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हिंदी कवि कैसे बनें?

Posted: Sat Aug 03, 2024 11:54 am
by Warrior
हिंदी कवि बनने के लिए आवश्यक है कि आप हिंदी भाषा और साहित्य के प्रति गहरी रुचि और प्रेम रखें। सबसे पहले, आपको हिंदी साहित्य के विभिन्न विधाओं और रचनाकारों को पढ़ना और समझना चाहिए। तुलसीदास, सूरदास, कबीर, जयशंकर प्रसाद, सुमित्रानंदन पंत, महादेवी वर्मा, और निराला जैसे महान कवियों की रचनाओं का अध्ययन करना आपके लिए बहुत फायदेमंद होगा।

इसके अलावा, आपको अपनी भाषा और शब्दावली पर मजबूत पकड़ बनानी होगी। इसके लिए नियमित रूप से हिंदी साहित्य पढ़ें और नए शब्दों का अभ्यास करें। हिंदी व्याकरण और छंदशास्त्र की भी अच्छी जानकारी होना आवश्यक है ताकि आप अपनी कविताओं में सही और सुंदर भाषा का प्रयोग कर सकें।

लेखन का नियमित अभ्यास भी महत्वपूर्ण है। रोजाना कुछ समय लेखन के लिए निर्धारित करें और अपनी भावनाओं, विचारों और अनुभवों को कविता के रूप में व्यक्त करने का प्रयास करें। शुरू में, आप छोटी कविताएँ लिख सकते हैं और धीरे-धीरे बड़े विषयों पर लिखने का प्रयास कर सकते हैं।

अपनी कविताओं को साझा करें और प्रतिक्रिया प्राप्त करें। आप उन्हें मित्रों, परिवार, या साहित्यिक मंचों पर प्रस्तुत कर सकते हैं। साहित्यिक गोष्ठियों, कवि सम्मेलनों, और साहित्यिक क्लबों में भाग लेना भी आपके लिए उपयोगी हो सकता है। इससे आपको अन्य कवियों से सीखने और अपनी रचनाओं को सुधारने का मौका मिलेगा।

कविता में भावनाओं की अभिव्यक्ति महत्वपूर्ण होती है, इसलिए अपने जीवन के अनुभवों और संवेदनाओं को गहराई से महसूस करें और उन्हें अपनी कविताओं में उकेरें। आत्मविश्वास बनाए रखें और धैर्य रखें, क्योंकि एक सफल कवि बनने के लिए समय और निरंतर अभ्यास की आवश्यकता होती है।

अंततः, हिंदी कवि बनने की यात्रा में आपको साहित्यिक अनुशासन, नियमित अभ्यास, और आत्ममूल्यांकन की आवश्यकता होगी। यदि आप इन सिद्धांतों का पालन करते हैं, तो आप निश्चय ही एक सफल हिंदी कवि बन सकते हैं।

Re: हिंदी कवि कैसे बनें?

Posted: Sat Oct 26, 2024 4:12 pm
by johny888
हिंदी कवी बनने के लिए सबसे जरुरी है की आपको हिंदी साहित्य का पूर्ण ज्ञान होना चाहिए। इसकेलिए आप हिंदी साहित्य के विभिन्न कालखंडों के कवियों की रचनाएं पढ़ सकते है जो आपको अलग-अलग शैलियों और विषयों की समझ देगा। आप जितना ज्यादा लिखेंगे, आपकी अभिव्यक्ति उतनी ही बेहतर होगी। इसकेलिए आप डायरी लिखें, कविताएं लिखें, अपनी भावनाओं को शब्दों में उतारें।

Re: हिंदी कवि कैसे बनें?

Posted: Thu Nov 14, 2024 10:00 pm
by Bhaskar.Rajni
कहते हैं कभी जन्मजात पैदा होते हैं अर्थात कवि होने की जो प्रतिभा है वह ईश्वर द्वारा प्रदान की जाती है कोई लाख प्रयास करने पर भी अच्छा कभी नहीं बन सकता जब तक की उसके अंदर प्रतिभा ना हो। हां प्रयास करके शब्द भंडार को विस्तृत करके कुछ प्रयास किया जा सकता है लेकिन मेरा यही मानना है कि कवि पैदा होते हैं बनाये नहीं जा सकते।

Re: हिंदी कवि कैसे बनें?

Posted: Wed Nov 20, 2024 5:36 pm
by Sonal singh
Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 14, 2024 10:00 pm कहते हैं कभी जन्मजात पैदा होते हैं अर्थात कवि होने की जो प्रतिभा है वह ईश्वर द्वारा प्रदान की जाती है कोई लाख प्रयास करने पर भी अच्छा कभी नहीं बन सकता जब तक की उसके अंदर प्रतिभा ना हो। हां प्रयास करके शब्द भंडार को विस्तृत करके कुछ प्रयास किया जा सकता है लेकिन मेरा यही मानना है कि कवि पैदा होते हैं बनाये नहीं जा सकते।
सही कह रही है दीदी कवि पैदा होते हैं बनाई नहीं जाते। कवि तो समुद्र की गहराइयों में जाकर न जाने शब्दों के कैसे-कैसे मोती चुनकर लाते हैं। कवियों के तो विचार ही इतने उत्तम होते हैं। कवियों के सोचने की क्षमता ही बहुत होती है.। कवियों का जीवन अत्यंत संघर्ष भरा होता है।

Re: हिंदी कवि कैसे बनें?

Posted: Thu Nov 21, 2024 1:44 pm
by Bhaskar.Rajni
Sonal singh wrote: Wed Nov 20, 2024 5:36 pm
Bhaskar.Rajni wrote: Thu Nov 14, 2024 10:00 pm कहते हैं कभी जन्मजात पैदा होते हैं अर्थात कवि होने की जो प्रतिभा है वह ईश्वर द्वारा प्रदान की जाती है कोई लाख प्रयास करने पर भी अच्छा कभी नहीं बन सकता जब तक की उसके अंदर प्रतिभा ना हो। हां प्रयास करके शब्द भंडार को विस्तृत करके कुछ प्रयास किया जा सकता है लेकिन मेरा यही मानना है कि कवि पैदा होते हैं बनाये नहीं जा सकते।
सही कह रही है दीदी कवि पैदा होते हैं बनाई नहीं जाते। कवि तो समुद्र की गहराइयों में जाकर न जाने शब्दों के कैसे-कैसे मोती चुनकर लाते हैं। कवियों के तो विचार ही इतने उत्तम होते हैं। कवियों के सोचने की क्षमता ही बहुत होती है.। कवियों का जीवन अत्यंत संघर्ष भरा होता है।
यह तुमने बिलकुल सही कहा कि कवियों का जीवन अत्यंत संघर्ष भरा होता है अरे कोई सुना ही नहीं चाहता उन्हें वह बेचारा पीछे-पीछे अपनी कविता लेकर डोलता रहता है कि मेरी कविता सुन लो, मेरी कविता सुन लो कोई सुनने को ही तैयार नहीं होता और कई बार तो लोग कन्नी काट कर भाग जाते हैं कि अब आ गया अब अपनी कविताएं सुनायेगा,दूर से देख कर ही मार्ग बदल लेते हैं लेकिन एक बात और है कि जब उन्हें प्रसिद्धि प्राप्त हो जाती है और उनका नाम हो जाता है तो लोग दूर-दूर से उन्हें सुनने के लिए आते हैं।। वक्त वक्त की बात है सोनल!