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Mujhe Sunday Chahiye
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- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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Re: Mujhe Sunday Chahiye
arey hafte meain sunday tho.. salary kaise aaiya...??
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- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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Re: Mujhe Sunday Chahiye
isiliye thoo wish karo,, hafte sunday chaiye except on every month 1st..
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- सात सो!!!! पोस्टिंग के साथ !!! लाहौल विला कुव्वत!!!
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Re: Mujhe Sunday Chahiye
हाहाहाहा बहुत बढ़िया कहा और हर मंथ के १ तारिक को जाना है सैलरी लेने। अगर हफ्ते में साथ संडे हो गए तो भाई साहब काम पर कब जाना होगा। कई लोगो को तो किसी भी दिन हफ्ते में कोई छुट्टी नहीं मिलती है। उद्धरण के लिए एडवरटाइजिंग फर्म्स में तो साथो दिन काम पर जाना होता है।
Re: Mujhe Sunday Chahiye
iseelie main is tarah kee naukaree dhoondh raha hoon..
viewtopic.php?p=4366&hilit=Dream+job#p4366
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johny888 wrote: Mon Oct 21, 2024 1:12 pm हाहाहाहा बहुत बढ़िया कहा और हर मंथ के १ तारिक को जाना है सैलरी लेने। अगर हफ्ते में साथ संडे हो गए तो भाई साहब काम पर कब जाना होगा। कई लोगो को तो किसी भी दिन हफ्ते में कोई छुट्टी नहीं मिलती है। उद्धरण के लिए एडवरटाइजिंग फर्म्स में तो साथो दिन काम पर जाना होता है।
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Re: Mujhe Sunday Chahiye
मुझे लगता है हफ्ते में कर दिवस को चार दिन का कर दिया जाए तो 3 दिन अवकाश के प्राप्त हो सकते हैं जब हम घर पर आराम फरमा सकते हैं या कुछ स्वयं यानी जी काम करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
आजकल अधिकतर कंपनियां हाइब्रिड मोड में काम कर रही हैं तो ऐसे में ऑफिस में 3 दिन ही जाना होता है। और बाकी दिन अपने तथाकथित मजदूर को 2 दिन का वर्क फ्रॉम होम मिल जाता है साथ में वीकेंड की भी दो दिन छुट्टी मिल जाती है।
ऑफिस की ड्यूटी तो वैसे 9 से 6 की ही होती है लेकिन इसकी तैयारी सुबह 7:00 से करनी पड़ती है और घर पहुंचते पहुंचते चीज व्यवस्थित होते हुए 8:00 जाता है तो अन्य किसी कार्य के लिए समय नहीं बचता है दिन भर का थका मारा इंसान कुछ नया करने का ऐसे में सोच भी नहीं सकता है क्योंकि वह शारीरिक को मानसिक रूप से कुछ सृजन करने की योग्य नहीं बचता है।
सिर्फ सैलरी लेने जाना 1 तारीख को यह वाकई बहुत हास्य पद है क्योंकि महीने के बाकी 29 दिन तो संडे पड़ रहे हैं तो ऐसे कंपनी में काम आएगी नहीं तो देगी कैसे।
आजकल अधिकतर कंपनियां हाइब्रिड मोड में काम कर रही हैं तो ऐसे में ऑफिस में 3 दिन ही जाना होता है। और बाकी दिन अपने तथाकथित मजदूर को 2 दिन का वर्क फ्रॉम होम मिल जाता है साथ में वीकेंड की भी दो दिन छुट्टी मिल जाती है।
ऑफिस की ड्यूटी तो वैसे 9 से 6 की ही होती है लेकिन इसकी तैयारी सुबह 7:00 से करनी पड़ती है और घर पहुंचते पहुंचते चीज व्यवस्थित होते हुए 8:00 जाता है तो अन्य किसी कार्य के लिए समय नहीं बचता है दिन भर का थका मारा इंसान कुछ नया करने का ऐसे में सोच भी नहीं सकता है क्योंकि वह शारीरिक को मानसिक रूप से कुछ सृजन करने की योग्य नहीं बचता है।
सिर्फ सैलरी लेने जाना 1 तारीख को यह वाकई बहुत हास्य पद है क्योंकि महीने के बाकी 29 दिन तो संडे पड़ रहे हैं तो ऐसे कंपनी में काम आएगी नहीं तो देगी कैसे।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
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Re: Mujhe Sunday Chahiye
यदि हफ्ते में साथ संडे हो जाए तो विद्यार्थियों के लिए बहुत अच्छा हो जाए सबसे बड़ी बात उन्हें थर्सडे, ट्यूसडे ,सैटरडे इन सब की स्पेलिंग बहुत मुश्किल होती है यह नहीं याद करनी पड़ेगी सिर्फ संडे के स्पेलिंग और संडे में भी दो स्पेलिंग को जोड़कर बनती है सन + डे तो सबसे ज्यादा मजे विद्यार्थियों के आ जाएंगे और स्कूलों में तो वैसे भी संडे की छुट्टी ही रहती है तो सातों दिन छुट्टी। मजे ही मजेmanish.bryan wrote: Tue Oct 22, 2024 7:50 am मुझे लगता है हफ्ते में कर दिवस को चार दिन का कर दिया जाए तो 3 दिन अवकाश के प्राप्त हो सकते हैं जब हम घर पर आराम फरमा सकते हैं या कुछ स्वयं यानी जी काम करने के लिए पर्याप्त समय मिल जाता है।
आजकल अधिकतर कंपनियां हाइब्रिड मोड में काम कर रही हैं तो ऐसे में ऑफिस में 3 दिन ही जाना होता है। और बाकी दिन अपने तथाकथित मजदूर को 2 दिन का वर्क फ्रॉम होम मिल जाता है साथ में वीकेंड की भी दो दिन छुट्टी मिल जाती है।
ऑफिस की ड्यूटी तो वैसे 9 से 6 की ही होती है लेकिन इसकी तैयारी सुबह 7:00 से करनी पड़ती है और घर पहुंचते पहुंचते चीज व्यवस्थित होते हुए 8:00 जाता है तो अन्य किसी कार्य के लिए समय नहीं बचता है दिन भर का थका मारा इंसान कुछ नया करने का ऐसे में सोच भी नहीं सकता है क्योंकि वह शारीरिक को मानसिक रूप से कुछ सृजन करने की योग्य नहीं बचता है।
सिर्फ सैलरी लेने जाना 1 तारीख को यह वाकई बहुत हास्य पद है क्योंकि महीने के बाकी 29 दिन तो संडे पड़ रहे हैं तो ऐसे कंपनी में काम आएगी नहीं तो देगी कैसे।