पेरिस ओलंपिक 2024 का आयोजन फ्रांस की राजधानी पेरिस में किया जा रहा है। ओलंपिक में इस बार कुल 10,500 एथलीटों ने हिस्सा लिया। इन सभी एथलीटों का टारगेट अपने देश के लिए मेडल जीतना था। इसी बीच आपको बता दें कि भारत ने इस बार ओलंपिक में कुल एक सिल्वर और चार ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं। ओलंपिक में दिए जा रहे इन मेडलों में पेरिस में स्थित एफिल टॉवर के धातु को भी जोड़ा गया है। जोकि बीच में हेक्सागॉन आकार का है। ओलंपिक का समापन 11 अगस्त को होने वाला है। पेरिस ओलंपिक में पिछले दो सप्ताह में कई विवाद देखने को मिले, जिसमें विनेश फोगट को अयोग्य ठहराए जाने से लेकर सीन नदी में प्रदूषित पानी तक शामिल है। इसी बीच अमेरिका एक एथलीट ने मेडल की गुणवत्ता को लेकर एक बड़ा मुद्दा उठा दिया है।
खराब हो गया मेडल!
ओलंपिक में इस बार स्केटबोर्ड में कांस्य पदक जीतने वाले अमेरिका के न्याजा ह्यूस्टन ने कुछ दिनों में अपने कांस्य पदक के खराब होने की कई तस्वीरें साझा की हैं। आपको बता दें कि 29 वर्षीय इस खिलाड़ी ने ला कॉनकॉर्ड में नेलबिटर फाइनल में स्केटबोर्डिंग में कांस्य पदक जीता था। उनके अमेरिकी साथी जैगर ईटन ने रजत पदक जीता जबकि जापान के युतो होरिगोम ने स्वर्ण पदक जीता। न्याजा ह्यूस्टन के मेडल की गुणवत्ता सिर्फ 10 दिन में खराब हो गई।
एथलीट ने की खास मांग
न्याजा ह्यूस्टन ने इंस्टाग्राम स्टोरी पर पोस्ट किए गए एक वीडियो में कहा कि जब ये ओलंपिक पदक बिल्कुल नए होते हैं, तो ये बहुत अच्छे लगते हैं, लेकिन जब उन्होंने इस मेडल को कुछ देर तक पहने रखा और इसपर पसीना लगा तब पता चला कि ये उतने उच्च गुणवत्ता वाले नहीं होते, जितना की सोचा जाता है। उन्होंने अपने वीडियो में कहा कि मेडल खुरदरी दिख रही है। यहां तर कि सामने का हिस्सा भी थोड़ा-थोड़ा टूटने लगा है। इसके अलावा उन्होंने अपने इंस्टाग्राम पर लिखा कि मुझे नहीं पता... ओलंपिक पदक की गुणवत्ता को थोड़ा और बढ़ाना होगा। उन्होंने यह भी लिखा कि मुझे लगता है कि पदक केस में रखे जाने चाहिए।