैं आपको नॉलेज भी जबरदस्त है और आपको कई तरह की भाषाओं का ज्ञान भी है आप हर लैंग्वेज के सॉन्ग भी अच्छी लिखती है.। बहुत ही ज्यादा सुंदर। मेरी तरफ से तो पांचो भारत के कवि आप ही हो। आप कौन सा विदेश में रहती होBhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 10:41 pm भारत के कवि कौन हैं?
उस लिस्ट में तो हम भी आते हैं यह बात अलग है कि अभी दुनिया ने हमें पहचाना नहीं है लेकिन हमने भी असंख्य कविताएं लिखी हैं और लोगों को लिख लिख कर दी है और लोगों ने उसे अपने नाम से भेज कर या बोलकर कई पुरस्कार भी जीते हैं। हम अपने आप को कवि मानते हैं अब देखिए भारत सरकार कब हमें इस लिस्ट में शामिल करती है।
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Re: भारत के पाँच कवि कौन हैं?
अरे वाह सोनल! मेरा तो मन कर रहा है कि मैं तुम्हें राष्ट्रपति बना दूं और अगर तुम राष्ट्रपति बन गई तो जितने भी पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में मिलते हैं।सारी सूचियां में मेरा नाम सबसे ऊपर होगा। लेकिन उसके लिए बहुत समय लग जाएगा पहले तुम्हें 65 साल का होना पड़ेगा उसके बाद कहीं तुम राष्ट्रपति का चुनाव लड़ोगी फिर जीतोगी होगी, तब तक हमारा दूसरा जन्म हो चुका होगा और हम नर्सरी में फिर से एबीसी पढ़ रहे होंगे।Sonal singh wrote: Wed Nov 20, 2024 2:35 pmसही कहा दीदी आपने अति उत्तम। इस बात पर भारत सरकार को आपको सम्मान देना चाहिए सच बात है आपसे अच्छा राइटर कोई हो ही नहीं सकता आप इतना खूबसूरत भी लिखती हैं बोलती भी अच्छा है आपके विचार भी इतने अच्छे हैं आपको नॉलेज भी जबरदस्त है और आपको कई तरह की भाषाओं का ज्ञान भी है आप हर लैंग्वेज के सॉन्ग भी अच्छी लिखती है.। बहुत ही ज्यादा सुंदर। मेरी तरफ से तो पांचो भारत के कवि आप ही हो। आप कौन सा विदेश में रहती होBhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 10:41 pm भारत के कवि कौन हैं?
उस लिस्ट में तो हम भी आते हैं यह बात अलग है कि अभी दुनिया ने हमें पहचाना नहीं है लेकिन हमने भी असंख्य कविताएं लिखी हैं और लोगों को लिख लिख कर दी है और लोगों ने उसे अपने नाम से भेज कर या बोलकर कई पुरस्कार भी जीते हैं। हम अपने आप को कवि मानते हैं अब देखिए भारत सरकार कब हमें इस लिस्ट में शामिल करती है।
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Re: भारत के पाँच कवि कौन हैं?
रवींद्रनाथ टैगोर को व्यापक रूप से आधुनिक भारत का सबसे महान कवि माना जाता है. उन्हें 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार मिला था.Bhaskar.Rajni wrote: Wed Nov 27, 2024 10:32 pmअरे वाह सोनल! मेरा तो मन कर रहा है कि मैं तुम्हें राष्ट्रपति बना दूं और अगर तुम राष्ट्रपति बन गई तो जितने भी पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में मिलते हैं।सारी सूचियां में मेरा नाम सबसे ऊपर होगा। लेकिन उसके लिए बहुत समय लग जाएगा पहले तुम्हें 65 साल का होना पड़ेगा उसके बाद कहीं तुम राष्ट्रपति का चुनाव लड़ोगी फिर जीतोगी होगी, तब तक हमारा दूसरा जन्म हो चुका होगा और हम नर्सरी में फिर से एबीसी पढ़ रहे होंगे।Sonal singh wrote: Wed Nov 20, 2024 2:35 pmसही कहा दीदी आपने अति उत्तम। इस बात पर भारत सरकार को आपको सम्मान देना चाहिए सच बात है आपसे अच्छा राइटर कोई हो ही नहीं सकता आप इतना खूबसूरत भी लिखती हैं बोलती भी अच्छा है आपके विचार भी इतने अच्छे हैं आपको नॉलेज भी जबरदस्त है और आपको कई तरह की भाषाओं का ज्ञान भी है आप हर लैंग्वेज के सॉन्ग भी अच्छी लिखती है.। बहुत ही ज्यादा सुंदर। मेरी तरफ से तो पांचो भारत के कवि आप ही हो। आप कौन सा विदेश में रहती होBhaskar.Rajni wrote: Sat Nov 16, 2024 10:41 pm भारत के कवि कौन हैं?
