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Re: प्रेमियों के लिए कविता
Posted: Wed Dec 11, 2024 3:19 pm
by Anurag Srivastava
जब पुकारना हो मुझे मेरा नाम भूल जाता है
उसे इश्क तो आता है पर करना भूल जाता है
और उससे कह दो यूं मुस्कुरा कर ना देख मुझे
यह दिल पागल है धड़कना भूल जाता है
Re: प्रेमियों के लिए कविता
Posted: Wed Dec 11, 2024 4:48 pm
by Bhaskar.Rajni
Anurag Srivastava wrote: Wed Dec 11, 2024 3:19 pm
जब पुकारना हो मुझे मेरा नाम भूल जाता है
उसे इश्क तो आता है पर करना भूल जाता है
और उससे कह दो यूं मुस्कुरा कर ना देख मुझे
यह दिल पागल है धड़कना भूल जाता है
संभाले नहीं संभलता है दिल,
मोहब्बत की तपिश से न जला,
इश्क तलबगार है तेरा चला आ,
अब ज़माने का बहाना न बना
Re: प्रेमियों के लिए कविता
Posted: Wed Dec 11, 2024 5:10 pm
by Suman sharma
Anurag Srivastava wrote: Wed Dec 11, 2024 3:19 pm
जब पुकारना हो मुझे मेरा नाम भूल जाता है
उसे इश्क तो आता है पर करना भूल जाता है
और उससे कह दो यूं मुस्कुरा कर ना देख मुझे
यह दिल पागल है धड़कना भूल जाता है
जाने उस शख्स को कैसा ये हुनर आता है,
रात होती है तो आँखों में उतर आता है,
मैं उस के ख्यालों से बच के कहाँ जाऊं,
वो मेरी सोच के हर रस्ते पे नजर आता है
Re: प्रेमियों के लिए कविता
Posted: Wed Dec 11, 2024 5:13 pm
by Suman sharma
Harendra Singh wrote: Sun Dec 08, 2024 11:54 pm
Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 21, 2024 12:57 pm
तेरे साथ में जीवन है
तेरी बातों में मधुबन सी
तेरी यादें समीर के झौंके
सूरत तेरी सुमन सी
तू क्या है मेरे लिए
शब्दों में कैसे लिखूं
सारी कायनात हो जैसे
इसे शब्दों में कैसे भरूं?
एक रोज़,
जब टूट गई थी मेरी कोल्हापुरी
तब उतार दी थी तुमने भी अपनी चप्पल
और उड़ने लगी थीं मेरे साथ हरी दूब पर
उस रोज़ आख़िरी बार घास इतनी अधिक सब्ज़ हुई थी
और तुम इतनी अधिक गुलाबी
उस रोज़ आख़िरी बार दिल्ली में इंद्रधनुष अपनी पूरी रंगत में निकला था
और आख़िरी बार मैंने बादलों पर घोड़े दौड़ाए थे
तुम्हारी यादों की नदी में,
मैं रोज़
डूबता हूँ
और रोज़ तलाशता हूँ किनारा
मेरे चश्मे का फ़्रेम अब कुछ बड़ा हो गया है
लेकिन तुम्हारी उँगलियाँ इतनी दूर
कि मेरी दूर की नज़र को भी वे नज़र नहीं आतीं
कोल्हापुरी अब टूटती नहीं है
और धुँध के साथ चलना सीख लिया है मैंने
बस्स! हाथ ठंडे रहते हैं
और बायाँ कांधा…
बायाँ कांधा बहुत दुखता है सर्दियों में।
पवित्र था प्रेम तेरा मेरा,ना कोई जगह छल की थी।
ह्रदय में बसते थे दोनों इक दूजे के,
ना कोई पहल मिलन की थी।
पवित्र था वो प्रेम मेरा,जिसे जरुरत ना आलिंगन की थी।
निःस्वार्थ,निर्मल प्रेम था जो मेरी,तमन्ना उसे सदा दिल में रखने की थी।
Re: प्रेमियों के लिए कविता
Posted: Wed Dec 11, 2024 5:16 pm
by Suman sharma
Harendra Singh wrote: Sun Dec 08, 2024 11:57 pm
Sonal singh wrote: Sun Dec 08, 2024 6:27 pm
अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई...
अब के सावन में ये शरारत मेरे साथ हुई,
मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई
आप मत पूछिए क्या हम पे सफ़र में गुजरी?
