प्रकृति की सुंदरता
हर सुबह की रौशनी में,
खिल उठती है धरती,
सूरज की किरणों से सजती,
हर एक फूल की किलकारी।
सारंग की मधुर आवाज,
हवा में बिखर जाती,
पानी की बूँदें झिलमिलाती,
पर्वतों की ऊँचाई छूती।
हरे-भरे खेतों की छांव में,
सपनों की दुनिया बसती,
प्रकृति की इस अनमोल सौगात,
मन को हर घड़ी भाती।
Beauty of Nature
Re: Beauty of Nature
बहुत बढ़िया सर, पर क्या हम नेचर की सुंदरता को खोते नहीं जा रहे है? जिस तरह से आज आगे निकलने की होड़ में हम अपनी ही प्रकृति को छति पंहुचा रहे है। खेर एक कविता में भी शेयर करना चाहूंगा
हरी-भरी वादियों का गीत सुनाती,
प्रकृति की सुंदरता मन को लुभाती।
नीले आसमान में बादल का खेल,
नदी की धाराएँ, करतीं हैं मेल।
फूलों की खुशबू, हवा की सरगम,
सूरज की किरणें करतीं हैं अलम।
पक्षियों का संगीत, झरनों की झंकार,
हर कण में बसी, प्रकृति का प्यार।
पेड़-पौधों की ये हरियाली,
धरती पर बिखेरती खुशहाली।
प्रकृति का हर रूप अनमोल,
इसमें बसी है जीवन की बोल।
हरी-भरी वादियों का गीत सुनाती,
प्रकृति की सुंदरता मन को लुभाती।
नीले आसमान में बादल का खेल,
नदी की धाराएँ, करतीं हैं मेल।
फूलों की खुशबू, हवा की सरगम,
सूरज की किरणें करतीं हैं अलम।
पक्षियों का संगीत, झरनों की झंकार,
हर कण में बसी, प्रकृति का प्यार।
पेड़-पौधों की ये हरियाली,
धरती पर बिखेरती खुशहाली।
प्रकृति का हर रूप अनमोल,
इसमें बसी है जीवन की बोल।