भारतीय कारीगरिता की शाश्वत धरोहर की खोज
भारतीय कारीगरिता की कला और शिल्पकला का एक लंबा और गौरवपूर्ण इतिहास है, जो सदियों से चली आ रही है। यह कारीगरिता न केवल भारतीय संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है, बल्कि यह हमारे समाज के आर्थिक और सामाजिक ताने-बाने का भी महत्वपूर्ण हिस्सा रही है।
कारीगरिता की प्राचीन परंपरा
भारत में कारीगरिता की परंपरा बहुत पुरानी है। सिंधु घाटी सभ्यता से लेकर वर्तमान समय तक, भारतीय कारीगरों ने अपने हुनर से न केवल भारत बल्कि पूरी दुनिया को प्रभावित किया है। चाहे वह कपड़ा हो, धातु, लकड़ी, मिट्टी या पत्थर; भारतीय कारीगरों ने हर क्षेत्र में अपनी कारीगरी का लोहा मनवाया है।
क्षेत्रीय विविधता
भारत की कारीगरिता में क्षेत्रीय विविधता भी देखने को मिलती है। हर राज्य और क्षेत्र की अपनी विशिष्ट कारीगरी होती है। उदाहरण के लिए, राजस्थान का ब्लू पॉटरी, पश्चिम बंगाल का कांथा कढ़ाई, तमिलनाडु का तंजावुर पेंटिंग, और कश्मीर की पश्मीना शॉल, सभी अपनी अनूठी शैली और उत्कृष्टता के लिए प्रसिद्ध हैं।
कारीगरिता का सामाजिक और आर्थिक महत्व
भारतीय कारीगरिता न केवल एक कला है, बल्कि यह लाखों लोगों की आजीविका का भी स्रोत है। ग्रामीण क्षेत्रों में कारीगरिता ने रोजगार के अवसर प्रदान किए हैं और स्थानीय अर्थव्यवस्था को मजबूत किया है। इसके अलावा, भारतीय कारीगरिता का वैश्विक बाजार में भी महत्वपूर्ण योगदान है। भारतीय हस्तशिल्प और हस्तकला उत्पादों की मांग विश्वभर में है, जिससे भारत की अर्थव्यवस्था को मजबूती मिलती है।
संरक्षण और संवर्धन की आवश्यकता
हालांकि, आधुनिकता के दौर में भारतीय कारीगरिता को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। मशीनों और औद्योगिक उत्पादों के आगमन से कारीगरों की पारंपरिक कला और शिल्प को खतरा पैदा हो गया है। इसलिए, यह आवश्यक है कि सरकार, निजी संस्थान, और समाज मिलकर इस धरोहर को संरक्षित करने के लिए प्रयास करें। इसके लिए प्रशिक्षण, विपणन, और वित्तीय सहायता जैसी सुविधाओं की जरूरत है, ताकि कारीगरों को उनके हुनर का उचित मूल्य मिल सके।
निष्कर्ष
भारतीय कारीगरिता न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर है, बल्कि यह हमारी सामूहिक पहचान का भी हिस्सा है। इसे संजोना और बढ़ावा देना हमारी जिम्मेदारी है, ताकि आने वाली पीढ़ियाँ भी इस शिल्पकला की उत्कृष्टता और सौंदर्य को अनुभव कर सकें। भारतीय कारीगरिता की यह शाश्वत धरोहर न केवल भारत के लिए, बल्कि पूरे विश्व के लिए एक अमूल्य संपत्ति है।
भारतीय कारीगर की चिरस्थायी विरासत की खोज
Forum rules
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972
2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972
2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
-
- जीयो मेरे लाल, दोहरा शतक पूर्ण ....!!!
- Posts: 212
- Joined: Sun Aug 11, 2024 12:07 pm
Re: भारतीय कारीगर की चिरस्थायी विरासत की खोज
भारतीय कारीगरी मैं भिन्नता देखने को तो मिलती ही है भिन्न कारीगरता होने की वजह से यह काफी अच्छा छाप खासकर से विदेशी पर्यटक पर, किन्तु इस मशीनरी युग में भारतीय कारीगरता मे काफ़ी कमी आयी है, अब कारीगरों का स्थान मशीन ले रहे हैं, कारीगर भी अब अपने विशेष कारीगरता छोड़कर टेक्नोलॉजी के पीछे ही जा रहे हैं, उनके जीवन यापन में भी मुश्किलें आनी चालू हो गई हैं, कारीगरता का उचित मूल्य नहीं मिल पाता है, यही कारण है कि वह भी अब टेक्नोलॉजी के पीछे ही जा रहे हैं |