Forum rules
हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है https://hindidiscussionforum.com/viewto ... t=10#p4972
2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
3. अगर कोई सदस्य एक हजार से ज्यादा रुपये की पोस्टिग करता है, तो बचे हुए रुपये का बैलन्स forward हो जाएगा और उनके account में जुड़ता चला जाएआ।
4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
The heart briefly stops beating during a sneeze due to the sudden increase in pressure in the chest cavity caused by the contraction of the diaphragm and chest muscles.
1. वायुमार्ग का संकुचन: छींकने के दौरान, वायुमार्ग (नासिका और गले का मार्ग) संकुचित होता है, जिससे सांस लेना और छोड़ना अस्थायी रूप से प्रभावित होता है।
2. दबाव का बदलाव: छींकने से शरीर के भीतर दबाव बढ़ जाता है, जो दिल पर भी असर डालता है। यह दबाव एक पल के लिए रक्त प्रवाह को प्रभावित कर सकता है।
3. नर्वस सिस्टम का प्रभाव: छींकने की प्रक्रिया में स्वायत्त नर्वस सिस्टम (autonomic nervous system) सक्रिय होता है, जो दिल की धड़कन को अस्थायी रूप से धीमा कर सकता है।
4. आक्सीजन का स्तर: छींकने के समय, जब हम अचानक सांस छोड़ते हैं, तो हमारे शरीर में ऑक्सीजन का स्तर थोड़ी देर के लिए बदल सकता है, जिससे दिल की धड़कन पर असर पड़ता है।
हालांकि, ये सभी प्रक्रियाएँ केवल क्षणिक होती हैं और आमतौर पर स्वास्थ्य के लिए हानिकारक नहीं होतीं।
शारीरिक के मानसिक तौर पर अगर इसको समझा जाए तो हम अपना ध्यान जब किसी एक चीज पर लगा देते हैं तो बाकी जगह से ध्यान हमारा पूरी तरह से हट जाता है और उसे एक जगह केंद्रित होने के कारण हम बाकी कार्यों को करना एकदम से भूल जाते हैं।
यह बात सीखने जमाई लेने अंगड़ाई लेने जीव बाहर निकलना आंखें बंद करके ध्यान करने आदि में सम्मिलित है क्योंकि हमारा दिमाग का पूरा फोकस उसे एक चीज को करने के लिए लग जाता है।
दिमाग पूरी तरह से रैम और कैश राम के तर्ज पर काम करता है अब जैसे कोई किसी को जमाई अगर आ गई तो उसको मुंह खोलना है और वह ध्यान यह भी देगा की कोई देखे तो उसकी बेइज्जती ना महसूस हो तो उसका पूरा ध्यान अपनी जमाई को नियंत्रित करने और इसे जल्दी से खत्म करने में लग जाएगा। तो उसे समय हम बाकी कार्यों के प्रति बिल्कुल अनभिज्ञ न हो जाएंगे।
इसी में मैं यूट्यूब पर कल एक वीडियो देखा जब एक टीचर एक स्टूडेंट को बोलते हैं कि वह पेन उठा कर दो तो आराम से गया पेन उठा कर दिया तो जाहिर सी बात है उसके मन में 75 विचार भी साथ में चल रहे थे, फिर टीचर ने उसे वापस जैसे बिठाया और बोला मुझे 3 सेकंड में पेन लाकर दो तो अब उसे स्टूडेंट के मन में दो चीज खोज रही थी यह देना पेन देना है और 3 सेकंड में देना है जिससे उसके दिमाग का राम पूरी तरह से समर्पित हो गया समय दूरी और कार्य के प्रति।
फिलासफी है लेकिन सत्य है
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"
बहुत से लोग मानते हैं कि छींकते समय दिल की धड़कन रुक जाती है। लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है। असल में क्या होता है की जब हम छींकते हैं तो हमारे शरीर में कई बदलाव होते हैं। इन बदलावों के कारण दिल की धड़कन में थोड़ा सा बदलाव आ सकता है। इसीलिए, दिल की धड़कन पूरी तरह से नहीं रुकती। यह केवल कुछ सेकंड के लिए धीमी हो सकती है। इस तरह, छींकने के दौरान दिल की धड़कन में अस्थायी बदलाव आ सकता है, लेकिन यह सामान्य है और स्वास्थ्य पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं डालता।
When you sneeze, the intrathoracic pressure in your body momentarily increases. This will decrease the blood flow back to the heart. The heart compensates for this by changing its regular heart beat momentarily to adjust. However, the electrical activity of the heart does not stop during the sneeze.
