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Re: तेरे बिना

Posted: Mon Dec 09, 2024 6:22 am
by Harendra Singh
manish.bryan wrote: Fri Oct 11, 2024 8:40 am @Stayalive
सर आप एक बहुत ही अच्छे कविता कर दिख रहे हैं और इससे पहले भी आपकी एक दो कविताएं मैंने पढ़ी जिसकी भूरी भूरी प्रशंसा करना किसी भी तरह से गलत नहीं होगा क्योंकि आपके लेखन को बढ़ावा भी देता है साथ में मार्मिक होकर लिखना एक अच्छी क्रिएटिविटी को भी दर्शाता है।

मेरे पास भी कुछ कविताओं का संग्रह है लेकिन वह अंग्रेजी भाषा में है क्योंकि हिंदी भाषा में मैं लिखना पसंद नहीं करता और काफी कॉम्प्लिकेटेड लिखने से इंग्लिश में कोई भावनाएं मेरी समझ नहीं पता🤓🤓🤣🤣🤣

लेकिन जल्दी ही एक कविता लिखकर मैं इस मंच पर डालूंगा और आपकी समीक्षा और टिप्पणी का मुझे बेहद इंतजार रहेगा मैं आपको टैग करने की कोशिश भी करूंगा।
कहने को तो, ज़िन्दगी में मेरी कोई गम नहीं
पर बिन तेरे, ज़िन्दगी में कोई हमदम भी नहीं

Re: तेरे बिना

Posted: Mon Dec 09, 2024 6:24 am
by Harendra Singh
johny888 wrote: Tue Oct 22, 2024 7:31 pm तेरे बिना ज़िन्दगी में कुछ नहीं,
जैसे दरिया हो, पर कोई किनारा नहीं।
सांसें तो चलती हैं, पर धड़कन नहीं,
जैसे दिन में हो रौशनी, पर उजाला नहीं।

तेरी हंसी का जादू, दिल को छू जाए,
तेरी आँखों का सपना, हर पल याद आए।
तेरी बातों में बसा है मेरा जहाँ,
तेरे बिना सब कुछ लगता है वीराना।

तू ही है मेरी राहों का कारवाँ,
तेरे बिना मैं हूँ जैसे कोई बेज़ुबाँ।
तेरे साथ ही है हर ख़ुशी मेरी,
वरना ज़िन्दगी बस एक खाली कहानी।
मिलने का, कोई वायदा तो नही किया तुमने
फिर यह उम्मीद सी, क्यों बंधी है दिल में