Source: https://www.indiatv.in/entertainment/bo ... 25-1062607बॉलीवुड लिरिसिस्ट जावेद अख्तर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं और अब एक बार फिर उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया है, जिसके चलते उनकी चर्चा शुरू हो गई है। मशहूर पटकथा लेखक ने 2023 में रिलीज हुई एक ब्लॉकबस्टर फिल्म पर अपने विचार साझा किये हैं। जावेद अख्तर ने भारतीय सिनेमा के आज के 'एंग्री यंग मैन' के किरदारों पर विचार करते हुए कहा कि अब 'फिल्मों का हीरो एक कैरिकेचर में बदल रहा है। वह वो आदमी बन चुका है जो चाहता है कि एक महिला उसके जूते चाटे।' जावेद अख्तर ने ये सब संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'एनिमल' पर कटाक्ष करते हुए कही, जिसमें रणबीर कपूर ने लीड रोल निभाया है।
एंग्री यंग मैन की अवधारणा पर क्या बोले जावेद अख्तर?
जावेद अख्तर ने 'वी आर युवा' से बात करते हुए फिल्मों में 'एंग्री यंग मैन' की अवधारणा को संबोधित किया और एनिमल का हवाला देते हुए कहा कि- 'तर्कहीन गुस्सा दिखाना, जो बेसलेस है, चरित्र को एक कैरिकेचर में बदलना शुरू कर देता है।' उत्तर और दक्षिण में 'एंग्री यंग मैन' की अवधारणा पर रिएक्शन देते हुए उन्होंने कहा- 'साउथ में भी, फिल्म का हीरो एक कैरिकेचर में बदल रहा है। वह ऐसा आदमी है, जो चाहता है कि एक महिला उसका जूता चाटे। वह पहले से ही एक गुस्सैल आदमी या एक मजबूत आदमी के कैरिकेचर में बदलना शुरू कर देता है, लेकिन बहुत ही अलग तरह से।'
जावेद अख्तर ने नहीं देखी एनिमल
जावेद अख्तर से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने एनिमल देखी है? तो जवाब में उन्होंने कहा- 'मैंने एनिमल नहीं देखी है। लोगों ने मुझे इसके बारे में बताया और मैंने समाचारों में भी पढ़ा कि फिल्म का जो हीरो है वो महिला किरदार से अपने जूते चाटने को कहता है। वह नीचे झुकती है, लेकिन भगवान का शुक्र है कि ये सीन वहीं काट दिया गया और इसे आगे नहीं बढ़ाया गया। जब लोग एंग्री यंग मैन के विचार की नकल कर रहे थे, तो वे ये देखना भूल गए कि 'जंजीर' में अमिताभ बच्चन का किरदार ना सिर्फ गुस्से में था, बल्कि गहरी चोट में भी था।'
सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखी थी जंजीर
बता दें, 1973 में रिलीज हुई 'जंजीर' की कहानी सलीम-जावेद की जोड़ी ने साथ मिलकर लिखी थी, जो ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। यही वो फिल्म थी, जिसने अमिताभ बच्चन के डूबते करियर को बचाया और पार लगाया। हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब जावेद अख्तर ने 'एनिमल' को लेकर अपनी निराशा जाहिर की है, इससे पहले भी वह इस फिल्म को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। फिल्म में रणबीर कपूर ने एक ऐसे हीरो का किरदार निभाया है, जो अपनी पत्नी से जूते चाटने के लिए कहता है।
'आज का एंग्री यंग मैन चाहता है कि औरत उसके जूते चाटे...' क्यों बोले जावेद अख्तर?
'आज का एंग्री यंग मैन चाहता है कि औरत उसके जूते चाटे...' क्यों बोले जावेद अख्तर?
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Re: 'आज का एंग्री यंग मैन चाहता है कि औरत उसके जूते चाटे...' क्यों बोले जावेद अख्तर?
