Source: https://www.indiatv.in/paisa/business/i ... 07-1065894भारत ने चालू वित्त वर्ष में जुलाई तक 2.6 लाख टन प्याज का निर्यात किया है। सरकार ने बुधवार को यह जानकारी दी। खाद्य और उपभोक्ता मामलों के राज्यमंत्री बी एल वर्मा ने लोकसभा में एक प्रश्न के लिखित उत्तर में कहा, ‘‘सरकार ने चार मई, 2024 से प्याज पर प्रतिबंध हटा लिया है और 550 डॉलर प्रति टन के न्यूनतम निर्यात मूल्य (एमईपी) और 40 प्रतिशत निर्यात शुल्क के साथ निर्यात की अनुमति दी है।’’ उन्होंने कहा, ‘‘31 जुलाई, 2024 तक चालू वित्त वर्ष में कुल 2.60 लाख टन प्याज का निर्यात किया गया था।’’
पिछले साल 16.07 लाख टन प्याज का किया था निर्यात
भारत ने पिछले वित्त वर्ष में 16.07 लाख टन प्याज का निर्यात किया था। इसके अलावा उन्होंने कहा कि सरकार ने मूल्य स्थिरीकरण बफर के लिए एनसीसीएफ और नेफेड जैसी संस्थाओं के माध्यम से मुख्य रूप से महाराष्ट्र से 4.68 लाख टन प्याज खरीदा है। वर्मा ने कहा, ‘‘पिछले साल (2023) की तुलना में, चालू वर्ष में प्याज किसानों द्वारा मूल्य प्राप्ति की दर बहुत अधिक रही है। अप्रैल से जुलाई, 2024 के बीच महाराष्ट्र में प्याज की औसत मासिक मंडी मॉडल कीमतें 1,230 रुपये से 2,578 रुपये प्रति क्विंटल के बीच थीं, जबकि पिछले साल इसी अवधि के लिए यह 693 रुपये से 1,205 रुपये प्रति क्विंटल थी।’’
भारत प्याज का शुद्ध निर्यातक देश
चालू वर्ष में बफर के लिए प्याज का औसत खरीद मूल्य 2,833 रुपये प्रति क्विंटल था, जो पिछले साल के 1,724 रुपये प्रति क्विंटल के खरीद मूल्य से 64 प्रतिशत अधिक है। मंत्री ने कहा, ‘‘भारत प्याज का शुद्ध निर्यातक है और निर्यात से आय अर्जित करता है। पिछले तीन वर्षों में भारत द्वारा अर्जित शुद्ध निर्यात मूल्य वर्ष 2021-22 में 3,326.99 करोड़ रुपये, वर्ष 2022-23 में 4,525.91 करोड़ रुपये और वर्ष 2023-24 में 3,513.22 करोड़ रुपये था।’’
4 महीने में भारत ने एक्सपोर्ट कर दिया 2.6 लाख टन प्याज, इस बार दोगुनी से ज्यादा मिली कीमतें
4 महीने में भारत ने एक्सपोर्ट कर दिया 2.6 लाख टन प्याज, इस बार दोगुनी से ज्यादा मिली कीमतें
-
- Posts: 718
- Joined: Mon Aug 05, 2024 10:21 am
- Contact:
Re: 4 महीने में भारत ने एक्सपोर्ट कर दिया 2.6 लाख टन प्याज, इस बार दोगुनी से ज्यादा मिली कीमतें
अपने देश के सकल घरेलु वस्तुवों को जितना अधिक हम विदेशी बाजार में रखेंगे उतना तेजी से हमारी आर्थिक विकाश की गति बढ़ेगी| प्याज के निर्यात में यह एक ठोस कदम सरकार और देश के किसानो की तरफ से लग रही है| किसानो को लगत से अधिक मूल्य मिले और सरकार को भी इस से फायदा हो देश को यही तो चाहिए| क्युकी अन्नदाता के घर जब तक अन्न रहेगा तब तक देश कभी भूखा नही सोयेगा|
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
-
- Posts: 401
- Joined: Fri Aug 16, 2024 1:45 pm
Re: 4 महीने में भारत ने एक्सपोर्ट कर दिया 2.6 लाख टन प्याज, इस बार दोगुनी से ज्यादा मिली कीमतें
भारत का बाहरी देशों के साथ क्रय विक्रय लगा रहता है हम अपना जितना सकल घरेलू उत्पादन बाजार विदेश में रखेंगे उतना ही तेजी से हमारा आर्थिक विकास होगा प्याज को लेकर सरकार काफी ठोस कदम उठाए हैं किसानों को उनकी मेहनत देखकर अधिक बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि किसान हमारे अन्नदाता है अनदाताओं को जितना अधिक बढ़ावा मिलेगा वह उतना अधिक उत्पादन करेंगे।
-
- Posts: 718
- Joined: Mon Aug 05, 2024 10:21 am
- Contact:
Re: 4 महीने में भारत ने एक्सपोर्ट कर दिया 2.6 लाख टन प्याज, इस बार दोगुनी से ज्यादा मिली कीमतें
हम जितना सामान देंगे उतनी विदेशी मुद्रा हमारे देश में आएगी हम जितना सामान लेंगे उतनी हमारी मुद्रा विदेश में जाएगी यही अर्थव्यवस्था का निर्धारण करती है इसलिए बहुत लोग सोचते भी हैं कि अगर 100 करोड़ नोट छपवा के हर भारती को दे दिया जाए तो क्या होगा यह न सोचकर अगर हम यह सोचें कि हम अर्थव्यवस्था में कैसे सहयोग कर पाएंगे या स्वार्नियोगी वस्तुओं का स्वत प्रयोग हेतु उपयोग करना पैदावार करना और उनका पोषण करना भी इसमें सहज योगदान देते हुए आपको महसूस होगा।ritka.sharma wrote: ↑Sun Sep 08, 2024 1:46 am भारत का बाहरी देशों के साथ क्रय विक्रय लगा रहता है हम अपना जितना सकल घरेलू उत्पादन बाजार विदेश में रखेंगे उतना ही तेजी से हमारा आर्थिक विकास होगा प्याज को लेकर सरकार काफी ठोस कदम उठाए हैं किसानों को उनकी मेहनत देखकर अधिक बढ़ावा देना चाहिए क्योंकि किसान हमारे अन्नदाता है अनदाताओं को जितना अधिक बढ़ावा मिलेगा वह उतना अधिक उत्पादन करेंगे।
