Source: https://www.indiatv.in/world/asia/ameri ... 14-1067522वाशिंगटन: पश्चिम एशिया में जंग की गहराती आशंकाओं के बीच अमेरिका ने इजराइल को 20 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री को मंजूरी दे दी है। इन हथियारों में लड़ाकू जेट विमान से लेकर हवा से हवा में मार करने वाली अत्याधुनिक मिसाइलें शामिल हैं। अमेरिकी विदेश विभाग की तरफ से यह जानकारी दी गई है। विभाग ने बताया कि इजराइल के जंग में उलझने की आशंकाओं के बीच कांग्रेस (अमेरिकी संसद) को तेल अवीव को 50 से अधिक एफ-15 लड़ाकू विमान, मध्यम दूरी की हवा से हवा में मार करने वाली अत्याधुनिक मिसाइल (एएमआरएएएम), 120 एमएम के गोले, मोर्टार और सामरिक वाहन सहित अन्य हथियारों एवं सैन्य उपकरणों की बिक्री संबंधी प्रस्ताव के बारे में सूचित किया गया है। हालांकि, इजराइल को निकट भविष्य में ये हथियार और सैन्य उपकरण हासिल होने की उम्मीद नहीं है, क्योंकि आपूर्ति संबंधी अनुबंध को पूरा करने में कई वर्ष लगेंगे। इजराइल को इन हथियारों और सैन्य उपकरणों की बिक्री का मकसद यह है कि वह लंबी अवधि में अपनी सैन्य क्षमता में इजाफा कर सके।
'अमेरिका इजराइल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है'
विदेश विभाग ने एक विज्ञप्ति में कहा, “अमेरिका इजराइल की सुरक्षा के लिए प्रतिबद्ध है। एक पुख्ता और मुस्तैद आत्मरक्षा क्षमता हासिल करने तथा उसे बनाए रखने में इजराइल की मदद करना अमेरिका के राष्ट्रीय हितों के लिए महत्वपूर्ण है। यह प्रस्तावित बिक्रीउद्देश्यों के अनुरूप है।” गाजा में जारी जंग में बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत के बीच इजराइल को सैन्य सहायता घटाने की अमेरिकी सांसदों की बढ़ती मांग के मद्देनजर बाइडेन प्रशासन को नई मदद की घोषणा के साथ कुछ कटौती का भी ऐलान करना पड़ा है। इसमें इजराइल को 2,000 पाउंड के हथियारों की एक खेप की आपूर्ति रोकना शामिल है।
कब मिलेगी विमानों की पहली खेप?
विज्ञप्ति के मुताबिक, नए अनुबंध में केवल बोइंग द्वारा निर्मित 50 से अधिक लड़ाकू विमानों की बिक्री ही शामिल नहीं है, बल्कि इजराइल को उन्नत रक्षा किट भी उपलब्ध कराई जाएंगी, ताकि वह अपने बेड़े में मौजूद दो दर्जन एफ-15 लड़ाकू विमान को नए इंजन एवं राडार से लैस कर अधिक प्रभावी बना सके। विज्ञप्ति में कहा गया है कि नए अनुबंध के तहत इजराइल को 2029 में लड़ाकू विमानों की पहली खेप की आपूर्ति किए जाने की संभावना है।
ईरान ने दी है धमकी
गाजा पट्टी में लगभग 10 महीने से जारी युद्ध और पिछले हफ्ते लेबनान में शीर्ष हिजबुल्ला कमांडर फौद शुकूर तथा ईरान में हमास के राजनीतिक प्रमुख इस्माइल हनिया के मारे जाने के बाद क्षेत्र में व्याप्त तनाव के पूर्ण लड़ाई में तब्दील होने की आशंका बढ़ गई है। ईरान और उसके समर्थन वाले आतंकी समूहों ने हनिया व शुकूर की मौत के लिए इजराइल को जिम्मेदार ठहराते हुए बदला लेने की धमकी दी है।
मध्य पूर्व में छिड़ने वाली है जंग! इजराइल को 20 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री करेगा अमेरिका
मध्य पूर्व में छिड़ने वाली है जंग! इजराइल को 20 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री करेगा अमेरिका
Re: मध्य पूर्व में छिड़ने वाली है जंग! इजराइल को 20 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री करेगा अमेरिका
सारी दुनिया जानती है की इजराइल और अमेरिका की दोस्ती बहुत ख़ास है, मुख्य रूप से रक्षा और सैन्य सहयोग के मामले में। दोनों देशों के बीच गहरे संबंध हैं, जिसमें अमेरिका इजराइल को सैन्य सहायता प्रदान करता है, और इजराइल अमेरिकी रणनीतिक हितों को मध्य पूर्व में बढ़ावा देने में मदद करता है।
Re: मध्य पूर्व में छिड़ने वाली है जंग! इजराइल को 20 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री करेगा अमेरिका
2023 में, इज़राइल के हथियार आयात का 69% अमेरिका से आया, जैसा कि स्टॉकहोम इंटरनेशनल पीस रिसर्च इंस्टीट्यूट (SIPRI) की एक रिपोर्ट में अंतरराष्ट्रीय हथियारों के हस्तांतरण के बारे में बताया गया। जर्मनी दूसरा सबसे बड़ा योगदानकर्ता था, जिसने 30% प्रदान किया, इसके बाद इटली का नंबर था, जिसने 0.9% योगदान किया। ब्रिटेन, फ्रांस और स्पेन अन्य छोटे योगदानकर्ताओं में शामिल थे।
अमेरिका सरकार ने, जो ट्रम्प के अधीन थी, कहा था कि वह इज़राइल को सैन्य सहायता रोकने का विचार नहीं करेगी क्योंकि उसने गाज़ा में मानवीय स्थिति सुधारने के लिए कदम उठाए थे, जबकि मानवाधिकार समूहों ने कहा कि गाज़ा के तबाह क्षेत्र में फलस्तीनी लोग "भूख से मर रहे हैं"।
अमेरिका सरकार ने, जो ट्रम्प के अधीन थी, कहा था कि वह इज़राइल को सैन्य सहायता रोकने का विचार नहीं करेगी क्योंकि उसने गाज़ा में मानवीय स्थिति सुधारने के लिए कदम उठाए थे, जबकि मानवाधिकार समूहों ने कहा कि गाज़ा के तबाह क्षेत्र में फलस्तीनी लोग "भूख से मर रहे हैं"।
Re: मध्य पूर्व में छिड़ने वाली है जंग! इजराइल को 20 अरब डॉलर के हथियारों की बिक्री करेगा अमेरिका
मुझे वाकई नहीं समझ आता कि ये मुस्लिम देश आपस में क्यों लड़ते रहते हैं। दरअसल, इस फोरम में एक "list of least peaceful countries in this world" viewtopic.php?t=3346 पोस्ट की गई थी, जिसमें 3 में से 7 बाकी सभी मुस्लिम देश थे। मुझे नहीं समझ आता ये क्यों हो रहा है।