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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Wed Mar 05, 2025 6:44 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 53
तेरी कातिल निगाहों ने
मुझको यूं मुतासिर कर दिया,
तेरे शहर,तेरी गालियों का
अब मुसाफ़िर कर दिया,
मदहोश हुआ फिरता हूं
इस इश्क़-ए-सुरूर में कुछ यूं,
कि तेरी इक झलक ने सारे जहां में
हमें काफ़िर कर दिया।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Wed Mar 05, 2025 8:28 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 54
मोहब्बत ही तो है,
मोहब्बत-ए-आजमाइश क्या होगी,
जान ही मांगोगे ना,
अब इससे बढ़ कर फरमाइश क्या होगी,
मेरे वजूद के हर हिस्से में अब,
तेरा ही अक्स नज़र आता है,
अब मेरी रूह से बढ़ कर,
तेरे लिए कोई रिहाइश क्या होगी ।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Wed Mar 05, 2025 8:53 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 55
तेरी आवाज़ की सूरत में यूं अजां हो जाना,
अब तो लाज़िम है मेरी इबादत का क़जा हो जाना,
एक नज़र देख के तुझको को ये इल्म हुआ,
कैसे मुमकिन है मोहब्बत का बेवजह हो जाना ।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Wed Mar 05, 2025 8:56 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 56
कुछ थोड़े से उसूल बना,
मैं भी उन पर चलता रहा,
मैं वक्त और वक्त मेरे साथ ढलता रहा,
चाहता तो मैं भी राख कर सकता था मगर,
फितरत रोशन करने की थी और मैं जलता रहा।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Wed Mar 05, 2025 8:57 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 57
वो हम जैसे जो कभी खुद से नहीं कर पाते,
वो मोहब्बत है कि हम तुम से किए फिरते हैं,
और ये कि हम खुद से ख़ाली हैं और बहुत ही ख़ाली,
और हैरत ये है कि हम तुमसे भरे फिरते हैं ।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Wed Mar 05, 2025 9:21 pm
by utopian_writeups
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Post NO.- 58
इश्क़ और इबादत में करिए तो इतना करिए ,
साफ़ दिल और बेदाग सीरत रखिए,
खूबसूरत जिस्म यहां कुछ काम नहीं आता,
गर रखिए तो पाक नियत रखिए ।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 8:57 pm
by Ruchi Agarwal
Username: Ruchi Agarwal
Post no.: 63
शीर्षक : कितना अच्छा होता अगर
कितना अच्छा होता अगर
हम आसमान में उड़ पाते,
मनचाही मंजिलों पर
क्षण भर में हम जा पाते ,
नहीं तड़पना पड़ता हमको
अपनों के दीदार को ,
उनके स्नेह और लाड़ चाव को
और ना ही उनके प्यार को,
हर मनचाही ख्वाहिश ,हो जाती पूरी
पंख लगाकर तय करते, हम मीलों की दूरी।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 9:05 pm
by Ruchi Agarwal
Username: Ruchi Agarwal
Post no. 64
शीर्षक: जिंदगी मेरे पास आ
जिंदगी मेरे पास आ
पास आकर मुझे बता
क्यों इतना तू भाग रही है
सुख चैन सब त्याग रही है
कौतूहल वश चलती जाती
पीछे मुड़कर तू देख ना पाती
आजा तुझको गले लगाऊं
थके हुए कदम सहलाऊं
ना कर इतनी भागम भाग
चिंताओं का कर परित्याग
कल की छोड़कर आज में जिले
चलते रहेंगे यूं ही सिलसिले।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 9:07 pm
by Ruchi Agarwal
Username: Ruchi Agarwal
Post no. 65
शीर्षक: शाम होते ही
शाम होते ही मन में आता है एक ख्याल
तेरे लौटने के इंतजार में दिल रहता है बेहाल
घड़ी के हर गुजरते लम्हे पर होता है तेरा इंतजार
उमड़ आता है ना जाने दिल में कहा से इतना प्यार।
सुनने को तेरी आवाज यह दिल तरस जाता है
आंखों से बादल बिन मौसम बरस जाता है
सुकून की कुछ घड़ियां बिताने को रहती हूं बेकरार
तेरे साथ से ही लगता है खूबसूरत ये संसार।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 9:11 pm
by Ruchi Agarwal
Username: Ruchi Agarwal
Post no. 66
शीर्षक: जिंदगी
चित्रफलक सी जिंदगी है
इसे रंगो से सजाएंगे ,
भिन्न-भिन्न प्रयासों से
इसे खूबसूरत बनायेंगे
प्रेम का इत्र डालकर इसको
भरपूर महकाएंगे
तरह तरह का मनोरंज कर
इसका दिल बहलाएंगे
हर नायब कोशिश कर
इसे खूबसूरत बनाएंगे।