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Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 9:55 pm
by PraveenDanodiya
युजर नाम -: प्रवीण दानोदिया
पोस्ट -: 01
शीर्षक -: जो बच सकता है बचा लो
जो बच सकता है उसे बचा लो ...
दौड़ती जिंदगी में अरमान बचा लो।
गहरी नींद के कुछ ख्वाब बचा लो।।
जो बच सकता है उसे बचा लो
अपनी किस्मत की लकीर लिखा लो।
अपने नसीब की कुछ आस बचा लो।।
जो बच सकता है उसे बचा लो....
जाती सरकार स कुछ उमीद लगा लो।
दरिंदो स बहिन बेटी की इज्जत बचा लो।।
जो बच सकता है उसे बचा लो....
बचपन की याद ओर जवानी के कुछ पल बचा लो।
बढ़ती महंगाई म बिरयाणी जिंदगी म कुछ धन बचा लो ।।
जो बच सकता है उसे बचा लो...
प्रवीण दानोदिया सेहला
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 10:00 pm
by PraveenDanodiya
युजर नाम -: प्रवीण दानोदिया
पोस्ट नबर -: 02
शीर्षक -: प्रेम
थासु प्रीत सात जन्मा री,
यो जन्म सुधार साजन ।
प्रेम री खाई घणी गह री,
तैर डुबकी लगा र साजन।।
दोन्या रै प्रेम री नाजुक डोरी,
काठी राख घुळा र साजन।।
जीवन री जेवड़ी घणी दोरी,
थोड़ी थोड़ी बंटा'र साजन।।
घुळ मिल रैवा उम्र कटी सोरी
लग जावै नाँव पार साजन।।
थे अळबैळा मै नखराली गौरी,
भौळी स्याणी पुका'र साजन ।।
प्रवीण दानोदिया सेहला[/b]
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 10:08 pm
by PraveenDanodiya
युजर नाम -: प्रवीण दानोदिया
पोस्ट नबर -: 03
शीर्षक -: मेरी सरकार
हिमालय से निकली पवित्र गंगा की धार हो तुम।
मेरे जीवन का अब तक का प्रिय सार हो तुम।।
बात ना हो तो मचने वाली खलबली तरकार हो तुम।
मेरी हर गलती माफ़ी मेरी अलबेली सरकार हो तुम।।
कैसे कहु कुछ नही दिया आप मेरे लिए खान हो।
परिचय कभी भी कराऊंगा आपका मेरी शान हो।।
मेरे जीवन में तुम आने वाला चमकता भान हो।
मुझे तेज गति देने वाला अंतरिक्ष चंद्र यान हो।।
लोगो को लगते होंगे विशाल काय उम्रदराज हाथी।
दुनिया को तो यह भी ना पता की हम दो साथी।।
दुनिया से क्या लेना देना दुनिया की क्या है पाँती ।
लोगो का काम है जुड़े रिश्तो म फैलाना भ्रांती।।
प्रवीण दानोदिया सेहला
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 10:29 pm
by PraveenDanodiya
युजर नाम -: प्रवीण दानोदिया
पोस्ट नबर -: 04
शीर्षक -: प्रिय पत्नी
दुनिया को छोड़ो मेरे लिए आज भी काची कचणार हो।
पनघट से आती सुंदर हुर, मुमल सी साची, पाणीहार हो।।
मै तो कृष्ण कोनी लेकिंन थे राधिका रा राणीहार हो।
पत्नियां बहुत देखी पण थे सती सावत्री स्तनार हो ।।
अगर खुदा ना मिलाता तो पका मै बन जाता दिलजला।
मो अच्छा लागे आपका यु मुस्करा कर कहना कर्मजला।।
लोगो को होगी जी.एफ. मेरी तो आप चाँद री चन्द्रकला।
मै पागल बेपरवाह हु पर आप ज्यू विधार्थी री चित्रकला।।
राधिका की बात छोड़ो मै रुक्मणि मेरे भगवान हो आप।
बावलापन तो सादगी आपकी रूप के धनवान हो आप।।
रुपमती, ज्ञानमती, सतवती, लक्ष्मी बाई बलवान हो आप...
