Exploring Mythology in Hindi Literature: From Ramayana to Contemporary Retellings

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Forum rules
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024

1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972

2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।

3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।

4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।

5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।

6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।

7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।

8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।

यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
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Realrider
या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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Joined: Tue Jul 16, 2024 8:47 pm

Exploring Mythology in Hindi Literature: From Ramayana to Contemporary Retellings

Post by Realrider »

हिंदी साहित्य में पौराणिक कथाओं का महत्वपूर्ण स्थान है, जिसने साहित्य को समृद्ध और विविधतापूर्ण बनाया है। रामायण से लेकर समकालीन पुनर्कथनों तक, पौराणिक कथाएँ और चरित्र हिंदी साहित्य में निरंतर नया रूप लेते रहे हैं। यहाँ कुछ प्रमुख बिंदु हैं जो इस प्रवृत्ति को स्पष्ट करते हैं:

1. प्राचीन महाकाव्य: वाल्मीकि द्वारा रचित "रामायण" और व्यास द्वारा रचित "महाभारत" हिंदी साहित्य के मूल स्तंभ हैं। इन महाकाव्यों ने न केवल धार्मिक और नैतिक शिक्षा दी है, बल्कि उन्होंने साहित्यिक संरचना और कथानक की नींव भी रखी है।

2. कबीर, तुलसीदास और सूरदास: इन संत कवियों ने पौराणिक कथाओं और चरित्रों को अपने भक्ति साहित्य में समाहित किया। तुलसीदास की "रामचरितमानस" ने रामायण की कथा को लोकभाषा में प्रस्तुत किया, जिससे वह अधिक जनप्रिय और सुलभ हो गई।

3. आधुनिक काल के लेखक:
- महादेवी वर्मा: उन्होंने पौराणिक चरित्रों को नारीवादी दृष्टिकोण से पुनः प्रस्तुत किया, जैसे कि उनकी कविता "मैना"।
- रामधारी सिंह 'दिनकर': उनकी काव्य रचनाएँ "रश्मिरथी" और "परशुराम की प्रतीक्षा" ने महाभारत और रामायण के पात्रों को नए परिप्रेक्ष्य में प्रस्तुत किया।

4. समकालीन पुनर्कथन: आधुनिक लेखकों ने पौराणिक कथाओं को समकालीन संदर्भ में प्रस्तुत किया है।
- अमिश त्रिपाठी: उनकी "शिव ट्राइलॉजी" और "रामचंद्र सीरीज" ने पौराणिक कथाओं को नई दृष्टि और नवीनता के साथ पुनः प्रस्तुत किया।
- चन्द्रप्रकाश द्विवेदी: उनके उपन्यास "मृत्युंजय" ने कर्ण के दृष्टिकोण से महाभारत की कथा को प्रस्तुत किया।

5. महिलाओं का दृष्टिकोण:
- चंद्रकांता: उनके उपन्यास "व्यासपुत्र" ने द्रौपदी के दृष्टिकोण से महाभारत की घटनाओं को पुनः प्रस्तुत किया।
- प्रतिभा राय: उनकी रचनाएँ भी महिलाओं के दृष्टिकोण से पौराणिक कथाओं को प्रस्तुत करती हैं।

6. प्रयोगात्मक साहित्य: पौराणिक कथाओं का प्रयोग नाटकों, कविताओं, और लघु कथाओं में भी किया गया है। ये रचनाएँ पौराणिक कथाओं के विभिन्न पहलुओं की पुनर्व्याख्या करती हैं और उन्हें आधुनिक संदर्भ में प्रस्तुत करती हैं।

हिंदी साहित्य में पौराणिक कथाएँ समय-समय पर नए रूप और संदर्भ में प्रस्तुत होती रही हैं। ये कथाएँ न केवल हमारी सांस्कृतिक धरोहर को जीवित रखती हैं, बल्कि नए दृष्टिकोण और विचारों को भी प्रकट करती हैं, जिससे साहित्य अधिक समृद्ध और विविधतापूर्ण बनता है।
johny888
या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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Joined: Sun Oct 13, 2024 12:32 am

Re: Exploring Mythology in Hindi Literature: From Ramayana to Contemporary Retellings

Post by johny888 »

हिंदी साहित्य में पौराणिक कथाओं का स्थान अत्यंत महत्वपूर्ण है। ये कथाएँ न केवल साहित्य की एक धारा हैं बल्कि ये कथाएं हमारी सांस्कृतिक पहचान का एक महत्वपूर्ण हिस्सा हैं जिन्होंने सदियों से भारतीय समाज को एक सूत्र में बांधे रखा है। इन कथाओ ने न सिर्फ भारतीयों को धार्मिक विश्वासों और आस्थाओं से जोड़ा है बल्कि धर्म के प्रति आकर्षित किया है और उनके जीवन को अर्थ दिया है।
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