The graceful mudras of classical dance
Posted: Tue Aug 13, 2024 5:58 pm
शास्त्रीय नृत्य की सुंदर मुद्राएँ (मुद्राएँ) भारतीय नृत्य कला का अभिन्न हिस्सा हैं, जो प्रत्येक भावनात्मक और कथात्मक तत्व को अभिव्यक्त करने में सहायक होती हैं। ये मुद्राएँ, जो अक्सर हाथों और शरीर की विशेष अवस्थाओं में होती हैं, कथाओं और भावनाओं को गहराई से प्रकट करती हैं। जैसे भरतनाट्यम में अंगिका मुद्राएँ और अहंगारी मुद्राएँ नृत्य की सूक्ष्मताओं और भावनाओं को दर्शाती हैं, वहीं कथक में अहिंसा मुद्राएँ और शिव मुद्रा देवताओं की पूजा और ध्यान को स्पष्ट करती हैं। कुचिपुड़ी में भी मुद्राएँ नृत्य की भावनात्मक गहराई को प्रकट करती हैं, जैसे लक्ष्मी मुद्रा और वीर मुद्रा, जो कथा और भक्ति को विशेष रूप से व्यक्त करती हैं। इन मुद्राओं के माध्यम से नर्तकियां और नर्तक कथा, भावनाएँ और आध्यात्मिकता को दर्शक तक प्रभावी ढंग से पहुंचाते हैं, जिससे शास्त्रीय नृत्य का अभिव्यक्तिपूर्ण और अनुभवात्मक पहलू समृद्ध होता है।