भुलाई भाई, भाजपा के सबसे पुराने कार्यकर्ता और भारतीय जन संघ के दो बार के विधायक, ने लंबी बीमारी के बाद 111 वर्ष की आयु में निधन कर दिया। वह कोविड-19 महामारी के दौरान तब चर्चा में आए जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी स्वास्थ्य स्थिति के बारे में पूछा था।
श्री नारायण उर्फ भुलाई भाई को उम्र संबंधी बीमारियों के कारण उनकी खराब सेहत के चलते उत्तर प्रदेश के कुशीनगर जिले के पगाड़ गाँव में उनके घर पर ऑक्सीजन सपोर्ट पर रखा गया था।
उनका परिवार सोमवार को उनकी तबियत बिगड़ने पर उन्हें कप्तानगंज के एक अस्पताल में ले गया, लेकिन इलाज के दौरान उनका निधन हो गया।
भुलाई भाई ने राजनीति में कदम रखा जब वे जन संघ के नेता दींदयाल उपाध्याय से प्रेरित हुए। 1974 में, वह कुशीनगर की नौरंगिया सीट से दो बार जन संघ के विधायक बने। अपने राजनीतिक जीवन में, भुलाई भाई पवित्रता और ईमानदारी के पर्याय थे। भाजपा के 1980 में गठन के बाद भी, भुलाई भाई एक वफादार पार्टी कार्यकर्ता बने रहे।
भाजपा के सबसे बुजुर्ग पार्टी कार्यकर्ता भुलई भाई का 111 वर्ष की उम्र में निधन
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Re: भाजपा के सबसे बुजुर्ग पार्टी कार्यकर्ता भुलई भाई का 111 वर्ष की उम्र में निधन
स्वर्गीय श्री नारायण जी को शत-शत नमन, उन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा संघ और भाजपा के लिए समर्पित कर दिया, और बुजुर्ग के वजह से लाभ उनके अनुभवों का लाभ भी बीजेपी पार्टी को मिला, उन्होंने जन सेवा को ही अपना धर्म मां के सारे कार्य किया, और एक अच्छी आयु जी करके इस दुनिया से विदा लिए, किंतु उनका निधन भाजपा और समाज को खलेगा
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Re: भाजपा के सबसे बुजुर्ग पार्टी कार्यकर्ता भुलई भाई का 111 वर्ष की उम्र में निधन
नारायण जी की आत्मा को ईश्वर शांति दें और एक लंबे राजनीतिक दौड़ में जहां वह दो बार विधानसभा में बैठकर अपने क्षेत्र को सेवा देने का कार्य किया और 111 वर्ष के लंबे कार्यकाल के बाद अपने देह को त्याग कर ईश्वर में विलीन हो गए उनको नमन करते हुए भाजपा के सभी सदस्यों और यूपी के उल्लेखनीय नेताओं ने उनको नमन किया। बीजेपी के सबसे अधिक उम्र और बुजुर्ग नेता के स्वर्गवासी होने पर निश्चित तौर पर पार्टी में शोक का माहौल बना होगा।Sunilupadhyay250 wrote: ↑Fri Nov 01, 2024 1:40 pm स्वर्गीय श्री नारायण जी को शत-शत नमन, उन्होंने अपने जीवन का बड़ा हिस्सा संघ और भाजपा के लिए समर्पित कर दिया, और बुजुर्ग के वजह से लाभ उनके अनुभवों का लाभ भी बीजेपी पार्टी को मिला, उन्होंने जन सेवा को ही अपना धर्म मां के सारे कार्य किया, और एक अच्छी आयु जी करके इस दुनिया से विदा लिए, किंतु उनका निधन भाजपा और समाज को खलेगा
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"