प्रवीण दानोदिया सेहला
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 11:11 pm
by Ruchi Agarwal
Username: Ruchi Agarwal
Post no. 67
शीर्षक: तेरा इंतजार
तेरा इंतजार किया मैंने
सब्र का इम्तिहान दिया
जितनी सहनशक्ति थी
सब लगा दी मैंने
पर वो समय ना आया
जब खत्म हो पाता तेरा इंतजार
तेरी एक झलक को अखियां तरस गई है
किस जुर्म की सजा है ये
जो तरस रहे हैं हम
तेरे साथ को।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 11:18 pm
by Ruchi Agarwal
Username: Ruchi Agarwal
Post no. 68
शीर्षक: समझौता सपनो से
सपनों से समझौता मत कर
सपने बड़े ही खास होते हैं
मंजिल पाने के पहले के
अनगिनत प्रयास होते हैं ।
ये सपने ही जीवन में दिलाते हैं पहचान
हमारे अंदर के जज्बे को देते हैं मुकाम
इन सपनों के बिना जीवन अधूरा है
सपनों की वजह से ही ,जिंदगी का सफर
होता खुशनुमा और पूरा है।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 11:21 pm
by Ruchi Agarwal
Username: Ruchi Agarwal
Post no. 69
शीर्षक: भरोसा
भरोसा क्यों नहीं करते हमारा
हर पल देंगे साथ तुम्हारा,
हम हर दर्द हर तकलीफ बाटेंगे
हर मुश्किल की घड़ियों को ,मिल बाट कर काटेंगे।
साथ में जिएंगे हम जीवन के हर पल
ढूंढ निकालेंगे हर मुश्किलों के हल
यह दिल से दिल का रिश्ता,अनंत काल तक निभाएंगे
साथ छोड़कर ऐ हमसफर, हम कभी नहीं जाएंगे।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 11:30 pm
by Ruchi Agarwal
Username : Ruchi Agarwal
Post no. 70
शीर्षक: स्नेह
स्नेह ममता का एक प्रारूप है
जो निश्चल है निस्वार्थ है
उमड़ता है दिल की गहराइयों से
सर्वस्व लुटाने को तैयार है किसी के प्रेम में,
व्यापार नहीं है प्यार है ये,
अपनत्व भरा संसार है ये।
उस अपनत्व के आंचल तले
ममत्व का होता है वास
ठिकाना कभी न बदलेगा ये
ना बदलेंगे ये अहसास।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 11:34 pm
by Ruchi Agarwal
Username: Ruchi Agarwal
Post no. 71
शीर्षक: समय का बहाना
समय का बहाना कब तक लगा पाओगे
मेरे बिना कब तक रह पाओगे
जानती हूं तुम बहुत व्यस्त हो
पर फुर्सत में लौट कर मेरे पास ही आओगे।
सुख दुख के साथी बनकर साथ चले थे
क्या किसी भी पल में मेरे बिना जी पाओगे
इतनी यादें बनाई है हमने साथ में
क्या उन एहसासों को पीछे छोड़ ,आगे बढ़ पाओगे।
Re: हिन्दी प्रतियोगिता - स्वच्छ भारत , स्वच्छ विचार ( 02.10.2024 से 02.10.2025 तक)
Posted: Mon Mar 10, 2025 11:40 pm
by Ruchi Agarwal
Username: Ruchi Agarwal
Post no. 72
शीर्षक: व्यर्थ की बातें
बदलने चले थे दुनिया
खुद को ही ना बदल पाए हम
वर्तमान की खुशियों पर ध्यान ना दिया
और बीते कल के गमो को संजोते गए हम।
समाज क्या कहेगा
हमें तो समाज में रहना है
जबरदस्ती नियम थोपने वालों का
सबका यही कहना है।
यही सोचते हुए, जीवन गवा दिया
व्यर्थ की बातों में समय गवा दिया।