कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर ने बांग्लादेश की स्थिति पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि भारत इस घटनाक्रम को लेकर उदासीन नहीं रह सकता. उन्होंने इस बात पर भी जोर दिया कि पड़ोसी देश में शांति और प्रगति ‘हमारे हित में’ है. बांग्लादेश के घटनाक्रम पर प्रतिक्रिया देते हुए थरूर ने न्यूज एजेंसी ‘पीटीआई-भाषा’ से कहा, यह बहुत चिंताजनक है, जैसा कि आप जानते हैं कि एक जुलाई से समस्या शुरू होने के बाद से लगभग 300 लोगों की जान चली गई है. यह पहले से ही हम सभी के लिए गंभीर चिंता का विषय है.
तीन तरफ से भारत से घिरा हुआ है बांग्लादेश
थरूर का यह भी कहना है, बांग्लादेश हमारा पड़ोसी देश है और वहां के लोग हमारे अपने भाई-बहन या कम से कम चचेरे भाई-बहन तो हैं ही और वहां जो कुछ भी होता है. उसका पड़ोस पर बहुत गहरा प्रभाव पड़ता है. बांग्लादेश एक ऐसा देश है जो तीन तरफ से भारत से घिरा हुआ है, इसलिए यह एक अत्यंत चिंता का विषय है. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में सत्ता परिवर्तन ‘अशांत करने वाला’ है.
शेख हसीना सरकार से 15 सालों से घनिष्ठ संबंध
कांग्रेस नेता ने बताया कि उस देश में चुनाव अभी कुछ समय पहले शांतिपूर्ण ढंग से संपन्न हुए थे. लेकिन स्पष्ट रूप से विवादास्पद थे, क्योंकि प्रमुख विपक्षी दल ने भाग नहीं लिया था. उन्होंने कहा, अब हम पुरानी सरकार के पुनः चुनाव के कुछ ही महीनों के भीतर एक पूरी तरह नयी सरकार को देख रहे हैं. थरूर का कहना है, यह (शेख हसीना सरकार) एक ऐसी सरकार थी जिसके साथ हमारे पिछले 15 वर्षों से घनिष्ठ संबंध थे, लेकिन इसके दो पहलू हैं. एक ओर इस सरकार के साथ घनिष्ठ संबंध, लेकिन दूसरी ओर विपक्ष और अन्य ताकतों के साथ कोई रिश्ता नहीं था.
हमें बांग्लादेश से आने वाले शरणार्थियों का अनुभव
शशि थरूर ने कहा, इस बात का जोखिम है कि जो लोग सत्ता में आते हैं, वे भारत के प्रति शत्रुतापूर्ण या अपेक्षाकृत कम अनुकूल हो सकते हैं और इसके भी हमारे लिए कुछ परिणाम होंगे. उन्होंने कहा, फिर सवाल यह है कि अशांति जारी रह सकती है और लोगों का अधिक विस्थापन हो सकता है. हमारे पास बांग्लादेश से आने वाले शरणार्थियों का अनुभव है. यही वह मुद्दा है जिससे हमारे नीति निर्माताओं को जूझना होगा. थरूर ने कहा कि उनकी अंतिम चिंता एक देश के रूप में बांग्लादेश का भविष्य है.