Source: https://www.indiatv.in/north-east/tripu ... 19-1068814अगरतला: बांग्लादेश में हुए तख्तापलट के बाद काफी संख्या में बांग्लादेश के नागरिक वहां से निकलने की जुगत में लगे हुए हैं। इस बीच बांग्लादेश से अंतर्राष्ट्रीय सीमा पार कर भारत में घुस रहे 18 बांग्लादेशी नागरिकों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। बता दें कि ये सभी बांग्लादेशी नागरिक त्रिपुरा की सीमा में प्रवेश करने के प्रयास के दौरान गिरफ्तार किए गए। दरअसल, त्रिपुरा में तीन स्थानों से 18 बांग्लादेशी नागरिकों और पांच भारतीय मददगारों को गिरफ्तार किया गया है। पुलिस ने सोमवार को इसकी जानकारी दी।
5 भारतीय मददगार भी गिरफ्तार
सहायक महानिरीक्षक (कानून एवं व्यवस्था) अनंत दास ने एक बयान में कहा कि गुमटी जिले के लाम्प्रापारा में बांग्लादेशी नागरिकों के एक समूह की मौजूदगी के बारे में विशेष जानकारी मिली थी। इसके बाद पुलिस की टीमों ने कार्रवाई करते हुए रविवार को छापेमारी की। पुलिस की छापेमारी के दौरान आठ बांंग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया। इसके अलावा शनिवार रात को पश्चिम त्रिपुरा जिले के सिधाई इलाके से 7 बांग्लादेशी नागरिकों और 5 भारतीय मददगारों को गिरफ्तार किया गया।
बीएसएफ के साथ गश्त जारी
आगे बताया गया कि एक अलग अभियान में, सोमवार को पश्चिम त्रिपुरा में एमबीबी हवाईअड्डा क्षेत्र से तीन बांग्लादेशी नागरिकों को पकड़ा गया। सहायक महानिरीक्षक अनंत दास ने कहा कि गिरफ्तारियां बांग्लादेश में हालिया राजनीतिक बदलावों के बाद किसी भी घुसपैठ के प्रयास को रोकने के उद्देश्य से सीमा पर कड़ी निगरानी का हिस्सा थीं। उन्होंने आगे कहा, "सीमा पर निगरानी बढ़ने के कारण 18 बांग्लादेशी नागरिकों की गिरफ्तारी संभव हो सकी है। हम बीएसएफ कर्मियों के साथ समन्वय में गश्त जारी रखेंगे।"
बाग्लादेश में हुआ तख्तापलट
बता दें कि हाल ही में बांग्लादेश में काफी राजनीति उथल-पुथल देखी गई। इस राजनीतिक उथल-पुथल के बीच बांग्लादेश में तख्तापलट भी देखी गई। वहीं अब तख्तापलट के बाद बांग्लादेश के तमाम नागरिक देश छोड़कर भारत में घुसने की कोशिश में लगे हुए हैं। हालांकि भारत-बांग्लादेश की सीमा पर तैनाती बढ़ा दी गई है। वहीं बीएसएफ के साथ-साथ राज्यों की पुलिस भी लगातार सीमावर्ती इलाकों में गश्त कर रही हैं।
बॉर्डर पार कर अवैध रूप से भारत में घुस रहे थे बांग्लादेशी नागरिक, 18 गिरफ्तार
बॉर्डर पार कर अवैध रूप से भारत में घुस रहे थे बांग्लादेशी नागरिक, 18 गिरफ्तार
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Re: बॉर्डर पार कर अवैध रूप से भारत में घुस रहे थे बांग्लादेशी नागरिक, 18 गिरफ्तार
अवैध घुसपैठी बांग्लादेशियों के भारत में बार-बार घुसपैठ की कोशिश करना या निश्चित तौर से बता रहा है कि वह बांग्लादेश में किसी भी तरह से खुश नहीं है और बांग्लादेश की सरकार हर मोर्चे पर विफल साबित हो रही है। मुझे समझ में नहीं आ रहा है कि जब बांग्लादेश के नागरिकों को भाग कर वापस भारत में ही आना था तो पश्चिम पाकिस्तान जिसका नाम बाद में बांग्लादेश रखा गया उसे विभाजित किया ही क्यों गया।
