नई दिल्ली. पेरिस ओलंपिक में फाइनल के दिन 100ग्राम वजन के कारण कुश्ती से डिस्क्वॉलीफाई हुईं विनेश फोगाट के मामले की सुनवाई अब 16 अगस्त तक के लिए टल गई है. इस बीच इस मामले पर खेल जगत से अलग-अलग राय सामने आ रही है. कई खिलाड़ी विनेश को कम से कम सिल्वर मेडल की हकदार मान रहे हैं, जबकि कई अन्यों की अलग राय है. इस पर पेरिस ओलंपिक के बाद संन्यास लेने वाले हॉकी के दिग्गज गोलकीपर पीआर. श्रीजेश ने भी अपनी राय रखी है. उन्होंने भारत लौटकर विनेश को एक फाइटर करार दिया.
श्रीजेश ने मंगलवार को यहां पहलवान विनेश फोगाट के जज्बे की तारीफ करते हुए कहा कि जो कुछ उनके साथ हो रहा था, उसके बावजूद ‘स्पेन के खिलाफ कांस्य पदक मुकाबले से पहले वह मेरे पास आईं और कहा भाई गुड लक, आप तो दीवार हो, अच्छे से खेलो.’
उन्होंने विनेश को ‘फाइटर’ करार करते हुए कहा कि वह कम से कम एक पदक की हकदार हैं. लेकिन साथ ही यह घटना सभी के लिए सबक होनी चाहिए क्योंकि खेल को चलाने के लिए नियम जरूरी हैं.
पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के कांस्य पदक जीतने के बाद संन्यास लेने वाले श्रीजेश (36 वर्ष) ने यहां पीटीआई कार्यालय में वरिष्ठ संपादकों से बातचीत के दौरान कहा, ‘विनेश रजत पदक की हकदार हैं क्योंकि फाइनल में पहुंचकर उन्होंने एक पदक पक्का कर लिया था. रजत या फिर स्वर्ण पदक उन्हें मिलता ही. अंतिम समय में कहना कि आप फाइनल में खेलने के लिए अयोग्य हो…’
उन्होंने कहा, ‘अगर मैं उनकी जगह होता तो पता नहीं क्या करता. वह ‘फाइटर’ हैं. कांस्य पदक मैच से पहले वह मिली थीं. उन्होंने कहा, ‘भाई गुड लक, आप तो दीवार हो’ अच्छे से खेलो. मुझे लगा कि वह मुस्कुराते हुए अपना दर्द छुपा रही थीं, वह सचमुच ‘फाइटर’ हैं. उन्होंने पिछले एक साल में जो झेला है, उसके बाद ट्रेनिंग करते हुए ओलंपिक के लिए क्वॉलीफाई किया और फिर जीतते हुए फाइनल तक पहुंची.’
लेकिन उन्होंने दूसरा पक्ष रखते हुए कहा, ‘लेकिन इसका एक पहलू यह भी है कि आप ओलंपिक खेलों में हो, आपको पूरी तरह से तैयार रहना चाहिए. आपको महासंघ, आयोजन समिति और अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक समिति को कोई मौका नहीं देना चाहिए. आप किसी पर ऊंगली नहीं उठा सकते. यह सभी के लिए सबक होना चाहिए. जब आप तैयारी कर रहे हों तो नियम निर्देशों पर अडिग रहो क्योंकि ये खेल को खूबसूरत बनाने और इसे चलाने के लिए जरूरी हैं.’