रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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Harendra Singh wrote: Sun Dec 08, 2024 5:54 pm रवींद्रनाथ टैगोर कीलोकप्रिय कविताएँ
आत्मत्राण
याद आना
खो जाना
धूलि-मंदिर
दीदी
रूप-नारान के तट पर
समालोचक
प्रहरान्त के आलोक से रंजित
गीतांजलि
पूरबी प्रवाहिन
शिशु भोलानाथ
महुआ
वनवाणी
परिशेष
पुनश्च
वीथिका शेषलेखा
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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Sonal singh wrote: Sun Dec 08, 2024 6:35 pm रविंद्र नाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएं 1 लुका चुप्पी , सोनी चौकी , प्रथम दिन का , प्रार्थना ,मधुमेह धरती की धूल , आशंका ,मदन दहन के बाद.
उन्होंने बंगाली साहित्य में नए तरह के पद्य और गद्य के साथ बोलचाल की भाषा का भी प्रयोग किया। इससे बंगाली साहित्य क्लासिकल संस्कृत के प्रभाव से मुक्त हो गया। टैगोर की रचनायें बांग्ला साहित्य में एक नई ऊर्जा ले कर आई। उन्होंने एक दर्जन से अधिक उपन्यास लिखे। इनमे चोखेर बाली, घरे बहिरे, गोरा आदि शामिल है।
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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Harendra Singh wrote: Sun Dec 08, 2024 11:34 pm हो चित्त जहाँ भय-शून्य, माथ हो उन्नत', 'धीरे चलो, धीरे बंधु', 'सोने के पिंजरे में नहीं रहे दिन', 'यह कौन विरहणी आती' और 'चीन्हूँ मैं चीन्हूँ तुम्हें ओ, विदेशिनी'
उनकी कविताओं में नदी और बादल की अठखेलियों से लेकर अध्यात्मवाद तक के विभिन्न विषयों को बखूबी उकेरा गया है। उनकी कविता पढ़ने से उपनिषद की भावनाएं परिलक्षित होती है।उनकी रचनाओं में मनुष्य और ईश्वर के बीच के चिरस्थायी सम्पर्क की विविध रूपों में अभिव्यक्ति मिलती है।
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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Sonal singh wrote: Sun Dec 08, 2024 6:35 pm रविंद्र नाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएं 1 लुका चुप्पी , सोनी चौकी , प्रथम दिन का , प्रार्थना ,मधुमेह धरती की धूल , आशंका ,मदन दहन के बाद.
गुरुदेव ने जीवन के अंतिम दिनों में चित्र बनाना शुरू किया। इसमें युग का संशय, मोह, क्लान्ति और निराशा के स्वर प्रकट हुए हैं। मनुष्य और ईश्वर के बीच जो चिरस्थायी सम्पर्क है, उनकी रचनाओं में वह अलग-अलग रूपों में उभरकर सामने आया। टैगोर और महात्मा गाँधी के बीच राष्ट्रीयता और मानवता को लेकर हमेशा वैचारिक मतभेद रहा।
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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Rabindranath Tagore thank u Ham Kahani sunte Hain bahut Achcha lagta hai
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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विकिपीडिया के लोकप्रिय कविता गीतांजलि बंगाली गीतांजलि टैगोर का सबसे प्रसिद्ध कविता संग्रह है जिसके लिए उन्हें 1913 में साहित्य में नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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कविगुरु रवीन्द्रनाथ टैगोर को गुरुदेव के नाम से भी जाना जाता है। विश्वविख्यात महाकाव्य गीतांजलि की रचना के लिये उन्हें 1913 में साहित्य के लिए नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया। साहित्य के क्षेत्र में नोबेल जीतने वाले वे अकेले भारतीय हैं। गुरुदेव बहुआयामी प्रतिभा वाली शख़्सियत थे।
विश्व है जब नींद में मगन
विश्व है जब नींद में मगन
गगन में अंधकार,
कौन देता मेरी वीणा के तारों में
ऐसी झनकार।

