Source: https://www.indiatv.in/tech/tech-news/u ... 06-1065468Google का सर्च इंजन किस तरह काम करता है? आखिरकार इस बात का खुलासा हो गया है। अमेरिकी कोर्ट में पेश किए गए डॉक्यूमेंट से इस बात की जानकारी मिली है। कोर्ट ने सर्च रिजल्ट वाले डॉक्यूमेंट के साथ गूगल की जमकर क्लास लगाई है। साथ ही, कोर्ट ने इसे गूगल की मनमानी करार देते हुए एंटीट्रस्ट नियमों का उल्लंघन भी माना है। जज ने दुनिया के सबसे बड़े सर्च इंजन की इस मनमानी पर 277 पेज का आदेश जारी किया है और गूगल को मोनोपोलिस्ट यानी मनमानी करने वाला बताया है।
क्या है मामला?
गूगल द्वारा एंटीट्रस्ट नियमों के उल्लंघन को लेकर लंबे समय से अमेरिकी कोर्ट में मुकदमा चल रहा था। इस मुकदमे की सुनवाई करने वाले फेडरल जज अमित मेहता ने 277 पन्नों का फैसला सुनाया है। जज ने बताया कि गूगल ने एंटीट्रस्ट नियमों का उल्लंघन करते हुए करोड़ों डॉलर खर्च करते हुए डेवलपर्स, टेलीकॉम कैरियर और इक्विपमेंट बनाने वाली कंपनियों से सिक्योर एक्सक्लूसिव करार किया है। ऐसा करके गूगल ने नियमों का उल्लंघन किया है और गलत तरीके से ऑनलाइन सर्च इंजन के मार्केट में मनमानी की है।
फेडरल जज के इस फैसले के बाद अमेरिकी एंटीट्रस्ट ऑथिरिटी की गूगल पर पहली बड़ी विजय है। एंटीट्रस्ट ऑथिरिटी ने गूगल की मनमानी के खिलाफ कोर्ट में शिकायत दर्ज की थी। इस 277 पन्नों वाले फैसले ने गूगल सर्च इंजन की सारी पोल खोल कर रख दी है।
कैसे काम करता है गूगल सर्च?
Google Search इंजन के बारे में बताते हुए जज ने कहा कि कंपनी को पता है कि किसी भी डिवाइस में डिफॉल्ट सर्च इंजन होना कितना फायदेमंद है। इसके लिए गूगल ने डिवाइस बनाने वाली कंपनी से लेकर इक्वीपमेंट मैन्यूफैक्चरर्स, टेलीकॉम ऑपरेटर्स और यहां तक की डेवलपर्स के लिए करोड़ों डॉलर खर्च किए हैं। डिफॉल्ट सर्च इंजन होने की वजह से गूगल को यूजर्स द्वारा क्रिएट किए गए अरबों क्वेरीज हर रोज मिलते हैं। ऐसा डिफॉल्ट सर्च इंजन के एक्सेस प्वॉइंट्स की वजह से संभव हो पाता है।
हालांकि, कुछ समय पहले दुनिया के कई देशों में सर्च इंजन की मनमानी को लेकर सवाल खड़े हुए थे, जिसके बाद से कंपनी ने Android स्मार्टफोन में डिफॉल्ट सर्च इंजन सेट करने का ऑप्शन दिया है, लेकिन बहुत कम ही यूजर्स इसका इस्तेमाल कर पाते हैं। वे अपना स्मार्टफोन सेट-अप करते समय शायद ही इस पर ध्यान देते हैं।
होगा अरबों डॉलर का नुकसान
किसी भी Android डिवाइस में अगर गूगल का सर्च इंजन बाई-डिफॉल्ट नहीं रहेगा तो कंपनी को यूजर्स की क्वेरीज रिसीव नहीं होगी, जिसकी वजह से गूगल के बड़े ऐड बिजनेस पर असर होगा। गूगल का ऐड बिजनेस पूरी तरह से गूगल सर्च एल्गोरिदम और यूजर्स द्वारा पूछी गई क्वेरीज पर निर्भर है।
Google पर चला कोर्ट का डंडा, 277 पन्नों वाले डॉक्यूमेंट ने खोल दी कंपनी की सारी पोल
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हिन्दी डिस्कशन फोरम में पोस्टिंग एवं पेमेंट के लिए नियम with effect from 18.12.2024
1. यह कोई paid to post forum नहीं है। हम हिंदी को प्रोत्साहन देने के लिये कुछ आयोजन करते हैं और पुरस्कार भी उसी के अंतर्गत दिए जाते हैं। अभी निम्न आयोजन चल रहा है
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2. अधिकतम पेमेंट प्रति सदस्य -रुपये 1000 (एक हजार मात्र) पाक्षिक (हर 15 दिन में)।
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4. सदस्यों द्वारा करी गई प्रत्येक पोस्टिंग का मौलिक एवं अर्थपूर्ण होना अपेक्षित है।
5. पेमेंट के पहले प्रत्येक सदस्य की postings की random checking होती है। इस दौरान यदि उनकी postings में copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उन्हें एक रुपये प्रति पोस्ट के हिसाब से पेमेंट किया जाएगा।
6. अगर किसी सदस्य की postings में नियमित रूप से copy /paste अथवा अनर्थपूर्ण content की मात्रा अधिक/अनुचित पाई जाती है, तो उसका account deactivate होने की प्रबल संभावना है।
7. किसी भी विवादित स्थिति में हिन्दी डिस्कशन फोरम संयुक्त परिवार के management द्वारा लिया गया निर्णय अंतिम एवं सर्वमान्य होगा।
8. यह फोरम एवं इसमे आयोजित सारी प्रतियोगिताएं हिन्दी प्रेमियों द्वारा, हिन्दी प्रेमियों के लिए, सुभावना लिए, प्रेम से किया गया प्रयास मात्र है। यदि इसे इसी भावना से लिया जाए, तो हमारा विश्वास है की कोई विशेष समस्या नहीं आएगी।
यदि फिर भी .. तो कृपया हमसे संपर्क साधें। आपकी समस्या का उचित निवारण करने का यथासंभव प्रयास करने हेतु हम कटिबद्ध है।
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- या खुदा ! एक हज R !!! पोस्टर महा लपक के वाले !!!
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- Joined: Sat Jul 13, 2024 10:35 am
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Google पर चला कोर्ट का डंडा, 277 पन्नों वाले डॉक्यूमेंट ने खोल दी कंपनी की सारी पोल
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- यारा एक हजारा , देख मैं आरा!!!
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Re: Google पर चला कोर्ट का डंडा, 277 पन्नों वाले डॉक्यूमेंट ने खोल दी कंपनी की सारी पोल
गूगल बीना किसी शर्त के पूरी तरह मोनोपोली धंदा करता है और यह सिर्फ इसलिए है क्युकी उसके अन्दर इतनी क्षमता है जिसे सही से द्केहे जाने की आवश्यकता मात्र है| गूगल बहुत सारे तरीको से पैसे कमाता है जिनमे बहुत तरह के इसके स्वयं के एप्लीकेशन है जिस पर अनेक तरीको से धनोपार्जन युक्ति लगी रहती है| गूगल का यह तरीका हालाँकि जाने वाला नही है क्युकी चाहे कुछ भी कहिये गूगल की सर्विस बहुत अच्छी है जिसे सभी ग्राहक लोग पसंद करते है|
"जो भरा नहीं है भावों से, जिसमें बहती रसधार नहीं, वह हृदय नहीं पत्थर है, जिसमें स्वदेश का प्यार नहीं"