Aman Sehrawat Wrestler: भारत के एक और रेसलर ने पेरिस में भारत का झंडा गाड़ दिया है। उन्होंने 57 किलो भारवर्ग में लगातार दो मुकाबले जीतकर सेमीफाइनल में एंट्री कर ली है। अब अमन सेहरावत ओलंपिक मेडल से बस एक जीत दूर हैं। यानी अगर वे फाइनल में एंट्री करते हैं तो उनका गोल्ड या फिर सिल्वर पक्का हो जाएगा। उन्होंने अल्बानिया के जेलिमखान अबकारोव को शानदार तरीके से हराकर इस मुकाबले को अपने नाम करने में कामयाबी हासिल की।
जेलिमखान अबकारोव को टिकने ही नहीं दिया
अमन सेहरावत अल्बानिया के जेलिमखान अबकारोव को बुरी तरह से हराया। उन्होंने जेलिमखान अबकारोव को उस वक्त हरा दिया, जब मुकाबले में दो मिनट से ज्यादा का वक्त बचा हुआ था। उन्होंने विरोधी को एक भी अंक नहीं लेने दिया। उन्होंने बहुत की कम वक्त में अबकारोव पर लीड ले ली। इसके बाद कुछ ही सेकेंड में लीड 11.0 हो गई। इसके बाद विरोधी एथलीट ने रिव्यू भी लिया, लेकिन इसका कोई भी फायदा नहीं हुआ। नियमों के अनुसार अगर कोई पहलवान विरोधी पर 10 अंकों की बढ़त ले लेता है तो फिर मुकाबला वहीं पर खत्म हो जाता है। इसलिए समय शेष रहते ही अमन को विजेता घोषित कर दिया गया।
पहले ही मुकाबले में दिखा दिए थे तेवर
इससे पहले अमन सेहरावत ने प्री क्वार्टर फाइनल में मैसेडोनिया के व्लादिमीर एगोरोव को हराकर क्वार्टर फाइनल में जगह बनाई थी। उन्होंने तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर मुकाबला 10-0 से जीता और दुनिया के 38वें नंबर के पहलवान को पटकनी दे दी। अमन सेहरावत दुनिया में छठे स्थान पर हैं। इससे पहले के मुकाबले की शुरुआत शांत रही। इस बीच जैसे ही अमन को मौका मिला। उन्होंने लेग अटैक से अपना खाता खोला। जैसे ही अमन ने व्लादिमीर को रिंग से बाहर धकेला 2-0 की बढ़त एक और अंक तक बढ़ गई। इसके बाद अमन ने पीछे मुड़कर नहीं देखा। प्रतिद्वंद्वी को एक और टेकडाउन के कारण तकनीकी श्रेष्ठता के आधार पर उन्हें विजेता घोषित किया गया।
भारत की रेसलिंग में उम्मीदें जिंदा
अमन की जीत पूरे भारत के लिए बड़ी राहत की बात है। बुधवार को विनेश फोगट के साथ जो हुआ उसके बाद। वह फाइनल में यूएसए की सारा हिल्डेब्रांट के खिलाफ स्वर्ण पदक के लिए प्रतिस्पर्धा करने वाली थीं, लेकिन 49 किलोग्राम वर्ग में केवल 100 ग्राम अधिक वजन होने के कारण उन्हें अयोग्य घोषित कर दिया गया। हालांकि, अभी भी उनके रजत पदक जीतने की उम्मीद है क्योंकि उन्होंने कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की है।