Heart beat may stops momentarily as the beat rhyme gets changes. However, that doesn't mean heart stops, still heart muscles gets electric signals.
“When we talk about the ‘heart stopping’ in medical terms, HEART should pause from beating at least 3 seconds,”.
johny888 wrote: Sun Oct 13, 2024 3:30 pm
बहुत से लोग मानते हैं कि छींकते समय दिल की धड़कन रुक जाती है। लेकिन यह पूरी तरह से सच नहीं है। असल में क्या होता है की जब हम छींकते हैं तो हमारे शरीर में कई बदलाव होते हैं। इन बदलावों के कारण दिल की धड़कन में थोड़ा सा बदलाव आ सकता है। इसीलिए, दिल की धड़कन पूरी तरह से नहीं रुकती। यह केवल कुछ सेकंड के लिए धीमी हो सकती है। इस तरह, छींकने के दौरान दिल की धड़कन में अस्थायी बदलाव आ सकता है, लेकिन यह सामान्य है और स्वास्थ्य पर कोई गंभीर प्रभाव नहीं डालता।
Realrider wrote: Sun Oct 13, 2024 5:12 pm
"मुझे नहीं पता कि छींकने से दिल रुकता है या नहीं, लेकिन जब उनकी क्रश भाई बुलाने लगती है, तो लड़कों का दिल टूट जाता है।"
यह सच है हमको भी नहीं पता कि छीकने से दिल की धड़कन रुक जाती हैं या कोई बदलाव शरीर में आ जाता है हमने तो आज तक कभी महसूस नहीं किया। अब टॉपिक आया है तो ठीक है आएंगे तब महसूस करेंगे तो बताएंगे ।
यह तो मैंने पहली बार सुनाया किया जब हम लोग ठीकते हैं तो हमारी हार्टबीट रुक जाती है यह फैक्ट तो बड़ा मजेदार है अगर ऐसा सच हुआ तो मैं सच्ची में यह वाला हाथ से भेजूंगा वैसे यह फैक्ट सुनकर बड़ा मजा आ गया अप टॉपिक आया है तो ठीक है आएगा तब महसूस करेंगे तो बताएंगे लेकिन जब उनकी कोई खास अगर सीखे तो क्या होगा
Sarita wrote: Sat Dec 07, 2024 8:05 pm
यह तो मैंने पहली बार सुनाया किया जब हम लोग ठीकते हैं तो हमारी हार्टबीट रुक जाती है यह फैक्ट तो बड़ा मजेदार है अगर ऐसा सच हुआ तो मैं सच्ची में यह वाला हाथ से भेजूंगा वैसे यह फैक्ट सुनकर बड़ा मजा आ गया अप टॉपिक आया है तो ठीक है आएगा तब महसूस करेंगे तो बताएंगे लेकिन जब उनकी कोई खास अगर सीखे तो क्या होगा
छींकने के दौरान दिल की विद्युत गतिविधि बंद नहीं होती.
छींकने से पहले गहरी सांस लेने और उसे रोकने से छाती की मांसपेशियां कस जाती हैं और फेफड़ों में हवा का दबाव बढ़ जाता है.
छींकने से पहले नाक में गुदगुदी होती है, जिससे दिमाग को संकेत मिलता है कि नाक में घुसे धूल के कण को बाहर निकालना है.
छींक को रोकने की कोशिश करने से कान को नुकसान पहुंच सकता है या दिमाग की नसें फट सकती हैं.
छींकने के बाद अगर चक्कर आना, मतली या बेहोशी जैसी कोई असामान्य स्थिति हो, तो डॉक्टर से मिलना चाहिए.