Source: https://www.indiatv.in/india/politics/j ... 08-1066074लोकसभा में गुरुवार को भारी हंगामे के बीच वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पेश हुआ। केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने इस बिल को पेश किया। विपक्ष की ओर से तो इस बिल का विरोध किया गया लेकिन सदन में भाजपा की प्रमुख सहयोगी दल जेडीयू इसके समर्थन में नजर आई है। लोकसभा में जेडीयू के सांसद ललन सिंह ने कहा है कि यह मुसलमानों के खिलाफ कहां है?
बिल पर क्या बोली जेडीयू?
लोकसभा में जेडीयू के सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 पर बोलते हुए कहा कि यह मुसलमानों के खिलाफ कैसे है? यह कानून पारदर्शिता लाने के लिए बनाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि विपक्ष इसकी तुलना मंदिरों से कर रहा है। उन्होंने कहा कि कोई भी संस्था निरंकुश होगी तो उसमें पारदर्शिता लाने के लिए सरकार को कानून बनाने का हक है।
कांग्रेस से सिखों पर पूछा सवाल
सांसद ललन सिंह ने सदन में कांग्रेस पार्टी को भी निशाने पर लिया। ललन सिंह ने कहा कि विपक्ष के लोग मुख्य मुद्दे से भटक रहे हैं। केसी वेणुगोपाल यानी कांग्रेस को बताना चाहिए कि हजारों सिख कैसे मारे गए। उन्होंने कहा कि किस टैक्सी ड्राइवर ने इंदिरा गांधी की हत्या की? अब वे अल्पसंख्यकों के बारे में बात कर रहे हैं।
लोकसभा में पास नहीं हो पाया बिल
सदन में वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को लेकर काफी हंगामा हुआ। विपक्षी दलों ने इस बिल को अल्पसंख्यकों के विरुद्ध बताया और संविधान पर एक मौलिक हमला बताया है। हालांकि, भारी हंगामे के कारण वक्फ (संशोधन) विधेयक लोकसभा में पास नहीं हो पाया। सरकार ने इस बिल को संसदीय समिति के पास भेजने का प्रस्ताव रखा है।
वक्फ बिल के समर्थन में JDU, कहा- ये कहां से मुस्लिम विरोधी, कोई संस्था निरंकुश होगी तो सरकार को हक
वक्फ बिल के समर्थन में JDU, कहा- ये कहां से मुस्लिम विरोधी, कोई संस्था निरंकुश होगी तो सरकार को हक
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Re: वक्फ बिल के समर्थन में JDU, कहा- ये कहां से मुस्लिम विरोधी, कोई संस्था निरंकुश होगी तो सरकार को हक
जदयू के सांसद और केंद्रीय मंत्री राजीव रंजन में वक्त संशोधन विधेयक को मुसलमानों के खिलाफ नहीं माना है उन्होंने कहा है इससे मुसलमानों के कानून में पारदर्शिता आएगी वक्त बोर्ड कैसे काम करता है या सबके सामने स्पष्ट होगा और किसी भी प्रकार की अनियमिताएं स्वीकार नहीं की जाएगी या वैसे ही होगा जैसे मंदिर की कर प्रणाली सबके सामने होती है और इससे किसी को विरोध नहीं करना चाहिए।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"