शायद जावेद अख्तर को अपने सफलता से घमंड हो गया है इसलिए वह महिलाओं के बारे में ऐसी बात कर रहे हैं, उनको अपने पुराने दिनों की बातें भूल नहीं जानी चाहिए, जावेद अख्तर एक प्रसिद्ध कवि, पटकथा लेखक और गीतकार हैं। उन्होंने कुछ 24 फिल्में लिखी है जिसमें 20 सफल साबित हुई है, शायद इसी बात का हमको काफी ज्यादा गर्व और घमंड है |Realrider wrote: ↑Fri Jul 26, 2024 6:52 amSource: https://www.indiatv.in/entertainment/bo ... 25-1062607बॉलीवुड लिरिसिस्ट जावेद अख्तर अपने बयानों को लेकर सुर्खियों में रहते हैं और अब एक बार फिर उन्होंने कुछ ऐसा कह दिया है, जिसके चलते उनकी चर्चा शुरू हो गई है। मशहूर पटकथा लेखक ने 2023 में रिलीज हुई एक ब्लॉकबस्टर फिल्म पर अपने विचार साझा किये हैं। जावेद अख्तर ने भारतीय सिनेमा के आज के 'एंग्री यंग मैन' के किरदारों पर विचार करते हुए कहा कि अब 'फिल्मों का हीरो एक कैरिकेचर में बदल रहा है। वह वो आदमी बन चुका है जो चाहता है कि एक महिला उसके जूते चाटे।' जावेद अख्तर ने ये सब संदीप रेड्डी वांगा की फिल्म 'एनिमल' पर कटाक्ष करते हुए कही, जिसमें रणबीर कपूर ने लीड रोल निभाया है।
एंग्री यंग मैन की अवधारणा पर क्या बोले जावेद अख्तर?
जावेद अख्तर ने 'वी आर युवा' से बात करते हुए फिल्मों में 'एंग्री यंग मैन' की अवधारणा को संबोधित किया और एनिमल का हवाला देते हुए कहा कि- 'तर्कहीन गुस्सा दिखाना, जो बेसलेस है, चरित्र को एक कैरिकेचर में बदलना शुरू कर देता है।' उत्तर और दक्षिण में 'एंग्री यंग मैन' की अवधारणा पर रिएक्शन देते हुए उन्होंने कहा- 'साउथ में भी, फिल्म का हीरो एक कैरिकेचर में बदल रहा है। वह ऐसा आदमी है, जो चाहता है कि एक महिला उसका जूता चाटे। वह पहले से ही एक गुस्सैल आदमी या एक मजबूत आदमी के कैरिकेचर में बदलना शुरू कर देता है, लेकिन बहुत ही अलग तरह से।'
जावेद अख्तर ने नहीं देखी एनिमल
जावेद अख्तर से जब पूछा गया कि क्या उन्होंने एनिमल देखी है? तो जवाब में उन्होंने कहा- 'मैंने एनिमल नहीं देखी है। लोगों ने मुझे इसके बारे में बताया और मैंने समाचारों में भी पढ़ा कि फिल्म का जो हीरो है वो महिला किरदार से अपने जूते चाटने को कहता है। वह नीचे झुकती है, लेकिन भगवान का शुक्र है कि ये सीन वहीं काट दिया गया और इसे आगे नहीं बढ़ाया गया। जब लोग एंग्री यंग मैन के विचार की नकल कर रहे थे, तो वे ये देखना भूल गए कि 'जंजीर' में अमिताभ बच्चन का किरदार ना सिर्फ गुस्से में था, बल्कि गहरी चोट में भी था।'
सलीम-जावेद की जोड़ी ने लिखी थी जंजीर
बता दें, 1973 में रिलीज हुई 'जंजीर' की कहानी सलीम-जावेद की जोड़ी ने साथ मिलकर लिखी थी, जो ब्लॉकबस्टर साबित हुई थी। यही वो फिल्म थी, जिसने अमिताभ बच्चन के डूबते करियर को बचाया और पार लगाया। हालांकि, ये पहली बार नहीं है जब जावेद अख्तर ने 'एनिमल' को लेकर अपनी निराशा जाहिर की है, इससे पहले भी वह इस फिल्म को लेकर नाराजगी जाहिर कर चुके हैं। फिल्म में रणबीर कपूर ने एक ऐसे हीरो का किरदार निभाया है, जो अपनी पत्नी से जूते चाटने के लिए कहता है।
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Re: 'आज का एंग्री यंग मैन चाहता है कि औरत उसके जूते चाटे...' क्यों बोले जावेद अख्तर?
जावेद अख्तर का लेखन और फिल्मी पटकथा के क्षेत्र में कोई भी सानी नहीं है और उनके द्वारा प्रस्तुत किए गए फिल्मी संवाद भी लोगों के सर चढ़कर बोलता है ऐसे में थोड़ा देर उम्र में आना और मानसिक विच्छेद होकर ऐसी टिप्पणियां करना हालांकि उन्हें शोभा नहीं देता है मैंने हाल ही के में जावेद अख्तर के बहुत सारे इंटरव्यूज देखें जहां वह संवाददाता से भी नोक-जोर करते दिखे ऐसे में महिलाओं को लेकर उनकी ऐसी टिप्पणी देना महिला प्रधान फिल्मों के विशेष पाठक कथा के रूप में जाने जाने वाले महान जावेद अख्तर को यह जरा सा भी शोभा नहीं देता है।
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"