वाशिंगटन, संयुक्त राज्य अमेरिका: अमेरिकी पत्रकार इवान गेर्शकोविच और पूर्व अमेरिकी नौसैनिक पॉल व्हेलन को गुरुवार को रूस से रिहा कर दिया है। तुर्की सरकार ने यह घोषणा करते हुए कहा कि शीत युद्ध के बाद से पूर्व-पश्चिम के बीच यह कैदियों की सबसे बड़ी अदला-बदली में से एक है। तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा कि संयुक्त राज्य अमेरिका, जर्मनी, पोलैंड, स्लोवेनिया, नॉर्वे, बेलारूस और रूस के दो नाबालिगों सहित कुल 26 लोग तुर्की की एमआईटी खुफिया सेवा द्वारा "की गई" अदला-बदली में शामिल थे।
वहीं अमेरिकी अधिकारियों की ओर से गेर्शकोविच की रिहाई को लेकर तत्काल कोई पुष्टि नहीं की गई। हालांकि अमेरिकी टेलीविजन नेटवर्क द्वारा इस अदला-बदली पर व्यापक रूप से रिपोर्टिंग की गई। इस मामले पर रूस के राष्ट्रपति कार्यालय क्रेमलिन ने किसी भी आदान-प्रदान के मामले पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया। बताया जा रहा है कि अमेरिकी अखबार वॉल स्ट्रीट जर्नल के 32 वर्षीय रिपोर्टर गेर्शकोविच को मार्च 2023 में रूस ने हिरासत में लिया था और जुलाई में एक फास्ट-ट्रैक मुकदमे में जासूसी के आरोप में दोषी ठहराया, जिसे संयुक्त राज्य अमेरिका ने एक दिखावा बताया था।
रूस के भी कई कैदी लौटाए गए
तुर्की सरकार ने कहा कि बदले में जिन लोगों को रूस लौटाया जा रहा है, उनमें रूसी नागरिक वादिम क्रासिकोव भी शामिल है, जो जर्मनी में एक पूर्व चेचन विद्रोही कमांडर की निर्मम हत्या के आरोप में जेल में बंद थे। आसन्न कैदी अदला-बदली के संकेतों ने गुरुवार की शुरुआत में ही गति पकड़ ली थी, इन खबरों के बीच कि पिछले विनिमय सौदे में इस्तेमाल किया गया एक विमान कलिनिनग्राद के रूसी क्षेत्र में उतरा था। जब व्हेलन समेत रूस में कई हाई-प्रोफाइल कैदी उन सुविधाओं से गायब हो गए थे, जहां वे लंबी सजा काट रहे थे तो इस बात की अटकलें तेज हो गईं कि उन्हें एक्सचेंज करने से पहले स्थानांतरित किया जा रहा है। (एजेंसी)