Bangladesh Protests Updates: बांग्लादेश में हिंसक विरोध-प्रदर्शन के बीच प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया और देश छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चली गईं. इसके बाद आर्मी ने कमान संभाल ली है. यानी बांग्लादेश में अब सेना का शासन होगा. बांग्लादेश के आर्मी चीफ वकर-उज-जमान ने कहा कि मैं कमान संभाल रहा हूं. उन्होंने कहा कि प्रदर्शनकारी छात्रों से बात करेंगे और उनकी सभी मांगों को पूरा करेंगे.
उन्होंने कहा कि शांति हमारी पहली प्राथमिकता है और हम कोई बल प्रयोग नहीं करेंगे. सुरक्षाबलों को गोली नहीं चलाने का आदेश दिया गया है. आर्मी चीफ ने भी पुष्टि की है कि शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने कहा कि सभी राजनीतिक दलों को हमने बातचीत के लिए बुलाया है, लेकिन शेख हसीना की पार्टी से कोई बात नहीं होगी. हम अंतरिम सरकार बनाएंगे और सभी मिलकर काम करेंगे.
शेख हसीना ने ढाका छोड़ा
इससे पहले शेख हसीना के एक करीबी सूत्र के हवाले से न्यूज एजेंसी AFP ने बताया कि शेख हसीना राजधानी ढाका छोड़ चुकी हैं और एक सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं. सूत्र ने बताया, ‘वह और उनकी बहन गणभवन (प्रधानमंत्री का आधिकारिक निवास) छोड़कर सुरक्षित स्थान पर चली गई हैं. वह एक भाषण रिकॉर्ड करना चाहती थीं, लेकिन उन्हें ऐसा करने का अवसर नहीं मिल सका.’
यह घटना ऐसे समय में हुई है जब बांग्लादेश के सेना प्रमुख वकर-उज-जमान कल भीषण झड़पों में 98 लोगों के मारे जाने के बाद राष्ट्र को संबोधित करने वाले हैं. इसके साथ ही पिछले महीने शुरू हुए विरोध प्रदर्शनों से अब तक मरने वालों की संख्या 300 से अधिक हो गई है. हिंसक झड़प के बाद देश के कई हिस्सों में सेना को तैनात किया गया है.
PM आवास में घुसे प्रदर्शनकारी
शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद हजारों प्रदर्शनकारी प्रधानमंत्री के आधिकारिक आवास में घुस गए हैं. निजी ‘जमुना टेलीविजन’ चैनल के हवाले से न्यूज एजेंसी PTI ने बताया कि सेना अध्यक्ष जल्द ही राष्ट्र को संबोधित कर सकते हैं. इससे पहले, बांग्लादेश सरकार ने प्रदर्शनकारियों के आम जनता से ‘लॉन्ग मार्च टू ढाका’ में भाग लेने का आह्वान करने के बाद इंटरनेट को पूरी तरह बंद करने का आदेश दिया.
भारत ने नागरिकों को जारी की एडवाइजरी
भारत ने बांग्लादेश में रह रहे अपने सभी नागरिकों को हिंसा की ताजा घटनाओं के मद्देनजर ‘अत्यधिक सावधानी’ बरतने और अपनी आवाजाही सीमित रखने की सलाह दी. भारत ने नया एडवाइजरी जारी कर अपने नागरिकों से अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा नहीं करने के लिये कहा है.
विदेश मंत्रालय ने एडवाइजरी में कहा, ‘वर्तमान घटनाक्रम को देखते हुए भारतीय नागरिकों को अगले आदेश तक बांग्लादेश की यात्रा न करने की सख्त सलाह दी जाती है.’ एडवाइजरी के मुताबिक, ‘बांग्लादेश में मौजूद सभी भारतीय नागरिकों को अत्यधिक सावधानी बरतने, अपनी आवाजाही सीमित रखने और ढाका स्थित भारतीय उच्चायोग के हमेशा संपर्क में रहने की हिदायत दी है.’
बांग्लादेश में क्यों भड़क रही हिंसा?
बांग्लादेश में प्रदर्शनकारी विवादास्पद आरक्षण प्रणाली को समाप्त करने की मांग कर रहे हैं. इस आरक्षण के तहत 1971 में बांग्लादेश के मुक्ति संग्राम में हिस्सा लेने वाले लड़ाकों के रिश्तेदारों को सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण देने का प्रावधान है.