भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य के स्थापत्य चमत्कार

कला एवं साहित्य से संबंधित चर्चा के लिए मंच ।
Forum rules
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024

1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972

2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।

3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।

4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।

5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।

6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।

7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।

8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।

यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
Post Reply
Warrior
सात सो के करीब, आजकल से पोस्टिंग के साथ ही रोमांस चल रिया है!
Posts: 692
Joined: Mon Jul 29, 2024 8:39 pm

भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य के स्थापत्य चमत्कार

Post by Warrior »

भारत के सांस्कृतिक परिदृश्य की वास्तुकला अद्भुत कृतियाँ

भारत का सांस्कृतिक परिदृश्य विविधता और समृद्धि से भरा हुआ है, जहाँ विभिन्न कालों और सभ्यताओं की वास्तुकला ने अपनी छाप छोड़ी है। ये अद्भुत वास्तुकला कृतियाँ न केवल भारतीय इतिहास और संस्कृति को दर्शाती हैं, बल्कि वे दुनिया भर में अपने सौंदर्य और निर्माण कौशल के लिए विख्यात हैं। यहाँ कुछ प्रमुख भारतीय वास्तुकला कृतियों का वर्णन किया गया है:

1. ताजमहल, आगरा
- विशेषता: सफेद संगमरमर से बनी यह भव्य इमारत मुगल सम्राट शाहजहाँ द्वारा अपनी पत्नी मुमताज महल की याद में बनवाई गई थी। इसका अद्वितीय स्थापत्य और बारीक नक्काशी इसे प्रेम और कला का प्रतीक बनाती है।
- शैली: मुगल वास्तुकला

2. कुतुब मीनार, दिल्ली
- विशेषता: दुनिया की सबसे ऊँची ईंट से बनी मीनार, जो भारतीय-इस्लामी वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है। यह 73 मीटर ऊँची मीनार कुतुब-उद-दिन ऐबक द्वारा 1193 में शुरू की गई थी।
- शैली: भारतीय-इस्लामी वास्तुकला

3. हवा महल, जयपुर
- विशेषता: गुलाबी रंग की यह पाँच मंजिला इमारत, जिसमें 953 छोटी खिड़कियाँ (झरोखे) हैं, राजस्थान की पारंपरिक वास्तुकला और शाही जीवनशैली का प्रतीक है। इसे 'विंड पैलेस' भी कहा जाता है।
- शैली: राजपूत वास्तुकला

4. सांची का स्तूप, मध्य प्रदेश
- विशेषता: बौद्ध धर्म के प्राचीन स्मारकों में से एक, यह स्तूप सम्राट अशोक द्वारा तीसरी शताब्दी ईसा पूर्व में बनवाया गया था। इसमें बौद्ध कला और प्रतीकात्मकता का उत्कृष्ट समावेश है।
- शैली: बौद्ध वास्तुकला

5. खजुराहो के मंदिर, मध्य प्रदेश
- विशेषता: इन मंदिरों में कामुक मूर्तियों और जटिल नक्काशी का अद्वितीय संयोजन है, जो चंदेल वंश के शासनकाल में 950-1050 ईस्वी के बीच बनाए गए थे। ये मंदिर भारतीय कला और संस्कृति का उत्कृष्ट उदाहरण हैं।
- शैली: नागर शैली

6. कोणार्क का सूर्य मंदिर, ओडिशा
- विशेषता: यह मंदिर सूर्य देवता को समर्पित है और इसे एक विशाल रथ के रूप में डिजाइन किया गया है। इस मंदिर की अद्वितीय वास्तुकला और पत्थर पर की गई बारीक नक्काशी इसे भारतीय कला का एक अद्वितीय उदाहरण बनाती है।
- शैली: कलिंग शैली

7. हम्पी के खंडहर, कर्नाटक
- विशेषता: यह यूनेस्को विश्व धरोहर स्थल विजयनगर साम्राज्य की राजधानी था, जिसमें मंदिरों, महलों, और बाजारों के भव्य खंडहर हैं। ये खंडहर भारतीय स्थापत्यकला और शिल्पकला की समृद्धि को प्रदर्शित करते हैं।
- शैली: द्रविड़ शैली

8. गोलकुंडा किला, हैदराबाद
- विशेषता: यह किला भारतीय-मुस्लिम वास्तुकला का उत्कृष्ट उदाहरण है, जिसमें ध्वनि विज्ञान और सुरक्षा उपायों का अद्वितीय मिश्रण है। यह किला कुतुब शाही राजवंश द्वारा बनवाया गया था।
- शैली: भारतीय-मुस्लिम वास्तुकला

9. मीनाक्षी मंदिर, मदुरै
- विशेषता: यह रंग-बिरंगा मंदिर दक्षिण भारतीय द्रविड़ शैली का अद्वितीय उदाहरण है, जिसमें गुफा जैसी नक्काशी, विशाल गोपुरम (मीनारें), और भव्य आंतरिक सजावट है। यह मंदिर देवी मीनाक्षी और भगवान सुंदरेश्वर को समर्पित है।
- शैली: द्रविड़ शैली

10. गेटवे ऑफ इंडिया, मुंबई
- विशेषता: यह ऐतिहासिक स्मारक ब्रिटिश राज के समय का निर्माण है, जो इंडो-सरसेनिक शैली का उत्कृष्ट उदाहरण है। इसे 1924 में किंग जॉर्ज V और क्वीन मैरी की भारत यात्रा की स्मृति में बनाया गया था।
- शैली: इंडो-सरसेनिक शैली

निष्कर्ष
भारत की वास्तुकला कृतियाँ उसके सांस्कृतिक परिदृश्य का अनमोल हिस्सा हैं। ये न केवल भारतीय इतिहास और संस्कृति की गवाही देती हैं, बल्कि यह भी दिखाती हैं कि कैसे विभिन्न सभ्यताओं और कालों ने भारतीय स्थापत्यकला को समृद्ध और विविध बनाया है। इन कृतियों ने न केवल भारत में बल्कि पूरे विश्व में भारतीय कला और संस्कृति की पहचान को मजबूत किया है।

Tags:
Post Reply

Return to “कला एवं साहित्य”