था लुटेरों का जहाँ गाँव वहीं रात हुई
ज़िंदगी-भर तो हुई गुफ़्तगू गैरों से मगर,
आज तक हमसे न हमारी मुलाक़ात हुई
प्रेमिकाएँ तकलीफ़देह थीं। जब-जब उन्हें मजबूरन छोड़कर जाना पड़ा, तब-तब वे सिर्फ़ मजबूर लगीं। जब-जब उन्होंने आँखों के सामने ही दूसरा पुरुष चुन लिया, तब-तब वे सिर्फ़ नीच लगीं। और जब-जब हमेशा के लिए साथ रह गईं तो सिर्फ़ प्रेमिका नहीं रह गईं। पीड़ा और रिक्तता हर हाल में मिली। इस ‘सिर्फ़’ सोच के चलते किसी प्रेमिका को मज़बूत मानकर मुनादी पीटना क़ायदे से मुश्किल है।
होती नहीं है मोहब्बत सूरत से,
मोहब्बत तो दिल से होती है,
सूरत उनकी खुद-ब-खुद लगती है प्यारी,
कदर जिनकी दिल में होती है
Re: प्रेमियों के लिए कविता
Posted: Wed Dec 11, 2024 5:22 pm
by Suman sharma
Warrior wrote: Tue Sep 24, 2024 9:54 am
कविता 1:
तेरे बिना हर लम्हा अधूरा लगता है,
तू जो पास हो, तो हर ख्वाब पूरा लगता है।
तेरी मुस्कान की चमक से रोशन है मेरा जहाँ,
तेरे साथ बिताया हर पल, जैसे एक प्यारा अफसाना।
---
कविता 2:
तेरे इश्क में खो गया हूँ मैं,
तेरी बाहों में सो गया हूँ मैं।
हर सुबह तेरी यादों से शुरू होती है,
तेरे बिना ये जिंदगी अधूरी सी लगती है।
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कविता 3:
तू है तो मेरा दिल महकता है,
तेरे साथ चलकर हर ग़म मिटता है।
तेरे बिना ये सारा जहाँ सूना है,
तेरे प्रेम में ही मेरा हर ख्वाब छुपा है।
---
कविता 4:
तेरी आँखों में समंदर की गहराई है,
तेरे बिना इस दिल की हर धड़कन निस्सार है।
तेरे साथ बिताए हर पल की खूबसूरती,
जैसे चाँद की चाँदनी में बसी सारा प्यार है।
हम ने चाहा उसे गम ना मिलें,
अगर ख़ुशी मिलती है उसे हम से जुदा होकर,
तो दुआ है ख़ुदा से कि उसे कभी हम ना मिलें
खुशबू बनकर तेरी साँसों में शमा जायेंगे,
सुकून बनकर तेरे दिल में उतर जायेंगे,
महसूस करने की कोशिश तो कीजिये एक बार,
दूर रहते हुए भी पास नजर आएंगे
Re: प्रेमियों के लिए कविता
Posted: Wed Dec 11, 2024 5:31 pm
by Suman sharma
johny888 wrote: Tue Oct 22, 2024 7:40 pm
कुछ एक शायरी प्रेमियों के लिए यहाँ भी है
तू है मेरी साँस, तू है मेरी रूह,
तेरे प्यार में डूबा है मेरा पूरब-पश्चिम।
तेरी आँखों का नूर, मेरी राह रोशन करता है,
तेरी मुस्कान, मेरी दुनिया को खूबसूरत बनाता है।
.वो दिल ही क्या जो वफ़ा ना करे,तुझे भूल कर जिएं कभी खुदा ना करे,रहेगी तेरी मोहब्बत मेरी जिंदगी बनकर,वो बात और है, अगर जिंदगी वफा ना करे
पाना और खोना तो किस्मत की बात है,मगर चाहते रहना तो अपने हाथ में है
किसी को चाहते रहने के लिए किसी की जरूरत नहीं होती है। ये काम तो खुद ब खुद होता जाता है।
Re: प्रेमियों के लिए कविता
Posted: Wed Dec 11, 2024 10:58 pm
by Anurag Srivastava
निभाने वाले के बीच दूरियां कभी नहीं आती
जिनको रिश्ता निभाना होता वो हर हाल में निभा जाते है
यह सब कुछ नियत और विश्वास पर ही निर्भर करता है
कभी पास रह कर ही लोग एक दूसरे से दूर हो जाते है
कभी दूर रह कर ही एक दूसरे का साथ निभा जाते है