आपको शायद अजीब लगे जो अदरक आप सिर्फ 80 या ₹100 किलो में पा सकते हैं वहीं यूरोप में 2000 4000 में दिखता है और हम किसी भी तरह से अदरक का निर्यात करने का यूरोप में प्रयास नहीं करते हैं। मेरे नार्वे में एक पेट्रोल का बिजनेस करने वाले मित्र अदरक की खूबी को जानते हुए अगले साल से भारत से नॉर्वे आयात निर्यात करने का रखा है जिससे भारत को सकल घरेलू उद्योग के निर्यात दर में इजाफा होगा क्या ऐसे ही इसके विपरीत अगर हम वह वस्तु जो हम खरीद कर बाजार से खरीदते हैं जिस पर हम टैक्स देते हैं जो अलग-अलग देश की कंपनियों का होता है उसका प्रयोग ना करके अपने ही घर में सब्जियां राशन आदि का उत्पाद उपभोग करें तो इससे भी हर एक नागरिक देश के अर्थव्यवस्था में बहुत टिका ही सही लेकिन योगदान कर पाएगा।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
Re: 4 महीने में भारत ने एक्सपोर्ट कर दिया 2.6 लाख टन प्याज, इस बार दोगुनी से ज्यादा मिली कीमतें
यह तो बहुत अच्छी बात है और ऐसे ही हम निर्यात करते रहेंगे तो हमारी इकॉनमी के लिए बेहतर होगाा। यह बढ़ा हुआ निर्यात मूल्य किसानों और व्यापारियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो उनकी आय में वृद्धि में मदद कर सकता है। यह स्थिति भारत के कृषि क्षेत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि प्याज की मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में बनी हुई है।
-
- Posts: 718
- Joined: Mon Aug 05, 2024 10:21 am
- Contact:
Re: 4 महीने में भारत ने एक्सपोर्ट कर दिया 2.6 लाख टन प्याज, इस बार दोगुनी से ज्यादा मिली कीमतें
मैं आपकी पोस्ट से बिल्कुल सहमत हूं क्योंकि इससे किसानों के उन्मूलन में काफी सहयोग भारत सरकार उन्हें दे सकती है। हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि भारत में 60% आबादी किसने की है जो गांव में निवास करती है और हमें जो दो टाइम का खाना मिलता है उसमें किसी न किसी रूप से भारतीय किसानों का मेहनत होता है।johny888 wrote: ↑Mon Oct 14, 2024 8:22 pm यह तो बहुत अच्छी बात है और ऐसे ही हम निर्यात करते रहेंगे तो हमारी इकॉनमी के लिए बेहतर होगाा। यह बढ़ा हुआ निर्यात मूल्य किसानों और व्यापारियों के लिए एक सकारात्मक संकेत है, जो उनकी आय में वृद्धि में मदद कर सकता है। यह स्थिति भारत के कृषि क्षेत्र के लिए भी एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है, क्योंकि प्याज की मांग घरेलू और अंतरराष्ट्रीय दोनों बाजारों में बनी हुई है।
अगर भारत प्याज की निर्यात में इतना बढ़िया काम कर रही है उसे यह भी ध्यान देना चाहिए कि प्याज को सस्ते मूल्य में विदेश में ना भेजें क्योंकि प्याज के मूल्यों को अगर सही से देखा जाए तो भारत में जिस दम पर यह हमें उपलब्ध है विदेश में यह काम से कम 5 गुना अधिक मूल्य पर बिकता है।
भारत सरकार को उसके लिए कुछ नियामक बनाना चाहिए जिससे ऊंचे दाम में बेचकर वह भारतीय किसानों के त्वरित जीवन शैली में योगदान कर सके और उन्हें उचित मूल्य का निर्धन हो।
भारत से अन्य बहुत तरह के चीजों का निर्यात हमारा देश करता है और इसके लिए भारत बहुत कम दामों में विदेश से लाभ प्राप्त करता है। अगर भारत सरकार इस पर कोई ठोस कदम उठाए और यह सुनिश्चित करें किस बाकी देशों के मूल्य से थोड़े से कम दाम में अगर वह भेज पाए तो उसे भारतीय किसानों के जीवन में बहुत परिवर्तन आएगा।
किसानों के बच्चे सरकारी माध्यमों या फिर नाम मात्र के विद्यालयों में अध्ययन करते हैंऔर हमें या नहीं भूलना चाहिए कि हमारे बच्चे ही आने वाले हमारे भविष्य का संरक्षण करेंगे। तो अगर हम अपनी भविष्य का उचित रूप से मूल्यांकन करना चाहते हैं तो यह बहुत जरूरी है कि गरीब तब का या कम से काम किसने जो कि करीब 60% आबादी वाली है उनके लिए कक्षा जीवन बसर करने के लिए अगर सरकार कुछ कर सके तो ऐसे ठोस कदम की हम आम नागरिकों को भी योगदान देना चाहिए।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"