उस लिस्ट में तो हम भी आते हैं यह बात अलग है कि अभी दुनिया ने हमें पहचाना नहीं है लेकिन हमने भी असंख्य कविताएं लिखी हैं और लोगों को लिख लिख कर दी है और लोगों ने उसे अपने नाम से भेज कर या बोलकर कई पुरस्कार भी जीते हैं। हम अपने आप को कवि मानते हैं अब देखिए भारत सरकार कब हमें इस लिस्ट में शामिल करती है।
चंद्रवरदाई को ब्रजभाषा हिन्दी का पहला महाकवि माना जाता है. उन्होंने पृथ्वीराज रासो नाम का महाकाव्य लिखा था.
सरहपा को हिन्दी का पहला कवि माना जाता है. उनका जन्मकाल 8वीं शदी माना जाता है.
वाल्मीकि को आदिकवि या भारत का पहला कवि कहा जाता है. उन्होंने रामायण की रचना की थी
Re: भारत के पाँच कवि कौन हैं?
महान कवियों के नाम यह रहे रवींद्रनाथ टैगोर तुलसीदास कबीर मिर्ज़ा ग़ालिब कालिदास जयदेव सूरदास मीराबाई चंद्रवरदाई वाल्मीकि यह कहना मुश्किल है कि भारत का सबसे महान कवि कौन है हर कवि ने भारतीय साहित्य में अहम योगदान दिया है और भारत की साहित्यिक संस्कृति पर स्थाई प्रभाव डाला है कवि की महानता व्यक्तिगत दृष्टिकोणों और प्राथमिकताओं पर निर्भर करती है!!!
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Re: भारत के पाँच कवि कौन हैं?
यहां कुछ मुख्य कारण दिए गए हैं जिनकी वजह से वह भारत में प्रसिद्ध हैं:
1. साहित्यिक प्रतिभा: टैगोर एक प्रचंड लेखक, कवि और दार्शनिक थे। उनके काम, जिनमें कविताएँ, लघु कथाएँ, नाटक और निबंध शामिल हैं, मानव भावनाओं, आध्यात्मिकता और राष्ट्रीय चेतना की गहरी खोज के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका सबसे प्रसिद्ध काम *Gitanjali (Song Offerings)* था, जिसके लिए उन्हें 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला, और इस प्रकार वह यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले गैर-यूरोपीय व्यक्ति बने।
2. Rabindra Sangeet: टैगोर एक कुशल संगीतकार और गायक भी थे। उनके गीतों को Rabindra Sangeet के नाम से जाना जाता है, जो भारतीय शास्त्रीय संगीत में गहरे रूप से निहित हैं, लेकिन साथ ही उनकी रचनात्मकता और भावनात्मक गहराई को भी दर्शाते हैं। ये गीत बंगाली और भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बने हुए हैं।
3. राष्ट्रीयतावादी प्रभाव: टैगोर ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, हालांकि वह सीधे राजनीतिक सक्रियता में शामिल नहीं थे। उनकी रचनाओं ने राष्ट्रीयतावादियों और स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया। उन्होंने औपनिवेशिक शासन की आलोचना की और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। उनका प्रसिद्ध गीत "Jana Gana Mana" बाद में भारत का राष्ट्रीय गान बना।
4. दार्शनिक और आध्यात्मिक योगदान: टैगोर एक दार्शनिक थे जिन्होंने पूर्वी और पश्चिमी विचारों को जोड़ा। उनके शिक्षा, मानवतावाद और आध्यात्मिक एकता पर विचारों ने दुनियाभर में लोगों के दिलों को छुआ। वह सार्वभौमिक भाईचारे और समझ को बढ़ावा देने में एक अग्रणी थे।
