Source: https://www.indiatv.in/sports/other-spo ... 21-1061506स्पेन के मनोलो मार्केज इंडियन फुटबॉल टीम के नए कोच बने हैं। उन्होंने इगोर स्टिमक की जगह ली है। महान फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया ने राष्ट्रीय पुरुष टीम के मुख्य कोच की नियुक्ति में पैनल को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की कार्यकारी समिति से कहा है कि वह तकनीकी समिति की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। पूर्व खिलाड़ी के रूप में कार्यकारी समिति के सह चयनित सदस्य बाईचुंग भूटिया शनिवार की बैठक में शामिल हुए।
पहले टेक्निकल कमेटी के चीफ रह चुके हैं बाईचुंग भूटिया
बाईचुंग भूटिया ने दावा किया कि सामान्य तौर पर टेक्निकल कमेटी नेशनल टीम के मुख्य कोच की सिफारिश करती है। मौजूदा टेक्निकल पैनल के चीफ दिग्गज आईएम विजयन हैं। भूटिया ने पीटीआई से कहा कि मैं पहले (2013 से 2017 तक) एआईएफएफ टेक्निकल कमेटी का चीफ रह चुका हूं और स्टीफन कोंस्टेंटाइन के मामले में कोच नियुक्तियों में शामिल रहा हूं। टेक्निकल कमेटी का काम आवेदन करने वाले उम्मीदवारों की छंटनी करना और कोच बनने के लिए उपयुक्त व्यक्ति की सिफारिश करना है। लेकिन इस बार स्टिमक के उत्तराधिकारी की नियुक्ति के लिए टेक्निकल कमेटी की एक भी बैठक नहीं हुई।
उन्होंने कहा कि कितने उम्मीदवारों ने आवेदन किया है, किसे छांटा गया है, इस पर चर्चा करने के लिए तकनीकी समिति की एक भी बैठक नहीं हुई। इस बार ऐसा कुछ नहीं हुआ। पहले भी इस प्रोसेस का पालन किया गया था, लेकिन इस बार नहीं। अगर आप मुख्य कोच की नियुक्ति में टेक्निकल कमेटी को दरकिनार करने जा रहे हैं तो हम इसके लिए क्यों हैं। मैंने कार्यकारी समिति की बैठक में कहा था कि चूंकि टेक्निकल कमेटी शामिल नहीं थी इसलिए तकनीकी समिति का कोई महत्व नहीं था। तो हम किस लिए हैं। मैंने कहा कि मैं टेक्निकल कमेटी की सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं।
भूटिया ने प्रोसेस को ही गलत करार दिया
भूटिया ने कहा कि एआईएफएफ के उपाध्यक्ष एनए हारिस के नेतृत्व में एक विशेष कमेटी इगोर स्टिमक के उत्तराधिकारी की तलाश कर रही थी और वह इसके पूरी तरह खिलाफ थे। उन्होंने कहा कि मैंने विशेष समिति के गठन का पूरी तरह विरोध किया। एक तकनीकी समिति पहले से ही मौजूद है और आपने कोच की नियुक्ति पर चर्चा करने के लिए एक विशेष समिति कैसे बनाई? भूटिया ने कहा कि प्रक्रिया ही गलत है। कोचों को तकनीकी समिति से कोई चर्चा किए बिना कार्यकारी समिति द्वारा नियुक्त किया जाता है, निकाला जाता है और उनका कार्यकाल बढ़ा दिया जाता है। अध्यक्ष एक या दो नाम प्रस्तावित करता है और कार्यकारी समिति एक पर सहमति बनाती है।
एआईएफएफ तकनीकी समिति के अन्य सदस्यों में शब्बीर अली, क्लाइमेक्स लॉरेंस, विक्टर अमलराज और संतोष सिंह शामिल हैं। एआईएफएफ ने कहा कि विजयन वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए बैठक में शामिल हुए। एआईएफएफ के कार्यवाहक महासचिव एम सत्यनारायण से संपर्क किए जाने पर उन्होंने यह भी कहा कि कोच की नियुक्ति प्रक्रिया में विजयन से सलाह ली गई थी। सत्यनाराया ने कहा कि इसमें कोई विवाद नहीं होना चाहिए। मुझे लगता है कि तकनीकी समिति के अध्यक्ष से सलाह ली गई थी।
सामने आया बड़ा विवाद, फुटबॉल टीम को नया कोच मिलते ही बाईचुंग भूटिया बोले-देने जा रहा इस्तीफा
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सामने आया बड़ा विवाद, फुटबॉल टीम को नया कोच मिलते ही बाईचुंग भूटिया बोले-देने जा रहा इस्तीफा
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Re: सामने आया बड़ा विवाद, फुटबॉल टीम को नया कोच मिलते ही बाईचुंग भूटिया बोले-देने जा रहा इस्तीफा
भूटिआ को ऐसा क्यों लगता है यह नहीं समझ में आया लेकिन अगर प्रक्रिया को ज्यादा फॉलो करेंगे तो कई चीजों को मिस कर देना पड़ेगा बाकी अगर कमेटी ने फैसला लिया है तो सोच समझ कर ही लिया होगा, और अगर भविष्य में कमेटी का फैसला गलत साबित हुआ तो फिर भूटिया को इसका विरोध करना चाहिए, अभी अगर इंडिया को एक अच्छा फुटबॉल का कोच मिला है तो उसको भी देख लेना चाहिए|
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Re: सामने आया बड़ा विवाद, फुटबॉल टीम को नया कोच मिलते ही बाईचुंग भूटिया बोले-देने जा रहा इस्तीफा
स्पेन के मनोलो मार्केज इंडियन फुटबॉल टीम के नए कोच बने हैं। उन्होंने इगोर स्टिमक की जगह ली है। महान फुटबॉलर बाईचुंग भूटिया ने राष्ट्रीय पुरुष टीम के मुख्य कोच की नियुक्ति में पैनल को नजरअंदाज करने का आरोप लगाते हुए अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (एआईएफएफ) की कार्यकारी समिति से कहा है कि वह तकनीकी समिति की सदस्यता से इस्तीफा दे रहे हैं। पूर्व खिलाड़ी के रूप में कार्यकारी समिति के सह चयनित सदस्य बाईचुंग भूटिया शनिवार की बैठक में शामिल हुए।Sunilupadhyay250 wrote: Fri Nov 01, 2024 6:51 pm भूटिआ को ऐसा क्यों लगता है यह नहीं समझ में आया लेकिन अगर प्रक्रिया को ज्यादा फॉलो करेंगे तो कई चीजों को मिस कर देना पड़ेगा बाकी अगर कमेटी ने फैसला लिया है तो सोच समझ कर ही लिया होगा, और अगर भविष्य में कमेटी का फैसला गलत साबित हुआ तो फिर भूटिया को इसका विरोध करना चाहिए, अभी अगर इंडिया को एक अच्छा फुटबॉल का कोच मिला है तो उसको भी देख लेना चाहिए|