How Consumer Forums drive positive change in industries?
How Consumer Forums drive positive change in industries?
उपभोक्ता मंच उद्योगों में सकारात्मक बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। जब उपभोक्ता अपनी शिकायतें और समस्याएँ इन मंचों पर साझा करते हैं, तो कंपनियों को अपनी खामियों का अहसास होता है और वे अपने उत्पादों और सेवाओं में सुधार करने के लिए प्रेरित होते हैं। उपभोक्ता मंचों पर दी गई फीडबैक से कंपनियों को यह समझने में मदद मिलती है कि ग्राहक क्या चाहते हैं और किन क्षेत्रों में सुधार की जरूरत है। इसके अलावा, इन मंचों पर पारदर्शिता बढ़ने से कंपनियों में जवाबदेही भी बढ़ती है। इससे उद्योगों में प्रतिस्पर्धा बढ़ती है, जो अंततः उपभोक्ताओं के लिए बेहतर गुणवत्ता और सेवाओं का मार्ग प्रशस्त करता है। इस प्रकार, उपभोक्ता मंच उद्योगों में गुणवत्ता, नवाचार और ग्राहक संतुष्टि को बढ़ावा देने के लिए एक उत्प्रेरक का काम करते हैं।
Re: How Consumer Forums drive positive change in industries?
बहुत सही और सटीक बात कही है आपने!
कहते भी है की कन्सूमर इस द किंग !
कहते भी है की कन्सूमर इस द किंग !
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- Joined: Mon Aug 05, 2024 10:21 am
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Re: How Consumer Forums drive positive change in industries?
कंज्यूमर फोरम के आने के बाद से देश के आम जनता के बीच में सामानों को खरीदने और उनकी शिकायत दर्ज करने के लिए जागरूकता एक बेहद नितांत जरूरी हो गया था जिसे उपभोक्ता फोरम ने अब टोल फ्री और व्हाट्सएप के माध्यम से भी सरलगामी कर दिया है।
हरकी उपभोक्ता फोरम की सुनवाई में कुछ महीनो का समय रखता है लेकिन उपभोक्ता को उच्च बिंदु पर रखकर इसके फैसले दिए जाते हैं। मैंने स्वयं वोडाफोन के खिलाफ एक बार उपभोक्ता फोरम का सहारा लिया था जिसमें मुझे जीत हासिल हुई थी और 3 महीने की कॉलिंग के साथ-साथ कॉलर ट्यून की फैसिलिटी कंपनी ने मुझे मुफ्त मुहैया करवाई थी जिसके लिए उपभोक्ता फोरम की पहचान मुझे पहली बार हुई थी।
हरकी उपभोक्ता फोरम की सुनवाई में कुछ महीनो का समय रखता है लेकिन उपभोक्ता को उच्च बिंदु पर रखकर इसके फैसले दिए जाते हैं। मैंने स्वयं वोडाफोन के खिलाफ एक बार उपभोक्ता फोरम का सहारा लिया था जिसमें मुझे जीत हासिल हुई थी और 3 महीने की कॉलिंग के साथ-साथ कॉलर ट्यून की फैसिलिटी कंपनी ने मुझे मुफ्त मुहैया करवाई थी जिसके लिए उपभोक्ता फोरम की पहचान मुझे पहली बार हुई थी।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"