5. टैगोर की शैक्षिक सुधार: उन्होंने शांतिनिकेतन में Visva-Bharati University की स्थापना की, जो प्रगतिशील शिक्षा का एक केंद्र बन गया। टैगोर मानते थे कि शिक्षा का एक समग्र और रचनात्मक दृष्टिकोण होना चाहिए, जो कला, प्रकृति और बौद्धिक प्रयासों को मिश्रित करे। उनका शिक्षा प्रणाली विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बल देती थी।
6. संस्कृतिक राजदूत: टैगोर ने दुनिया भर में यात्रा की, प्रसिद्ध बौद्धिकों, कलाकारों और नेताओं के साथ संवाद किया। उनका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव भारत को एक समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और बौद्धिक गहराई वाले देश के रूप में प्रस्तुत करने में सहायक था।
7. भावनात्मक और मानवतावादी अपील: टैगोर की रचनाएँ अक्सर प्रेम, मानव संबंधों, आध्यात्मिकता और व्यक्ति और ब्रह्मांड के बीच के संबंध जैसे सार्वभौमिक विषयों पर आधारित होती थीं। उनके लेखन ने पीढ़ियों के बीच गहरी छाप छोड़ी, जिससे वह भारतीय और विश्व साहित्य में एक कालातीत व्यक्तित्व बन गए।
1. साहित्यिक प्रतिभा: टैगोर एक प्रचंड लेखक, कवि और दार्शनिक थे। उनके काम, जिनमें कविताएँ, लघु कथाएँ, नाटक और निबंध शामिल हैं, मानव भावनाओं, आध्यात्मिकता और राष्ट्रीय चेतना की गहरी खोज के लिए प्रसिद्ध हैं। उनका सबसे प्रसिद्ध काम *Gitanjali (Song Offerings)* था, जिसके लिए उन्हें 1913 में साहित्य का नोबेल पुरस्कार मिला, और इस प्रकार वह यह पुरस्कार प्राप्त करने वाले पहले गैर-यूरोपीय व्यक्ति बने।
2. Rabindra Sangeet: टैगोर एक कुशल संगीतकार और गायक भी थे। उनके गीतों को Rabindra Sangeet के नाम से जाना जाता है, जो भारतीय शास्त्रीय संगीत में गहरे रूप से निहित हैं, लेकिन साथ ही उनकी रचनात्मकता और भावनात्मक गहराई को भी दर्शाते हैं। ये गीत बंगाली और भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा बने हुए हैं।
3. राष्ट्रीयतावादी प्रभाव: टैगोर ने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, हालांकि वह सीधे राजनीतिक सक्रियता में शामिल नहीं थे। उनकी रचनाओं ने राष्ट्रीयतावादियों और स्वतंत्रता सेनानियों को प्रेरित किया। उन्होंने औपनिवेशिक शासन की आलोचना की और ब्रिटिश साम्राज्यवाद के खिलाफ अपनी आवाज उठाई। उनका प्रसिद्ध गीत "Jana Gana Mana" बाद में भारत का राष्ट्रीय गान बना।
4. दार्शनिक और आध्यात्मिक योगदान: टैगोर एक दार्शनिक थे जिन्होंने पूर्वी और पश्चिमी विचारों को जोड़ा। उनके शिक्षा, मानवतावाद और आध्यात्मिक एकता पर विचारों ने दुनियाभर में लोगों के दिलों को छुआ। वह सार्वभौमिक भाईचारे और समझ को बढ़ावा देने में एक अग्रणी थे।