नयनों से नींद छीन ली
उठ बैठी छोड़कर शयन
ऑंख मलकर देखूँ खोजूँ
पाऊँ न उनके दर्शन।

गुंजन से गुंजरित होकर
प्राण हुए भरपूर
न जाने कौन-सी विपुल वाणी
गूँजती व्याकुल सुर में।

समझ न पाती किस वेदना से
भरे दिल से ले यह अश्रुभार
किसे चाहती पहना देना
अपने गले का हार।
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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Harendra Singh wrote: Sun Dec 08, 2024 11:34 pm हो चित्त जहाँ भय-शून्य, माथ हो उन्नत', 'धीरे चलो, धीरे बंधु', 'सोने के पिंजरे में नहीं रहे दिन', 'यह कौन विरहणी आती' और 'चीन्हूँ मैं चीन्हूँ तुम्हें ओ, विदेशिनी'
कवि काहिनी -1878
बनफूल -1881
भग्न हृदय -1881
संध्या संगीत -1882
प्रभात संगीत -1882
छबि ओ गान -1884
शैशव संगीत -1884
भानुसिंह ठाकुरेर पदावली -1884
कड़ि ओर कोमल -1887
मानसी 1890
उन्होंने कविताएं उपन्यास लघु कथाएं नाटक काव्य अनेकों क्षेत्रों में सृजन किया
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 14, 2024 5:21 pm नेटफ्लिक्स पर एक कहानियों का संग्रह आता था उसमें रविंद्र नाथ की कहानियों का फिल्मांकन किया गया था उसमें एक 'ब्रोकन नेक्स्ट' कहानी थी जो बहुत अच्छी लगी हालांकि उस कहानी का अंत सुखद नहीं था लेकिन उसमें एक जो भाव को दिखाया गया था वह वाकई विचारणीय है। मानवीय भावों को समझने की अच्छा समर्थ था रविंद्र नाथ टैगोर के अंदर यह उनकी कहानियों में देखने को मिलता है।
रविंद्र नाथ ने बहुत सारी मार्मिक कहानी लिखी जो की हृदय को स्पर्श करती है और उसे समय की परिस्थितियों के अनुकूल हैं उसमें से कुछ प्रमुख कहानी है
भिखारिणी
घाटेर कथा घाट की कथा
राजपथेर कथा राजपथ की कथा
देना-पाउना दहेज
पोस्टमास्टर
गिन्नि
सुभा
ब्यबधान व्यवधान
ताराप्रसन्नेर कीर्ति (ताराप्रसन्न की कीर्ति)
बाबू की चरस
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Re: रवींद्रनाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएँ

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Sonal singh wrote: Sun Dec 08, 2024 6:35 pm रविंद्र नाथ टैगोर की लोकप्रिय कविताएं 1 लुका चुप्पी , सोनी चौकी , प्रथम दिन का , प्रार्थना ,मधुमेह धरती की धूल , आशंका ,मदन दहन के बाद.
भारत का राष्ट्रगान 'जन गण मन' और बांग्लादेश का राष्ट्रगान 'आमार सोनार बांग्ला' टैगोर ने लिखी हैं. वहीं बात श्रीलंका की करें तो वहां के राष्ट्रगान का एक हिस्सा भी टैगोर की कविता से लिया गया है।रविंद्र नाथ टैगोर ने भारत के साथ-साथ कई और देशों का राष्ट्रगान लिखा था. जिसमें भारत, बांग्लादेश और श्रीलंका है. सिर्फ टैगोर ही ऐसे कवि हैं जिनके द्वारा लिखें राष्ट्रगान को इतना ज्यादा पसंद किया गया कि वहां के देशों ने इसे अपना राष्ट्रगान बना लिया. भारत का राष्ट्रगान ‘जन गण मन’ और बांग्लादेश का राष्ट्रगान ‘आमार सोनार बांग्ला’ टैगोर ने लिखी हैं. वहीं बात श्रीलंका की करें तो वहां के राष्ट्रगान का एक हिस्सा भी टैगोर की कविता से लिया गया है।
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