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Re: इन दिनों हर घर में इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है
Posted: Tue Dec 10, 2024 2:18 pm
by Suman sharma
Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 21, 2024 9:45 pm
मोबाइल तो एक बहुत बड़ी चिपक है। इससे छुटकारा पाना बड़ा ही मुश्किल ऐसा लगता है जैसे सब मोबाइल के एडिक्टेड हो गए हैं कोई भी कम करें सारा ध्यान मोबाइल में ही रहता है किसी का मैसेज ना पड़ा हो किसी ने फेसबुक पर क्या कमेंट किया इंस्टा पर क्या कमेंट किया आप कितने फॉलोवर्स हो गए? अब कितने लाइक्स हो गए? बस सारा दिन इसी में बिजी रहते हैं की मोबाइल पता नहीं कहां लेकर जाएगा हमारे युवा पीढ़ी को।
युवा पीढ़ी ही नहीं बच्चों से बुजुर्गों से लेकर हर वर्ग में मोबाइल अति प्रिय वह जरूरी है चीज बन गया है बिना मोबाइल के ऐसा लगता है पता नहीं क्या चीज अधूरी सी रह गई है जब तक बार-बार नोटिफिकेशन चेक ना करें मिस कॉल चेक ना करें चैन ही नहीं पड़ता कल हम पार्टी में गए मोबाइल ले जाना भूल गए मेरा बेटा बोल अरे आप इतनी जरूरी चीज कैसे बोल सकती हो अरे मुझे भी भुला दूं तो मैं उसमें गेम खेलता रहता
Re: इन दिनों हर घर में इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है
Posted: Tue Dec 10, 2024 3:00 pm
by Suman sharma
Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 21, 2024 9:45 pm
मोबाइल तो एक बहुत बड़ी चिपक है। इससे छुटकारा पाना बड़ा ही मुश्किल ऐसा लगता है जैसे सब मोबाइल के एडिक्टेड हो गए हैं कोई भी कम करें सारा ध्यान मोबाइल में ही रहता है किसी का मैसेज ना पड़ा हो किसी ने फेसबुक पर क्या कमेंट किया इंस्टा पर क्या कमेंट किया आप कितने फॉलोवर्स हो गए? अब कितने लाइक्स हो गए? बस सारा दिन इसी में बिजी रहते हैं की मोबाइल पता नहीं कहां लेकर जाएगा हमारे युवा पीढ़ी को।
युवा पीढ़ी ही नहीं बच्चों से बुजुर्गों से लेकर हर वर्ग में मोबाइल अति प्रिय वह जरूरी है चीज बन गया है बिना मोबाइल के ऐसा लगता है पता नहीं क्या चीज अधूरी सी रह गई है जब तक बार-बार नोटिफिकेशन चेक ना करें मिस कॉल चेक ना करें चैन ही नहीं पड़ता कल हम पार्टी में गए मोबाइल ले जाना भूल गए मेरा बेटा बोल अरे आप इतनी जरूरी चीज कैसे बोल सकती हो अरे मुझे भी भुला दूं तो मैं उसमें गेम खेलता रहता
Re: इन दिनों हर घर में इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है
Posted: Tue Dec 10, 2024 3:09 pm
by Bhaskar.Rajni
Suman sharma wrote: Tue Dec 10, 2024 3:00 pm
Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 21, 2024 9:45 pm
मोबाइल तो एक बहुत बड़ी चिपक है। इससे छुटकारा पाना बड़ा ही मुश्किल ऐसा लगता है जैसे सब मोबाइल के एडिक्टेड हो गए हैं कोई भी कम करें सारा ध्यान मोबाइल में ही रहता है किसी का मैसेज ना पड़ा हो किसी ने फेसबुक पर क्या कमेंट किया इंस्टा पर क्या कमेंट किया आप कितने फॉलोवर्स हो गए? अब कितने लाइक्स हो गए? बस सारा दिन इसी में बिजी रहते हैं की मोबाइल पता नहीं कहां लेकर जाएगा हमारे युवा पीढ़ी को।