5. टैगोर की शैक्षिक सुधार: उन्होंने शांतिनिकेतन में Visva-Bharati University की स्थापना की, जो प्रगतिशील शिक्षा का एक केंद्र बन गया। टैगोर मानते थे कि शिक्षा का एक समग्र और रचनात्मक दृष्टिकोण होना चाहिए, जो कला, प्रकृति और बौद्धिक प्रयासों को मिश्रित करे। उनका शिक्षा प्रणाली विचार और अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता पर बल देती थी।
6. संस्कृतिक राजदूत: टैगोर ने दुनिया भर में यात्रा की, प्रसिद्ध बौद्धिकों, कलाकारों और नेताओं के साथ संवाद किया। उनका अंतरराष्ट्रीय प्रभाव भारत को एक समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और बौद्धिक गहराई वाले देश के रूप में प्रस्तुत करने में सहायक था।
7. भावनात्मक और मानवतावादी अपील: टैगोर की रचनाएँ अक्सर प्रेम, मानव संबंधों, आध्यात्मिकता और व्यक्ति और ब्रह्मांड के बीच के संबंध जैसे सार्वभौमिक विषयों पर आधारित होती थीं। उनके लेखन ने पीढ़ियों के बीच गहरी छाप छोड़ी, जिससे वह भारतीय और विश्व साहित्य में एक कालातीत व्यक्तित्व बन गए।
Harendra Singh wrote: Sun Dec 08, 2024 4:46 pmरवींद्रनाथ टैगोर को व्यापक रूप से आधुनिक भारत का सबसे महान कवि माना जाता है. उन्हें 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार मिला था.Bhaskar.Rajni wrote: Wed Nov 27, 2024 10:32 pmअरे वाह सोनल! मेरा तो मन कर रहा है कि मैं तुम्हें राष्ट्रपति बना दूं और अगर तुम राष्ट्रपति बन गई तो जितने भी पुरस्कार साहित्य के क्षेत्र में मिलते हैं।सारी सूचियां में मेरा नाम सबसे ऊपर होगा। लेकिन उसके लिए बहुत समय लग जाएगा पहले तुम्हें 65 साल का होना पड़ेगा उसके बाद कहीं तुम राष्ट्रपति का चुनाव लड़ोगी फिर जीतोगी होगी, तब तक हमारा दूसरा जन्म हो चुका होगा और हम नर्सरी में फिर से एबीसी पढ़ रहे होंगे।Sonal singh wrote: Wed Nov 20, 2024 2:35 pm
सही कहा दीदी आपने अति उत्तम। इस बात पर भारत सरकार को आपको सम्मान देना चाहिए सच बात है आपसे अच्छा राइटर कोई हो ही नहीं सकता आप इतना खूबसूरत भी लिखती हैं बोलती भी अच्छा है आपके विचार भी इतने अच्छे हैं आपको नॉलेज भी जबरदस्त है और आपको कई तरह की भाषाओं का ज्ञान भी है आप हर लैंग्वेज के सॉन्ग भी अच्छी लिखती है.। बहुत ही ज्यादा सुंदर। मेरी तरफ से तो पांचो भारत के कवि आप ही हो। आप कौन सा विदेश में रहती हो
चंद्रवरदाई को ब्रजभाषा हिन्दी का पहला महाकवि माना जाता है. उन्होंने पृथ्वीराज रासो नाम का महाकाव्य लिखा था.
सरहपा को हिन्दी का पहला कवि माना जाता है. उनका जन्मकाल 8वीं शदी माना जाता है.
वाल्मीकि को आदिकवि या भारत का पहला कवि कहा जाता है. उन्होंने रामायण की रचना की थी
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Re: भारत के पाँच कवि कौन हैं?
कबीर दास, रामधारी सिंह दिनकर, सुमित्रानंदन पंत, सूर्यकांत त्रिपाठी निराला, तुलसीदास, सूरदास, कालिदास, रवींद्रनाथ टैगोर, हरिवंश राय बच्चन, मैथिलीशरण गुप्त, अटल बिहारी वाजपेयी