Source: https://www.indiatv.in/viral/news/sucke ... 06-1065441सोशल मीडिया पर जीव-जंतुओं के कई वीडियो वायरल होते रहते हैं। हाल में एक ऐसी मछली का वीडियो वायरल हो रहा है। जो देखने में बिल्कुल मरी सी लग रही है। लेकिन पानी की बूंद मुंह पर जाते ही वह जिंदा हो जाती है। इसके बाद वह मुंह से सांस भी लेते दिख रही है। इस चमत्कारी मछली का नाम सकरमाउथ कैटफिश (Suckermouth Catfish) है। इसे कॉमन प्लीको (Common pleco) के नाम से भी जानते हैं। यह मछली बिना पानी के भी रह सकती है। वीडियो को इंस्टाग्राम पर @safalbanoge नाम के पेज से शेयर किया गया है।
कैसे करती हैं ये मछलियां चमत्कार
जीव वैज्ञानिकों की माने तो यह मछली खुद को हाइबरनेशन मोड (hibernation mode) में रख सकती है। यानी जब पानी सूख जाता है फिर भी वह आराम से जिंदा रह सकती है। इनमें सबसे खास बात यह होती है कि ये मछलियां खुद को कठोर मिट्टी के नीचे दबा लेती हैं और अंदर मिट्टी की नमी से खुद को जिंदा रखती हैं। ऐसा कर के वह बिना पानी के भी खुद को महीनों तक जिंदा रख सकती हैं। सकरमाउथ कैटफिश मछलियों की प्रजाती उत्तरी दक्षिण अमेरिका में पाई जाती हैं। इनका नाम सकरमाउथ कैटफिश इनके मुंह को देखते हुए रखा गया है। जो किसी सक्शन कप की तरह दिखता है।
अमेरिका में पाई जाती हैं ये मछलियां
जब पानी में ऑक्सीजन की मात्रा कम हो जाती है तो ये मछलियां हवा में सांस लेने के लिए पानी की सतह पर आ जाती हैं। हवा में सांस लेने के लिए सकरमाउथ मछली अपने गिल गुहा से जुड़े एक सहायक अंग का इस्तेमाल करती हैं। सांस लेने के लिए इनके पास गलफड़े होते हैं। आपको यह जानकर हैरानी होगी कि पानी के बिना जिंदा रहने वाली मछली सिर्फ सकरमाउथ कैटफिश ही नहीं है बल्कि अफ्रीकी लंगफिश पानी से बाहर 4 साल तक जिंदा रह सकती है।
Video: बिना पानी के महीनों तक जिंदा रह सकती हैं ये मछलियां, जानिए कैसे करती हैं यह चमत्कार
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Re: Video: बिना पानी के महीनों तक जिंदा रह सकती हैं ये मछलियां, जानिए कैसे करती हैं यह चमत्कार
सकरमाउथ कैटफिश के बारे में मैंने पहले भी बहुत सारे विडियो youtube पर देखे हुए है| यह खास प्रजाति की मछली अपने शरीर में नमी की मात्रा बनाये रखती है और गहरे गीली मिटटी में खुद को सुरक्षित छुपा कर रखती है जिस से की कोई जानवर इसका सिकार न करने पाए और यह वापिस बरिश आने तक सुरक्षित अपने आप को रख सके|
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"