युवा पीढ़ी ही नहीं बच्चों से बुजुर्गों से लेकर हर वर्ग में मोबाइल अति प्रिय वह जरूरी है चीज बन गया है बिना मोबाइल के ऐसा लगता है पता नहीं क्या चीज अधूरी सी रह गई है जब तक बार-बार नोटिफिकेशन चेक ना करें मिस कॉल चेक ना करें चैन ही नहीं पड़ता कल हम पार्टी में गए मोबाइल ले जाना भूल गए मेरा बेटा बोल अरे आप इतनी जरूरी चीज कैसे बोल सकती हो अरे मुझे भी भुला दूं तो मैं उसमें गेम खेलता रहता
आपने बिल्कुल ठीक लिखा है मोबाइल ना पास हो तो घबराहट सी हो जाती है और कई बार सचमुच ही ऐसा होता है कि हम कितना ही जरूरी मैसेज उसमें पड़ा होता है और हम देख नहीं पाए तो वही बात मन में रहती है और हर 10 मिनट बाद नोटिफिकेशन चेक करना मोबाइल चेक करना फिर फेसबुक देखना इंस्टा देखना और कई बार हम रीलों में ऐसे उलझ जाते हैं कि एक घंटा कब गुजर जाता है पता ही नहीं चलता लेकिन इस सब के बीच में जो आंखों का बुरा हाल हो रहा है वह भी ध्यान देने योग्य बात है।
Re: इन दिनों हर घर में इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है
Posted: Tue Dec 10, 2024 6:04 pm
by Anurag Srivastava
घर की स्थिति तो ऐसी होती जा रही है मानो घर में मेहमान रहते हो कोई कभी आया कभी गया किसी को नहीं मालूम कहां गया कभी एक साथ बैठकर सभी लोगों की सुबह चाय के प्याले के साथ हुआ करती थी आज तो आलम ये है कि भोजन भी सब अपना अलग ही करते है
हा कह सकते है इस भागदौड़ की जिंदगी में समय की बहुत कमी है मगर इसमें काफी योगदान हमारे मोबाइल का भी रहा है जिसने हर वक्त इंसान को अकेला महसूस नहीं होने दिया और घर वालों को जरूर अकेला कर दिया
Re: इन दिनों हर घर में इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है
Posted: Tue Dec 10, 2024 9:39 pm
by Bhaskar.Rajni
Anurag Srivastava wrote: Tue Dec 10, 2024 6:04 pm
घर की स्थिति तो ऐसी होती जा रही है मानो घर में मेहमान रहते हो कोई कभी आया कभी गया किसी को नहीं मालूम कहां गया कभी एक साथ बैठकर सभी लोगों की सुबह चाय के प्याले के साथ हुआ करती थी आज तो आलम ये है कि भोजन भी सब अपना अलग ही करते है
हा कह सकते है इस भागदौड़ की जिंदगी में समय की बहुत कमी है मगर इसमें काफी योगदान हमारे मोबाइल का भी रहा है जिसने हर वक्त इंसान को अकेला महसूस नहीं होने दिया और घर वालों को जरूर अकेला कर दिया
पहले घरों में मेहमानों का तांता लगा रहता था कभी कोई हुआ आ गई कभी कोई मौसी आ गई कभी कोई चाचा आ गई लेकिन आजकल सब बड़े व्यस्त हो गए हैं किसी के पास समय ही नहीं है आने जाने का और अगर आना भी होता है तो पहले फोन कर देते हैं कि हम आ रहे हैं ताकि किसी को अस्मिता ना हो लेकिन पुराने जमाने में अधिकार के साथ आया करते थे आजकल तो सब अपने अपने ही घरों में बैठे रहते हैं ना कोई किसी के घर जाना पसंद करता है ना ही कोई उनके घर आए यह भी पसंद करता है
Re: इन दिनों हर घर में इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है
Posted: Thu Dec 12, 2024 7:40 pm
by Sonal singh
Harendra Singh wrote: Mon Dec 09, 2024 9:45 pm