बांग्लादेश में कुछ सालों के बाद हमेशा सामाजिक व्यवस्था और अर्थव्यवस्था छुट्टी हो जाती है हालांकि पिछले एक दशक में उन्होंने काफी अच्छा एक मुकाम भी हासिल किया और आयात निर्यात के क्षेत्र में बांग्लादेश एक काफी एक अच्छे देश के तौर पर हम भूमिका में भी नजर आई।
बांग्लादेश में कुछ सालों के बाद हमेशा सामाजिक व्यवस्था और अर्थव्यवस्था छुट्टी हो जाती है हालांकि पिछले एक दशक में उन्होंने काफी अच्छा एक मुकाम भी हासिल किया और आयात निर्यात के क्षेत्र में बांग्लादेश एक काफी एक अच्छे देश के तौर पर हम भूमिका में भी नजर आई।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
Re: बॉर्डर पार कर अवैध रूप से भारत में घुस रहे थे बांग्लादेशी नागरिक, 18 गिरफ्तार
बांग्लादेश के नागरिकों द्वारा भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने का बहुत ही महत्वपूर्ण कारन यह है की बांग्लादेश में बेरोजगारी की दर अधिक है, जबकि भारत में रोजगार के अधिक अवसर हैं। खासकर निर्माण, कृषि और सेवा क्षेत्रों में। एक कारन यह भी है की बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति का दौर चल रहा है जिससे परेशां हो कर लोग भारत में शरण लेते हैं।
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Re: बॉर्डर पार कर अवैध रूप से भारत में घुस रहे थे बांग्लादेशी नागरिक, 18 गिरफ्तार
मुझे नहीं पता की आपको यह कहां से पता चला कि भारत में बांग्लादेश से रोजगार के अवसर जाना है लेकिन वास्तविक धरातल पर अगर इंडेक्स सूची को देखें तो बांग्लादेश में रोजगार पूरक अवसर भारत से कहीं ज्यादा है।johny888 wrote: ↑Sun Oct 13, 2024 11:00 am बांग्लादेश के नागरिकों द्वारा भारत में अवैध रूप से प्रवेश करने का बहुत ही महत्वपूर्ण कारन यह है की बांग्लादेश में बेरोजगारी की दर अधिक है, जबकि भारत में रोजगार के अधिक अवसर हैं। खासकर निर्माण, कृषि और सेवा क्षेत्रों में। एक कारन यह भी है की बांग्लादेश में राजनीतिक अशांति का दौर चल रहा है जिससे परेशां हो कर लोग भारत में शरण लेते हैं।
और शायद यही कारण है कि भारत के बहुत सारे लोग ढाका में प्रवासी की तरह क्या कर रहा है गुज़र कर रहे हैं। अगर आप गूगल मैप में देखें तो ढाका मुंबई से कहीं भी पीछे नहीं दिखती है ना ही वहां पर रोजगार उन्मुख अवसर कहीं से भी कंप्यूटर आपको लगेंगे।
टॉप फॉर्चून की 500 में से अधिकांश कंपनियां ढाका में व्याप्त हैं और ढाका वियतनाम और ताइवान की असेंबलिंग यूनिट का भी निर्माण करना सुचारू से आरंभ कर दिया हैं।
आम जनता और सरकार के विरोध के बीच में थाना की बांग्लादेश में पिछले कई वर्षों से संघर्ष विराम होने का नाम नहीं ले रहा है लेकिन इसका मतलब यह नहीं की बांग्लादेश किसी भी तरह से भारत से पीछे है।
बांग्लादेश और भारत की कैटेगरी अभी भी विश्व पटेल पर तीसरी दुनिया के कंट्री में ही आती है इस बात को हम भारतीयों को भूलना नहीं चाहिए।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"