सभी काम तो मोबाइल में ही होते हैं जहां तक की समय देखना भी बाकी सोशल मीडिया पर लोगों के साथ कनेक्ट रहना है तभी मोबाइल।
आजकल के बच्चों का दिमाग पढ़ाई में का मोबाइल में ज्यादा लगा रहता है बस उन्हें मोबाइल दे दो एक बार दिमाग चलता है यह हर घर की स्थिति है हर घर में जहां बच्चा पढ़ रहा होगा कोई ना कोई फोन जरूर चल रहा होगा यह टीवी चल रहा होगा तो बच्चों को लगता है कि मैं पहले टीवी देख लूं या मोबाइल चला लूंगा मोबाइल तो उनके ज्यादा मोस्ट इंपोर्टेंट होता है आधा दिमाग पढ़ाई में और आधा दिमाग मोबाइल की तरफ ज्यादा रहता है इसलिए ना तो इधर के रहते हैं ना उधर के रहते हैं
Re: इन दिनों हर घर में इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है
Posted: Sat Dec 14, 2024 3:07 pm
by Sonal singh
Bhaskar.Rajni wrote: Mon Dec 09, 2024 12:24 pm
Gaurav27i wrote: Thu Nov 21, 2024 9:51 pm
जी हां आजकल इंसान बिना सांस लिए रह सकता है लेकिन अपने फोन को हर पल चेक के बिना नहीं रह सकता यह समस्या आजकल के टाइम में हर घर में एक परेशानी का कारण बनी हुई है क्योंकि इसके चलते बच्चों की पढ़ाई वह घर के अन्य काम भी प्रभावित होते हैं ज्यादा समय मोबाइल पर बिताने से यह भी पाया गया है कि इंसान की और बच्चों की सोने की क्षमता वह उनकी आंखों पर बहुत बुरा प्रभाव पड़ता है तो लिए मिलकर यह एक संकल्प ले की मोबाइल काम देखेंगे और किताबें ज्यादा पड़ेंगे
मोबाइल एक जरूरी अंग बन गया है जिंदगी का कोई भी काम हम करते हैं तो चाहे घर हो या बाहर अपने मोबाइल को हर 10 मिनट बाद चेक करते हैं डॉक्टर कहते हैं कि इसको मोबाइल एडिक्शन भी कहा जाता है कि जब आपको मोबाइल के बिना घबराहट होने लगे तो इसका मतलब यह है कि आपके मोबाइल एडिक्शन हो गया है सभी काम तो मोबाइल में ही होते हैं जहां तक की समय देखना भी बाकी सोशल मीडिया पर लोगों के साथ कनेक्ट रहना है तभी मोबाइल।
मोबाइल फोन की जरूरत आजकल खाना खाने ज्यादा जरूरत है मोबाइल इतनी बड़ी चिपक है कि बार-बार यह लगता है कि इंस्टाग्राम पर कुछ मैसेज आया होगा फेसबुक पर आया होगा यूट्यूब में वीडियो देखने हैं रील देख ले। कोई मैसेज तो नहीं आया मोबाइल की तरफ ही ध्यान जाता है आदमी बिना मोबाइल के तो फ्रेश होने भी नहीं जाता है
ज्यादातर लोग यही करते हैं मोबाइल ने युवाओं को अपनी ग्रस्त में ले रखा है बल्कि मोबाइल में इतना रेडिएशन होता है फिर भी लोग इसकी चिपक से दूर नहीं रहते क्यों पर तो इसका गहरा प्रभाव पड़ता है जिससे आंखों पर भी प्रभाव पड़ रहा है और मेंटली भी
Re: इन दिनों हर घर में इस स्थिति का सामना करना पड़ रहा है
Posted: Sat Dec 14, 2024 3:53 pm
by Sarita
आजकल इंसानों का हर काम से कम मोबाइल में ही ज्यादा मन लग रहा है बच्चे पैदा होते हैं जितना परिवार को नहीं जानते हो इतने मोबाइल के सारे फंक्शन जान जाते हैं तो मोबाइल की वजह से बच्चों का फ्यूचर ही समझ में नहीं आ रहा है क्योंकि पहले के शरीर में अब शरीर में बहुत फर्क है अब एक किनारे बैठ जाएंगे मोबाइल चलाते रहते और पहले तो ऐसा था हर सब भार खेलने के लिए निकलते थे क्या कोई सा भी गेम हो और अब घर से भारी नहीं निकालना चाहते हैं इंसान बस चल ही रहा है